दो जिले के लोगों को होती है आवागमन में दिक्कत।

सूरजपुर। नेशनल हाईवे अम्बिकापुर बिलासपुर 130 को जोड़ने वाली सड़क तारा सूरजपुर लगभग 10 से 15 सालों से आधुरा पड़ा हुआ है।जिससे यह सड़क दो जिले सरगुजा और सूरजपुर को जोड़ती हैं।।इस सड़क मार्ग से ज्यादा तर दोनों जिले के लोग आवागमन करते हैं लेकिन 10 से 15 साल से अधूरे सड़क निर्माण के कारण आम लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इस मार्ग से बड़े एवं छोटे वाहनों का 24 घंटे आवागमन लगा रहता है लेकिन सड़क नहीं बनने से अब अधिकांस लोग इस रास्ते से आवागमन करने से कतराते हैं।इस ओर न अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और ना ही जनप्रतिनिधि जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

20किलोमीटर सड़क की हालत अत्यंत दयनीय, बड़े बड़े गिट्टी निकल आये हैं सड़क पर।

तारा सूरजपुर मार्ग की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है।जो जिला मुख्यालय सूरजपुर से संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर को जोड़ती है।इस मार्ग से सरगुजा सूरजपुर जिले के सैकड़ों गांवो के लोग प्रति दिन ठोकर खा खा के चल रहे हैं।लगभग 15 साल पूर्व इस सड़क का निर्माण चालू हुआ था लेकिन तारा से कांटा रौली 8 किलोमीटर अधूरा पड़ा है वही रघुनाथ पुर ,ब्रम्हपुर सहित अन्य लगभग 20 किलोमीटर दूरी तक सड़क बेहद खराब हालत में है। जिससे पैदल चलना मुश्किल हो गया है।सड़क पर बड़े बड़े गड्डो के साथ साथ गिट्टी निकल आया है बरसात के दिनों में आवागमन की समस्या और बढ़ जाती है। जब इस सड़क का टेंडर हुआ उस समय सड़क की हालत अच्छी थी कम से कम आवागमन हो रहा था लेकिन टेंडर बाद सड़क को विभाग एवं ठेकेदार उखड़वा दिया निर्माण के लिए तब से आज तक सड़क बन नहीं पाया।इस मार्ग से कई बार अधिकारी, मंत्री, नेताओं का आवागमन होता है लेकिन इस ओर किसी ने सुध नहीं लिया जिस कारण लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

यह सड़क स्टेट जमाने की बनी सड़क हैं।

इस क्षेत्र के लोगों का मानना है कि यह सड़क तारा सूरजपुर स्टेट जमाने की सड़क हैं।लोगों का मानना है जब अविभाजित सरगुजा था उस समय लोगों पकडण्डी रास्ते के सहारे इस मार्ग से पैदल आवागमन करते थे।बाद में सड़क बन गई दशकों पुराने सड़क होने के बाद में आज तक सड़क नहीं बन पाना बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सड़क की स्थिति यह है कि अब पहले से भी खराब हो गया है लोग पैदल चलने में परेशान हो रहे हैं।

अधूरा सड़क का कारण विभाग को मान रहे हैं रोड़ा।

लोगों का मानना है कि दशको पुरानी पक्की सड़क जिनमें लम्बे समय से लोग आवागमन कर रहे थे जिसे अच्छे निर्माण के चक्कर में पुरानी सड़क को भी खोद कर बर्बाद कर दिया गया।और विभाग द्वारा सड़क विगत 15 सालों से आज तक नहीं बनवाया गया।लोगो का कहना है कि पहले यह मार्ग सड़क विकास निगम के अंतर्गत आता है बाद में अब यह पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर हो गया है।वही अधूरी सड़क का एव बड़ा रोड़ा विभाग के साथ साथ छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम को विभाग को भी माना जा रहा है। ।जबकि यह मार्ग स्टेट जमाने से हैं। महत्वपूर्ण अधूरे पड़े सड़क निर्माण को लेकर लोग का मानना है कि टेंडर पुरा सड़क का हुआ था तो कुछ दूर तक क्यो नहीं बना।जिसके लिए विभागीय अधिकारियों की लापरवाही हैं।

सरकार बदलने से सड़क निर्माण की आस।

इस क्षेत्र के लोगो का मानना है कि अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ है तो लोगों को आस जगी है कि अत्यंत महत्वपूर्ण सड़क का फिर से निर्माण चालू हो जाये और जर्जर सड़क के आवागमन से लोगों को मुक्ति मिले।

पूर्व में यह सड़क छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के अधीन था। टेंडर हुआ था लेकिन तारा से कांटारौली सड़क उस समय नहीं बनाया गया।अब यह सड़क पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है।जिसका नये सिरे से सुकृति हेतु फाइल भेजा गया है।बाकी जगहों जो सड़क खराब था उसे सुधार दिया गया है।

एस के मिश्रा एस