रायपुर । देश में लागू हुई नई 4 श्रम संहिताओं को लेकर श्रमिक संगठनों की प्रतिक्रियाएँ लगातार सामने आ रही हैं। इसी क्रम में खदान मजदूर संघ के केंद्रीय महामंत्री उमेश मिश्रा ने केंद्र सरकार के निर्णय को श्रमिक हित में सराहनीय और ऐतिहासिक कदम बताया है।
उमेश मिश्रा ने कहा कि वर्षों से श्रमिकों से जुड़े कानून जटिल, बिखरे हुए और कई बार व्यवहारिकता से कोसों दूर थे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन्हें एकीकृत कर आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया गया है, जिससे देशभर के मजदूरों को लाभ मिलेगा। उन्होंने इसे “श्रमिकों के लिए नए युग की शुरुआत” करार दिया।
केंद्रीय महामंत्री ने विशेष तौर पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि मजदूरों, नियोक्ताओं और विशेषज्ञों से व्यापक संवाद कर कोड्स को सुदृढ़ रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन की गारंटी, समय पर भुगतान, सामाजिक सुरक्षा का विस्तार और कार्यस्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था—इन सभी सुधारों से खदान मजदूरों के जीवन स्तर में ठोस सुधार होगा।
मिश्रा ने कहा कि व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थितियाँ संहिता (OSH Code) खदान क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों को मजबूत करेगी और दुर्घटनाओं की आशंका को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। साथ ही सोशल सिक्योरिटी कोड मजदूरों को बीमा, पेंशन और भविष्य निधि जैसे लाभों को और सुलभ बनाएगा।
उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि श्रम संहिताओं के राज्यों में प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विशेष निगरानी व्यवस्था बनाई जाए, ताकि देशभर के खदान मजदूर इन सुविधाओं का वास्तविक लाभ उठा सकें।
अंत में उमेश मिश्रा ने कहा कि श्रम सुधारों का यह चरण भारत के आर्थिक विकास मॉडल में मजदूर-केन्द्रित सोच को सशक्त रूप से स्थापित करता है और आने वाले समय में इसका व्यापक सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा।







