कर्मचारियों के आंदोलन में जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी के कगार पर,
प्रदेश के 16000 हजार से ज्यादा एनएचएम कर्मचारी होगे आंदोलन में शामिल,
सूरजपुर आशीष साहू, छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी, प्रदेश महासचिव कौशलेश तिवारी,डॉ रविशंकर दीक्षित, पूरन दास, हेमंत सिन्हा,श्याम मोहन दुबे,प्रफुल्ल कुमार ने सयुंक्त बयान जारी कर जानकारी दी कि सरकार के बेरुखी एवं अड़ियल रवैया से परेशान कर्मचारियों ने इस बार आंदोलन को अनिश्चित कालीन करने का निर्णय लिया हैं,
15 अगस्त 2025 को सरकार की ओर से मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे नाराज कर्मचारी आज से प्रदेशभर के 16,000 से अधिक एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार एवं काम बंद,कलमबंद हड़ताल करेंगे। इस बार संघ ने
एसएनसीयू में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (Special Newborn Care Unit) सहित आपातकालीन सेवा भी बंद रहेंगा
आपातकालीन सेवाओं को भी पूर्णतः बंद रखने का निर्णय लिया है। इस संबंध में संघ द्वारा शासन को पूर्व में ही सूचना दे दी गई है।
*एनएचएम कर्मचारियों की प्रमुख मांगे:*
*1. संविलियन/स्थायीकरण।
*2.पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना।
*3. ग्रेड पे का निर्धारण,
*4. कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता।
*5. लंबित 27% प्रतिशत वेतन वृद्धि।
*6. नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण।
*7. अनुकम्पा नियुक्ति।
*8. मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा।
*9. स्थानांतरण नीति,
*10. न्यूनतम 10 लाख कैसलेश चिकित्सा बीमा।
20 वर्षों की सेवा, फिर भी उपेक्षा:
एनएचएम कर्मचारी विगत 20 वर्षों से प्रदेश के सुदूर अंचलों से लेकर प्रमुख शासकीय संस्थानों में स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 महामारी जैसे संकट में भी इनकी भूमिका अतुलनीय रही है।
इसके बावजूद, आज भी उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है, जबकि अन्य राज्यों में इसी मिशन के कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हैं।
राजनीतिक समर्थन और अब की उपेक्षा:
संघ के प्रदेश प्रवक्ता: पूरन दास ने बताया कि मौजूदा सरकार के कई वरिष्ठ नेता – जैसे- विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा,वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी व वन मंत्री केदार कश्यप सहित बड़े नेताओ ने – पूर्व में एनएचएम कर्मचारियों के मंचों पर आकर समर्थन देते रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में चुनाव घोषणा पत्र : “मोदी की गारंटी” में नियमितीकरण का वादा भी किया गया था। बावजूद इसके, पिछले 20माह में 160 से अधिक बार ज्ञापन व आवेदन देने के बाद भी सरकार की ओर से कोई समाधान नहीं निकल पाया।
चेतावनी:* स्वास्थ्य सेवाएं होंगी प्रभावित,
अब कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य हैं। सरकार से आग्रह है कि वह तत्काल संवाद स्थापित करे, जायज़ मांगों पर निर्णय ले, अन्यथा छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बेपटरी हो सकती हैं, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी।
जिलाध्यक्ष बृजलाल पटेल ने बताया सूरजपुर जिला से 640 अधिकारी/कर्मचारी हड़ताल मे शामिल होगे.