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आज 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस हैं ,एक और पर्यावरण बचाने की प्रयास की जा रही है दूसरी ओर विपरीत कार्य की जा रही है।


आज बढ़ती गर्मी , प्रदुषित वायु ,अन्न ,जल ,गिरता भूजल स्तर ,प्रदुषित होती नदिया ,घटते जंगल सभी कि चिन्ता तथा इन्हे बचाये रखने का संकल्प लेने का दिन है । ये सभी हमे प्रकृति ने उपहार स्वरूप दिये मानव मात्र की संजीवनी बूटी लिए ये उपहार मानव अपने हाथों ही खोता जा रहा है।
विगत दिनों रायपुर नगर निगम द्वारा घटते भूजल व इसके पुनर्भण्डारण (रिचार्ज ) हेतु विषेक्षज्ञ समिति बनाई थी उसने क्या प्रतिवेदन दिया यह तो पता नही लेकिन नगर निगम द्वारा कांक्रीट की रोड़ बनाकर धरती के अन्दर प्राकृतिक रूप से वर्षा का पानी जाये व भूजल संग्रहण हो उसके सारे रास्ते बन्द करती जा रही है । हाल ही मे यह देखने मे आया कि गली मोहल्लो मे जो काक्रीट की रोड़ बना दी है व उसके दोनो किनारों पर घर आंगन के सामने 2 से 5 फिट जगह जो वनस्पति पेड़ पौधे के लिये अघोषित रूप से आरक्षित है जिसके माध्यम से भूजल संरक्षित होता है वर्षा जल इसी भूमि से बूंद बूंद रिस कर भू जल संग्रहण मे वृद्धि करता है. इसी घर आंगन के सामने की जगह पर Paver लगाने के नाम से भू जल का रास्ता ही बन्द कर दिये जा रहे है साथ ही पेड़ पौधे लगाने की पनपने की व्यवस्था ही हमेशा के लिये समाप्त कर रहे है जो श भविष्य मे शहर कि Globel warming तथा अत्यधिक गर्मी को समाप्त करने के लिये अति आवश्यक है.
पेवर लगाने की प्रक्रिया मे पहले छ : इन्च से एक फीट जमीन खोद कर उसमें रेत का कुशन (Bed ) डालते हुए उसके उपर Paver को आपस मे इन्टरलाकिंग करते हु बिछा देते हैं जिससे पानी पेवर के जाइन्ट से रिस कर नीचे रेत के कुशन से छन कर धरती के अन्दर भू जल भण्डारण हो सके । किन्तु नगर निगम सम्भवतः लागत बढ़ाने के लिये रेत के कुशन के स्थान पर सिमेन्ट काक्रीट किया जा रहा है एवं काक्रीट के उपर पेवर बिछा रहे है जिससे धरती के अन्दर पानी जाने की रास्ता ही बन्द हो रहा है क्योंकि कांक्रीट से पानी नीचे जा ही नही सकता । इस प्रकार सड़क के दोनो ओर से वर्षा ऋतु का पानी जमीन के अन्दर जाता था वह भी बन्द हो रहा है शहर का सारा वर्षा का पानी नालियों मे बह कर नदियों मे बाढ़ लाने का कार्य ही करेगा .
डंगनिया मे गायत्री हास्पिटल के सामने चल रहे इस तरह गैर तकनीक कार्य की फोटो प्रस्तुत है इसे तत्काल रोका जाना चाहिये हम अपने हाथो से ही प्रकृति के स्वचालित भूजल भण्डारण व्यवस्था को भंग करने का पाप कर रहे है इसे नगर निगम तत्काल रोके व निर्धारित कार्यविधी से ही पेवर लगाने का कार्य सम्पन्न करें ।
पेवर लगाना आवश्यक हो तो उसके नीचे काक्रीट के स्थान पर केवल रेत ही बिछायें जिससे भू जल संवर्धन हो सकें ।

नगर निगम मे उप अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता तक कार्यरत है उन्हे तत्काल संज्ञान लेकर गैर तकनीक कार्य को मानव हित व प्रकृति हित मे रोका जाना चाहिये अन्यथा आने वाली पीढ़ी को शहर मे पेड़ पौधे देखने को ही नही मिलेंगे . वे यदि उन्हे लगाना चाहें भी तो उन्हे स्थान ही नही मिलेगा ।
कालान्तर मे शहर के मौसम मिजाज अनुसार भविष्य कितना भयावह हो सकता है इसकी कल्पना ही की जा सकती है .

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