खैरागढ़। कपिनाथ महोबिया खैरागढ़ विधानसभा के चर्चित चेहरे हैं जिन्हे पूरा विधानसभा किल्लु महोबिया के नाम से पहचाता है। कपिनाथ महोबिया की राजनीतिक अनुभव की यदि हम बात करें तो छात्र जीवन से ही राजनीति में आ गए थे। समय समय पर अपनी बुद्धिमत्ता एवं राजनीति में सक्रियता के चलते विभन्न पदों पर कांग्रेस पार्टी में पदस्थ रहते आये हैं। वर्तमान में खैरागढ़ विधानसभा से विधायक प्रतिनिधि का दायित्व निभा रहे हैं। इनकी तीव्र बुद्धि एवं राजनीति के क्षेत्र में परिपक्वता की वजह से पूर्व विधायक स्व. राजा देवव्रत सिंह के भी आंख के तारे थे।
खैरागढ़ विधानसभा से अपनी दावेदारी पेश करते हुए कांग्रेस पार्टी के छुईखदान ब्लाक अध्यक्ष के समक्ष कुछ रोज पूर्व ही इन्होंने आवेदन दिया है। विधानसभा में दावेदारी किए जाने की जानकारी जैसे ही महोबिया समाज को मिली तो पूरा महोबिया समाज भी इनके समर्थन में उतर आया है। वैसे तो महोबिया स्वभाव से ही बेहद सरल , एवं मिलनसार तथा हँस मुख चेहरे के हैं , साथ साथ आम जनसेवा हेतु सदैव ततपर रहते हैं।
▪️ग्राम पांडादाह में आया था भीषण बाढ़―
बात उन दिनों की है जब खैरागढ़ विधानसभा के अंतर्गत ग्राम पांडादाह का क्षेत्र शामिल था। भीषण बाढ़ में इन्होंने काफी जनसेवा की थी। ग्राम पांडादाह में लगभग बर्ष 2003-04 को भारी वर्षा के चलते भयंकर बाढ़ आ गया था। जिसके कारण आधे से ज्यादा गांव के ज्यादातर सभी घरों में पानी भर गया था । बाढ़ के कारण कई मकान ढह कर बह गए तो कई घर बाढ़ के तीव्र प्रवाह से ध्वस्त हो चुके थे। यह मंजर देख कपिनाथ महोबिया ने तत्काल पूर्व विधायक दिवंगत राजा देवव्रत सिंह जी से चर्चा कर वस्तुस्थिति से उन्हें अवगत करवाया था। परिणाम स्वरूप पूर्व एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व.अजित जोगी जी को सुबह 9 बजे ग्राम पंचायत पांडादाह आना पढ़ा था। जहाँ उनके द्वारा बाढ़ से प्रभावित पीड़ितों की तत्कालिक हर सम्भव सहायता प्रदान किया गया। आपको बता दें कि मूलतः छुईखदान तहसील के ग्राम शाखा कोराय के छोटे से गांव से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में कपिनाथ महोबिया ने आज अपनी मेहनत से अलग ही पहचान बनाया है ।
▪️कोरोना संक्रमण काल के दौरान सरकारी अस्पताल में किया था ऑक्सीजन मशीन दान―
▪️जब देश में विगत वर्ष कोरोना की भयंकर स्थिति निर्मित थी। उस समय भी इन्होंने अपने दादा के नाम से ऑक्सीजन मशीन खैरागढ़ अस्पताल को दान दिया था। पूरे कोरोना संक्रमण काल के दौरान इनके द्वारा पीड़ित एवं प्रभावितों को आर्थिक एवं खाद्य (राशन) समाग्री देकर जनसेवा किया गया था। इनके द्वारा समाज में सहयोग एवं सेवा का कार्य समय समय पर किया जाता रहा है। समय आने पर विभिन्न आयोजनों में भरपूर सहयोग करते हुए ग्रामीण क्षेत्रो में धार्मिक अनुष्ठान तथा मन्दिर निर्माण भी करवाया गया है।
▪️दिवंगत राजा देवव्रत सिंह के थे करीबी―
▪️देवव्रत सिंह जी के समय श्री महोबिया 5 से 6 विभाग के विधायक प्रतिनिधि रह चुके हैं―
उन दिनों श्री महोबिया दिवंगत विधायक राजा देवव्रत के सबसे करीबियों में शुमार हुवा करते थे। या यूं कहें कि राजा देवव्रत सिंह के नौ रत्नों में से ये भी एक रत्न थे। समय समय पर इनसे राजा देवव्रत सिंह भी राजनीति से जुड़ी चर्चाएं करते हुए सलाह भी लिया करते थे। एक तरह से ये उनके कुछ मामलों में राजनीतिक सलाहकार भी हुवा करते थे।
ऐसा मैं इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि जब राजनांदगांव जिला में दिवंगत राजा देवव्रत सिंह सांसद थे उस वख्त उन्होंने अपने सबसे करीबी एवं चुनिंदा लोगों को ही अपना सांसद प्रतिनिधि नियुक्त करते हुए यह जिम्मेदारी दी थी। जिनमें कपिनाथ महोबिया को सांसद प्रतिनिधि बनाया था।
▪️नवाज खान जब युवक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष थे तब महोबिया थे जीला उपाध्यक्ष ―
उनकी यही ऊर्जा थी जो आज लोगों को दिखाई दे रही है। छोटे से गांव से उभर कर नगर के राजनीतिक पटल पर अपना नाम स्थापित करने वाला महोबिया की ये ऊंची सोच का ही नतीजा है , जो आज नगर में पुनः चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्राम पांडादाह में युवक कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहे , खैरागढ़ ब्लाक कांग्रेस में महासचिव के पद पर लंबे समय तक आसीन रहे। पूर्व विधायक के साथ वर्तमान विधायक के प्रतिनिधि भी बने हैं। जिस समय राजनांदगांव जिले के युवक कांग्रेस के अध्यक्ष नवाज खान थे उस वख्त कपिनाथ महोबिया जिला युवक काँग्रेस के उपाध्यक्ष थे।
▪️पार्टी में बनाये रखा है अपनी सक्रियता ―
कहते हैं कि बचपन से ग्राम की गलियों एवं नुक्कड़ से लेकर खेल के मैदान तक और फिर बचपने को छोड़ते हुए कॉलेज की पढ़ाई के बाद से राजनीति में अपना नाम स्थापित करने का सफ़र काफी संघर्ष से भरा रहा है। जिसकी काफी बड़ी लंबी फेहरिस्त है। यह सब एक पल में नहीं हुआ इसके लिए उन्होंने एक लंबा सफर तय किया है। आज एक सफल राजनीतिक व्यक्ति के रूप में संघर्षरत हैं।
इनके बारे में यह बात भी चरितार्थ है कि ये पार्टी में सदैव सक्रिय रहे हैं एवं राजनीतिक जीवन की प्रत्येक उतार चढ़ाव के हर कसौटियों पर महोबिया खरे ही उतरे है।