अग्रवाल की साख और लोकप्रियता का भाजपा को मिलेगा फायदा
कांग्रेस-बीजेपी में मची उम्मीदवारी की होड़
विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन
छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट हॉट सीट बनी हुई है। इस सीट से विधायक बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है। जल्द ही यहां उपचुनाव होने हैं। छत्तीसगढ़ में राज्य की विष्णुदेव साय सरकार मोदी के सपनों को साकार करने में जुटी है। इस बीच विधानसभा चुनाव सरगर्मियां भी तेज हैं। दरअसल प्रदेश के कद्दावर मंत्री और नेता ब्रजमोहन अग्रवाल अब संसद की सीढ़ी चढ़ चुके हैं। सांसद बनने के बाद उनकी विधायक पर बीजेपी के कई नेताओं की निगाहें टिकी हुई हैं। रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर बृजमोहन अग्रवाल लगतार 08 बार विधायक रह चुके हैं। उनके कैरियर की शुरूआत ही रायपुर शहर के दबंग नेता के रूप में हुई थी। वर्तमान में यह सीट उनकी पहचान बन चुकी है। राज्य में चाहे सत्ता कांग्रेस की हो या बीजेपी हो, दोनों ही दलों के वरिष्ठ नेता यह मानकर चलते हैं कि इस सीट पर बृजमोहन की ही जीत तय है। हालांकि होता भी ऐसा ही था। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी अग्रवाल इस सीट से रिकार्ड मतों से जीतते रहे हैं। अब उनके लोकसभा में जाने के बाद इस सीट पर भाग्य अजमाने के लिए बीजेपी के भीतर दावेदारों की लंबी कतार लग गई है। सूत्रों के मुताबिक एक दर्जन से ज्यादा नेताओं ने इस सीट पर अपना दावा ठोका है। यह हाल कांग्रेस का भी बताया जा रहा है। यहां भी टिकट मांगने वालों की भीड़ जुटी है। हालांकि उम्मीदवार कौन होगा यह तो वक्त ही बतायेगा। लेकिन इस हाईप्रोफाइल सीट पर अभी से दांव भी लगने लगा हैं। बताते हैं कि उपचुनाव के लिए अब बमुकिश्ल चार माह का समय बचा है। इसके चलते दावेदारों की बेचैनी बढ़ गई है। दरअसल जिस सीट पर उपचुनाव होने वाले है वह बीजेपी का गढ़ माना जाता है। इसका मतलब यह है कि जो भी प्रत्याशी बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ेगा उसकी जीत पक्की है। यही कारण है कि दावेदारों की संख्या अधिक है। भाजपा के शीर्ष नेताओं की दिल्ली की दौड़ शुरू हो गई है। वहीं, संगठन की मानें तो, भाजपा दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल की तरह ही ऐसे प्रत्याशी की तलाश में जुटी है, जो कि अगले 20 से 25 वर्षों तक दक्षिण की कमान संभाल सके और भाजपा का गढ़ वहां बना रहे। इसके लिए भाजपा संगठन में चर्चाओं का दौर भी लगभग अपने अंतिम चरण पर है।
कांग्रेस की ओर से भी आजमाईश
दूसरी तरफ देखा जाये तो कांग्रेस की ओर से काफी नेता जोर अजमाईश में लगे हैं। प्रदेश कांग्रेस नेताओं से लेकर हाईकमान तक अपना दावा मजबूत करने में लगे हैं। दिलचस्प तो यह भी है जो कांग्रेस नेता विधानसभा और लोकसभा का चुनाव हार गए हैं। वह भी टिकट की दावेदारी पेश करने में लगे हैं। सूत्रों की माने तो कोई एक दर्जन दावेदार हैं। अब कांग्रेस भी असमंजस में है कि आखिर किसको टिकट दिया जाये। दूसरी तरफ कांग्रेस का प्रयास है कि वह ऐसे उम्मीदवार का चयन करना चाहती है कि जो बीजेपी को टक्कर दे सके और सीट निकाल सके। कांग्रेस से इस बार पुराने प्रत्याशी भी अपनी-अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं, लेकिन पुराने चेहरों की हार को देखते हुए कांग्रेस भी इस बार किसी युवा चेहरे को मौका दे सकती है।
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट
इस सीट पर लंबे समय तक भाजपा का कब्जा रहा। बृजमोहन अग्रवाल के अलावा किसी भी राजनीतिक दल, जाति, धर्म, समुदाय के नेता को यहां की जनता ने मौका नहीं दिया। इस सीट से कांग्रेस, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस सहित निर्दलीय किसी भी जाति धर्म समुदाय के नेता को कभी जीत नहीं मिली। यही वजह है कि इस सीट को लेकर चर्चा है कि यहां पर जातिगत समीकरण काम नहीं आता है, मतलब कि इस सीट पर जातिगत समीकरण पूरी तरह फेल है।
रायपुर दक्षिण सीट से दो प्रमुख दावेदार
दो प्रमुख दावेदारों में सबसे मजबूत नाम पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव और प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रह चुके प्रेम प्रकाश पांडेय का नाम चल रहा है। श्रीवास्तव भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। 2003 के विधानसभा चुनाव में रायपुर ग्रामीण सीट से सुनील सोनी के साथ श्रीवास्तव का नाम भी सबसे आगे चल रहा था, लेकिन स्व. लखीराम अग्रवाल के हस्तक्षेप के बाद राजेश मूणत को प्रत्याशी बना दिया गया। श्रीवास्वत मेयर पद के दावेदार थे, लेकिन उन्हें सभापित पद से संतोष करना पड़ा। वो रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कई बार रायपुर उत्तर सीट से श्रीवास्तव का नाम चर्चा में रहा पर उन्हें टिकट नहीं मिल सका। विधानसभा चुनाव 2023 में उन्हें सरगुजा संभाग का प्रभारी बनाया गया था, जहां पार्टी ने सभी 14 सीटों पर जीत का परचम लहराया। इस वजह से उनका कद बढ़ा हुआ है।
एक अनार सौ बीमार जैसी है कांग्रेस की हालत
रायपुर दक्षिण सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांगेस की हालत एक अनार सौ बीमार जैसी है। यहां पर एक नहीं बल्कि कई दिग्गज टिकट की लाईन में लगे हुए हैं। जिसमें पमुख नाम हैं- प्रमोद दुबे, कन्हैया अग्रवाल, एजाज ढेबर, आकाश शर्मा और सनी अग्रवाल। वहीं बीजेपी की बात की जाये तो यहां पर भी एक नहीं कई दावेदार हैं। नरेश चंद्र गुप्ता, मनोज शुक्ला, अमित साहू और संजय श्रीवास्तव के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं।