बीजेपी पर भारी पड़ रहे भूपेश बघेल सरकार के वो 59महीने

भाजपा चुनाव मैदान में दिग्गज नेताओं को उतारने को हुई मजबूर
भूपेश ने कांग्रेस को एक सूत्र में बांधा

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है। इस शंखनाद के साथ ही अगले दो महीने में यह तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जायेगी कि प्रदेश का अगला मुखिया कौन होगा, कौन सी पार्टी अगले पांच वर्ष प्रदेश में सरकार चलायेगी। आमतौर पर बहुत कम ऐसे नेता होते हैं जो अपने संसाधनों से, अपने बल से, अपने खर्च से लोगों का, क्षेत्र का, अपनी पार्टी का और अपने प्रदेश का कल्‍याण करते हों। ऐसे नेताओं में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम प्रथम स्‍थान पर आता है। वह चाहे 2018 का छत्तीसगढ़ का आम चुनाव हो या 2019-2020 को कोरोनाकाल का समय हो या छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल हो। इन मामलों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने व्‍यक्गित संबंधों से और अपने संसाधनों से लोगों के कल्‍याण के काम किये हैं। छत्तीसगढ़ में आज ऐसे ही नेता की आवश्‍यकता है जो किसी भी परिस्थिति में प्रदेश को उबारने में सफलता हासिल कर सके। भूपेश बघेल ही वह नेता हैं जिन पर पूरे राजनीतिक जीवन में एक भी भ्रष्‍टाचार करने का दाग नहीं लगा है। शायद यहीं कारण है कि‍ प्रदेश की जनता आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भरोसा कर प्रदेश की कमान भूपेश बघेल को सौंपना चाहती है।
खैर, प्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीत के लिये दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टी कांग्रेस और भाजपा ने इस बार काफी जोर लगा लिया है। लेकिन प्रदेश की जनता की तरफ से जो संकेत मिल रहे हैं उससे एक बात तो साफ है कि एक बार फिर भूपेश बघेल में पंजा ही खिलेगा। यह इसलिये भी है क्योंकि बीते 59महीनों में सरकार में मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष , मंत्री विधायक से जिस कुशलता के साथ संगठनात्मक संरचना को मजबूती प्रदान करने का काम किया है उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश की जनता में एक बार फिर भूपेश बघेल पूरी तरह से रच-बस गये हैं। स्थानीय स्तर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता बढ़ गई है और लोग उन्हें इस बार पुनः छत्तीसगढ़ कि को सत्ता सौंपना चाहते हैं।

  वहीं प्रदेश में बीजेपी भूपेश की लोकप्रियता से इतनी घबरा गई है कि उसे चुनाव मैदान में केन्‍द्रीय मंत्री, सांसद और कई दिग्‍गजों को उतारना पड़ गया है। प्रदेश में इतनी बैचेनी पहली बार देखने को मिल रही है। इससे पहले कभी भी प्रदेश में भाजपा को इतनी घबराहट में नहीं देखा है। यह सब  मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के कारण ही हुआ है। भूपेश जिस तरह से पिछले पांच वर्षों से प्रदेश को अपना पूरा समय दे रहे हैं और पार्टी को संगठनात्मक रूप से मजबूत कर रहे है उससे प्रदेश में इस बार फिर कांग्रेस की सरकार बनते दिख रही है।