महासमुंद,लोहराकोट। शासकीय आदर्श महाविद्यालय लोहराकोट में सोमवार को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एक भव्य एवं प्रेरणादायी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के अदम्य साहस, त्याग और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को नए भारत की युवा पीढ़ी के समक्ष प्रस्तुत करना रहा। यह दिवस प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल पर वर्ष 2021 से पूरे देश में मनाया जा रहा है, जिसके तहत जनजातीय समाज के गौरवमयी इतिहास को सम्मान देने की परंपरा स्थापित हुई है।
मुख्य वक्ता ने कहा—“उलगुलान सिर्फ विद्रोह नहीं, एक चेतना का नाम”
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित श्री कमलेश डड़सेना ने अपने प्रभावशाली उद्बोधन में जनजातीय नायकों को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री की दूरदर्शी पहल की सराहना की। उन्होंने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के उलगुलान आंदोलन को जनजातीय अस्मिता और अधिकारों के लिए लड़ी गई ऐतिहासिक लड़ाई बताया।
डड़सेना ने कहा कि बिरसा मुंडा का संघर्ष जल-जंगल-जमीन तथा आत्मसम्मान की रक्षा का प्रतीक है, जिसे युवा पीढ़ी को समझने की आवश्यकता है।
इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि अंग्रेजी शासन के अत्याचारों के विरुद्ध उनका विद्रोह समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा के लिए था। गरीबों को अनाज उपलब्ध कराने के उनके प्रयास आज भी प्रेरणादायी हैं।
विशिष्ट अतिथि और प्रशासनिक टीम की उल्लेखनीय भूमिका
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री मनोज कोसरिया उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के सुचारू संचालन में प्रशासनिक टीम की भूमिका महत्वपूर्ण रही—
- कार्यक्रम संयोजक: डॉ. एस. एस. दीवान
- उप-संयोजक: श्री एस. विशाल
- नोडल अधिकारी: श्री पी. ठाकुर
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी व्याख्यातागण, स्टाफ सदस्य और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ मौजूद थे।
कार्यक्रम का समापन जनजातीय नायकों के आदर्शों को अपनाने और संस्कृति संरक्षण के संकल्प के साथ हुआ।







