“प्रदेश को दीमक की तरह बर्बाद करने में जुटे विधायक संजय पाठक
संजय पाठक के अत्याचारों से परेशान लोगों की सुनवाई थाने से लेकर मुख्यमंत्री निवास तक नहीं सुनने वाला कोई
अपने रसूख से पाठक बनवाते हैं राजनीतिक दबदबा
आखिर कौन है वो कटनी क्षेत्र का भाजपा विधायक और खनन माफिया जिसकी पिटाई गोवा में एक कॉल गर्ल ने किया”

-विजया पाठक (संपादक जगत विजन)
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मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और कटनी विधायक संजय विधायक के अत्याचार दिन प्रतिदिन जिलों के लोगों पर बढ़ते जा रहे हैं। विजयराघवगढ़ सीट से विधायक संजय पाठक को प्रदेश भाजपा का राजकीय कोष कहा जाता है शायद यही वजह है कि संजय पाठक की करतूतों पर खुद मुख्यमंत्री से लेकर पार्टी प्रमुख और अध्यक्ष आदि सभी ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। संजय पाठक का अत्याचार इस कदर बढ़ रहा है कि कभी वह विधानसभा क्षेत्र के लोगों से मारपीट करते हैं, हमेशा सूर्खियों में रहने वाले विधायक संजय पाठक इस बार पत्रकार के साथ मारपीट और उसका अपहरण के मामले में चर्चा का केन्द्र बने। इस मामले में कोर्ट ने विधायक संजय पाठक, नगर पालिक निगम अध्यक्ष मनीष पाठक समेत 8 लोगों पर केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

घर से उठाकर ले गये और की मारपीट
पीड़ित पत्रकार रवि गुप्ता की तरफ से पैरवी करने वाले एडवोकेट लोकेंद्र दुबे ने बताया कि करीब एक साल पहले एक खबर के सिलसिले में संजय पाठक और उनके चचेरे भाई मनीष पाठक, विनय दीक्षित, गुड्डा जैन, निक्कू सरदार, अनुज तिवारी, आरक्षक मुकेश पाण्डेय और सुधीर मिश्रा सहित अन्य लोग पत्रकार को घर से उठाकर ले गए थे। उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। जब पत्रकार शिकायत लिखाने पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने राजनीतिक दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद 4 जुलाई 2022 को कोर्ट में केस दायर किया गया है।

अपहरण और मारपीट का केस दर्ज
कोर्ट ने आदेश में कहा है कि आवेदक के साथ मारपीट की गई है. सार्वजनिक स्थल या उसके पास अश्लील गालियां दी गई थी. उसके साथ ही आवेदक पत्रकार को उसकी मर्जी के बिना गाड़ी में बिठा कर ले गए. बाद में उसके साथ मारपीट कर कार से बाहर फेंक दिया गया है और जान से मारने की धमकी दी गई है. अतः प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा-323, 294, 365, 366 और 506 ( 2 ) के अंतर्गत अपराध बनना प्रतीत होता है।

कई बड़े नेताओं को पोषित करते हैं पाठक
सूत्रों के अनुसार संजय पाठक पर भाजपा और पुलिस इसलिये भी कार्यवाही को अनदेखा करती हैं क्योंकि पाठक प्रदेश के कई बड़े नेताओं और पुलिस अफसरों को पोषित करते हैं। जाहिर है कि संजय पाठक का नाम मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायकों में शुमार है. उनके चुनावी हलफनामे के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 226 करोड़ रुपये है, जिसमें 55 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 171 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है।

होटल, माइन्स मुख्य व्यापार
संजय पाठक के पिता सत्येंद्र पाठक दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में मंत्री थे। इनके मप्र के नेशनल पार्क जैसे-कान्हा, पेंच के अलावा खजुराहो में सायना नाम से हेरिटेज होटल की चेन है। इसके साथ ही आयरन, बॉक्साइट, कोल आदि की माइन्स के ठेके भी संजय पाठक ने ले रखे हैं। इनकी इंडोनेशिया में भी कोल की माइन्स हैं। वर्ष 2011 में मप्र लोकायुक्त में इनके खिलाफ माइन्स घोटाले को लेकर शिकायत की गई थी। लेकिन उसके बावजूद भी कोई कार्य़वाही नहीं हुई और मामला रफा-दफा हो गया है।

