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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में छाया धर्म का मुद्दा, शैलजा के बयान पर बृजमोहन आक्रामक

कांग्रेस कर रही तुष्टिकरण की राजनीति, छत्तीसगढ़ को बनाया धर्मांतरण का गढ़

रायपुर। जीत को लेकर जहां कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त, वहीं बीजेपी भी एक बार फिर सत्ता में आने के लिए अपनी जीत को सुनिश्चित बता रही

छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं और चुनाव जीतने के लिए नई-नई रणनीति तैयार कर रही है. इस चुनाव में अपनी जीत को लेकर एक तरफ जहां कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी भी एक बार फिर सत्ता में आने के लिए अपनी जीत को सुनिश्चित बता रही है. बस्तर की बात की जाए तो पिछले कुछ महीनों से यहां धर्म का मुद्दा छाया हुआ है. 

जगदलपुर में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के छत्तीसगढ़ दौरे और धर्म की राजनीति वाले सवाल पर कहा कि धर्म की आड़ लेना बीजेपी की पुरानी आदत है। धर्म की आड़ लेते हैं ठीक है, लेकिन धर्म निभाना तो सीखें। लोगों के प्रति उनका क्या कर्तव्य है ? क्या धर्म है ?. कर्तव्य और धर्म निभाना यह सीखें, जिसमें यह लोग पूरी तरह से फेल हो चुके हैं।

सैलजा ने कहा कि धर्म है लोगों के प्रति विश्वास और विश्वास जीतना, केवल उसकी बातें करना नहीं। बीजेपी केवल जुमलेबाजी और हवा की बातें कर रही है, जमीन पर उतरे जमीनी राजनीति को समझे। छत्तीसगढ़ की जनता के मन में क्या है वो समझे। वह उनके अभी भी समझ में नहीं आ रहा है।

बीजेपी को यह पता है कि उनके पास कोई कार्ड नहीं

कांग्रेस पार्टी पर लोगों का विश्वास है। बीजेपी को यह पता है कि उनके पास कोई कार्ड नहीं है। पिछली बार राहुल जी ने घोषणा की थी। किसान कर्ज माफी की और वह वादा हमने 24 घंटे के अंदर पूरा किया। आज भी हम कह रहे हैं तो लोगों का विश्वास कांग्रेस पार्टी पर ही आता है। बीजेपी ने अब तक एक भी वादा नहीं किया है क्यों नहीं कर पाए क्योंकि उन्हें भी मालूम है उनके वादे जुमलेबाजी साबित होते हैं।

दरअसल, बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही हर बार की तरह इस बार भी बस्तर को राजनीतिक परिवेश में ज्यादा महत्वपूर्ण मानकर चल रहे हैं. इसी परिप्रेक्ष्य में जहां भाजपा के प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेता धर्मान्तरण को लेकर बस्तर का माहौल गर्माए हुए हैं. वहीं, कांग्रेस की शीर्ष नेत्री प्रियंका गांधी और छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा भी बस्तर से चुनावी शंखनाद कर पार्टी में नयी ऊर्जा का संचार कर चुकी हैं.

भाजपा का बस्तर में हिंदु मुस्लिम वोटरो पर फोकस, कांग्रेस किरश्चन और मुस्लिम वोटरों को साध रहे

भाजपा बस्तर में  हिंदु मुस्लिम वोटरो पर ज्यादा फोकस कर रही हैं. इसलिए कांग्रेस किरश्चन और मुस्लिम वोटरों को साधने में अभी से जुट गई है. कांग्रेस यह दोनों ही धर्म के लोगों की वोटों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रही है. बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि बस्तर संभाग में एक भी धर्मांतरण के मामले सामने नहीं आए बीजेपी बस्तर के शांत माहौल को बिगाड़ने में तुली हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सर्वधर्म एक है. इसमें क्रिश्चन मुस्लिम सभी धर्म को लेकर चलती है.

धर्मांतरण के पिशाची चेहरे का नवम्बर में होगा उजागर- बृजमोहन

वहीं इस मामले को लेकर भाजपा के दमदार नेता बृजमोहन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा विकास की राजनीति करती है। कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में होती है तब जाति और समाज का ध्रुवीकरण करके तुष्टिकरण की राजनीति करती है। कवर्धा का मामला हो या बिरनपुर का मामला हो कांग्रेस ने न्याय देने के बजाय तुष्टिकरण करने का काम किया है। छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस के चाल और चरित्र को भलीभांति समझ लिया है। चुनाव के समय इनका हिंदूवादी चेहरे के पीछे जो धर्मांतरण करने वाले पिशाची चेहरा है उसे आज प्रदेश की जनता देख रही है। जनता नवम्बर में जवाब देगी।

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