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कमलनाथ के किले को भेदने प्रदेश सरकार ने झोंकी पूरी ताकत

प्रदेश की सबसे हॉट सीट बनी छिंदवाड़ा

क्‍या चुनावी रणनीति से भाजपा के चक्रव्यूह को भेदेंगे कमलनाथ?

भाजपा के लिए छिंदवाड़ा सीट बन गई नाक का सवाल

विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन
लोकसभा चुनाव के मतदान में अब कुछ ही दिन शेष रह गये हैं। देशभर में लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। यही कारण है कि सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी तैयारी, रैलियों में पूरी तरह से व्यस्त हैं। लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में पूरे देश की नजर मध्यप्रदेश के ऊपर है। हर कोई मध्यप्रदेश की ओर टकटकी लगाए हुए बैठा देख रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने 29 लोकसभा सीटें जीतने का जो दावा किया है उस दावे को लोग खोखला साबित होता देखना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के लिए मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटें जीतने का दावा अब नाक का सवाल बन गया है। यही कारण है कि प्रदेश से लेकर दिल्ली और संगठन के सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता पूरी ताकत मध्यप्रदेश में झोंकने में जुटे हुए हैं। कार्यकर्ता और नेताओं के माथे पर लकीरों को देख मानों ऐसा लग रहा है जैसे वो पूरे देश की सीटें छोड़ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट जीतने के लिए सब कुछ कर गुजरने के लिए तैयार हैं। इसके लिए भाजपा ने कुछ महीने पहले से ही जोड़तो़ड़ की राजनीति शुरू कर दी थी, जिसमें लोकसभा चुनाव नजदीक आते-आते और गति मिल गई है। कुल मिलाकर भाजपा नेताओं की यह कुटीलता क्या रंग लाती है यह तो 04 जून को मालूम चलेगा। फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री और छिंदवाड़ा के लोगों के मसीहा कमलनाथ और नकुलनाथ पूरी रणनीति के साथ लोकसभा चुनाव में उतर चुके हैं।

क्या कमलनाथ तोड़ पाएंगे भाजपा का चक्रव्यूह?
जिस तरह से महाभारत में कौरवों ने पांडवों के विरुद्ध चक्रव्यूह की रचना की थी। उसी तरह से भाजपा ने कमलनाथ के खिलाफ चक्रव्यूह तैयार किया है। महाभारत में जहां पांडव पांच थे, वहीं कमलनाथ यहां अकेले हैं। भले ही कमलनाथ युद्ध के मैदान में अकेले हों, लेकिन वे आज भी इतना चतुराई रखते हैं कि उन्हें भाजपा नेताओं के चक्रव्यूह को कैसे भेदना है। यही कारण है कि छिंदवाड़ा की जनता आज भी कमलनाथ के साथ है और उन्हें निरंतर समर्थन देती आ रही है। अब देखने वाली बात यह है कि कमलनाथ भाजपा के इस चक्रव्यूह को किस ढंग से भेदते हैं।

आखिर ऐसा क्या है छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में?
चुनावी विशेषज्ञों के अनुसार भाजपा और उसके नेता जिस ढंग से छिंदवाड़ा लोकसभी सीट को लेकर आतुर हो रहे हैं उसे देख अब तक मन में उत्सुकता बनने लगी है कि आखिर ऐसा क्या है इस छिंदवाड़ा लोकसभी सीट में है कि भाजपा इस एक सीट को जीतने के लिए प्रदेश की चार अन्य सीटें गंवाने के लिए तैयार हो गई है। जानकारी के अनुसार भाजपा आज भी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कमजोर है और उसे इस समय सबसे ज्यादा इन क्षेत्रों में ध्यान देने की आवश्यकता थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित पूरी भाजपा ब्रिगेड छिंदवाड़ा में डेरा डाले हुए बैठी है।

अमित शाह खुद भी खा चुके हैं मात
कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए। विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के पहले कई बार गृहमंत्री और राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह छिंदवाड़ा पहुंचे थे और उन्होंने वहां चुनावी रैली की थी। लेकिन चुनावी रैली में पर्याप्त जनसमर्थन न मिलने के कारण वे भाजपा कार्यकर्ताओं और प्रदेश के नेताओं पर खासे नाराज भी हुए थे। उसके बाद उन्होंने प्रदेश के नेताओं को हिदायत दी थी कि विधानसभा चुनाव में भाजपा छिंदवाड़ा विधानसभा सीट जरूर जीतेगी। लेकिन कमलनाथ के विकास के पहिये और जनकल्याण की योजनाओं के आगे अमित शाह को भी मुंह की खानी पड़ी और कमलनाथ ने भाजपा के प्रत्याशी बंटी साहू को कड़ी मात देते हुए विधानसभा चुनाव में पटखनी दी थी। अब नकुलनाथ ऐसी ही पटखनी देने की तैयारी में है।

जोड़ तोड़ से पीछे नहीं हट रहे भाजपा नेता
विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही भाजपा नेताओं ने छिंदवाड़ा जिले के स्थानीय नेताओं को डरा धमकाकर भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने का अभियान शुरू किया। इसके तहत अब तक छिंदवाड़ा के महापौर सहित कई प्रमुख नेता, कमलनाथ के करीबी कार्यकर्ता और राजनेता सहित अन्य नेता बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गये हैं। नाम न छापने की शर्त पर छिंदवाड़ा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लोग स्पष्ट तौर पर हमें धमकियां दे रहे हैं कि अगर लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा की सदस्यता नहीं ली तो मतदान के पहले ही ईडी की छापेमार कार्यवाही के शिकार हो सकते हैं। बस यही एक डर था जिसके बाद हमें न चाहते हुए भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण करना पड़ी।

नंबर बढ़ाने के चक्कर में कम न हो जाए सीटें
भाजपा के वरिष्ठ नेता से हुई चर्चा में मालूम हुआ कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट केवल भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेताओं की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह सहित जेपी नड्डा के सामने नंबर बढ़ाने की होड़ है। अमित शाह की छिंदवाड़ा रैली में इच्छानुसार जनसमर्थन न मिलने के कारण जब शाह ने प्रदेश के नेताओं को फटकार लगाई तो सभी पूरी तरह से स्तब्ध हो गये थे और शाह प्रदेश के नेताओं से नाराज होकर चले गये थे। तभी से भाजपा नेता छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के पीछे पड़े और प्रदेश के नये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली में वादा कर दिया कि मैं अकेले दम पर प्रदेश में 29 लोकसभी सीट लेकर आऊंगा। अब यादव जी का वादा कितना सही होता है यह तो आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल भाजपा के अन्य नेता इस बात को लेकर संशय में हैं कि कहीं नंबर बढ़ाने के चक्कर में लोकसभा की दूसरी सीटें हाथ से न निकल जायें।

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