संजय ने डरा धमका के जनता से हासिल किया जनमत
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अभी डेढ़ से दो महीने का समय बचा है। चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन उससे पहले ही कटनी जिले की विजयराघवगढ़ की जनता ने अपना विधायक चुन लिया है। संजय पाठक ने अपनी विधानसभा सीट में घोषणा की थी कि अगर जनता 50 फीसदी से कम वोट उन्हें देगी तो वह अगला चुनाव नहीं लडेंगे। सूत्रों के मुताबिक जनता ने अपने मर्जी से नहीं बल्कि संजय पाठक के डर से उन्हें वोट देने का वायदा किया। बीजेपी विधायक को संजय पाठक को लोगों ने 75 फीसदी वोट दिए हैं जबकि विपक्षी उम्मीदवार को महज 30 हजार वोटों से ही संतोष करना पड़ा है।

कभी खनन माफिया बुलाती थी भाजपा और शिवराज
विधायक संजय पाठक जब कांग्रेस में हुआ करते थे तो भाजपाई उन्हें पानी पी पीकर कोसा करते थे। भाजपा के कई दिग्गजों ने संजय पाठक को माइनिंग माफिया तक कहा। राजनीति की चालबाजियां देखिए, आज वही संजय पाठक शिवराज सरकार के विधायक महोदय हैं। अब सारे भाजपाई ना केवल चुप हैं, बल्कि उनका स्वागत कर फोटो सोशल मीडिया पर वायरल भी कर रहे हैं। 4 साल पहले जिस माइनिंग कारोबारी संजय पाठक को भाजपा नेता खुलेआम भरे मंचों से माइनिंग माफिया बुलाया करते थे, आज सीएम शिवराज सिंह चौहान ने काले धन मामले में उनका नाम आते ही कटनी एसपी गौरव तिवारी का ट्रांसफर कर दिया था। यह मामला 500 करोड़ से ज्यादा कालाधन को सफेद करने की अवैध कोशिश का रहा। आईपीएस गौरव तिवारी इनकी जड़ों तक पहुंच गए थे लेकिन इस कांड की जड़ों में माइनिंग कारोबारी संजय पाठक और आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता निकलते दिखाई दिए।
विदेशों तक फैला रखा है कारोबार
ये इंडोनेशिया में भी कारोबार करते हैं और इनके पास अपना प्राइवेट हेलीकॉप्टर भी है। हाल ही में हुए मंत्रीमंडल विस्तार में भाजपा ने बड़ी ही शान से इन्हे मंत्री बनाया है। सवाल अब भी वही है कि ऐसा क्या हुआ जो भाजपा की ओर से घोषित किए गए माइनिंग माफिया को भाजपा ने ही खुले हृदय से आत्मसात किया, पूर्व में मंत्री बनाया और आज जब एक मामले में उनका नाम आया तो एसपी तक को हटा दिया गया। विधायक की कंपनी निर्मला मिनरल्स और आनंद माईनिंग कॉर्पोरेशन पर सीहोरा में अवैध खनन के आरोप लगे थे। उनकी लीज साल 2007 में ही ख़त्म हो गई थी जबकि वो 2012 तक अवैध खनन करते रहे। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। साल 2009 औऱ 2010 में 4,60,000 टन के खनन की इजाज़त थी लेकिन अंधाधुंध तरीके से 19,80,488 टन खनिज निकाला गया। 10 लाख टन से ज्यादा का घोटाला हुआ। इसकी कीमत 5000 करोड़ से ज्यादा आंकी गई थी। मामला देशभर की मीडिया में छाया रहा। इसके पहले और बाद में भी दर्जनों ऐसे मामले सामने आए।

कटनी क्षेत्र का कौन था वो भाजपा का विधायक और पूर्व मंत्री जिसकी गोवा में हुई थी कॉल गर्ल द्वारा पिटाई
दरअसल यह किस्सा गोवा में पेश आया जहां कटनी क्षेत्र से भाजपा के मौजूदा विधायक पूर्व मंत्री, पूर्व कांग्रेस विधायक अपने दोस्तों के साथ गोवा छुट्टियां मनाने गए जहां कुछ इनलोगों ने मौज मस्ती के लिए कॉल गर्ल बुलवाई जहां कुछ पैसे लेनदेन को लेकर इन लोगों की मारपीट हो गई। यह मामला गोवा स्थित एक बड़ी होटल का है। वहां की स्थानीय मीडिया में यह बात खूब उछली तो मध्य प्रदेश के कांग्रेस ट्विटर से यह ट्वीट किया गया। भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ में प्रभारी राजेंद्र गुप्ता ने इसपर ट्वीट के खिलाफ एफआईआर क्राइम दर्ज करवाई है। क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है, जिसे निश्चित तौर पर गोवा जाकर यह जांच भी करनी चाइए की आखिर यह नेताजी कौन है। खैर गोवा की स्थानीय मीडिया से हमारी बातचीत में साक्ष्य साझा करने को तैयार है, जिसे मैं जरूर प्रकाशित करूंगी। खैर यह वही नेता है जो नशे में धुत्त होकर अपने चार्टेड प्लेन से सवारी भी करते है।