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उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर ने डी जे पर ली संज्ञान

दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित शीर्षक मनमानी लोगों की धड़कनें तेज कर देता है कानफोडू डीजे, अभी पूरा त्योहारी सीजन बाकी कोई रोकने-टोकने वाला नहीं, डीजे वाले बाबू बेकाबू दोगुना शोर, फिर भी कड़ाई नहीं बच्चे – बीमार बुजुर्गों का बुरा हाल एवं परेशानी शहर की बड़ी आबादी डीजे के शोर से त्रस्त लेकिन ध्यान नहीं दे रहे जिम्मेदार अफसर 80 घरों के बुजुर्ग गए रिश्तेदारों के घर क्योंकि घंटो कानफोडू शोर का टॉर्चर समाचार को माननीय मुख्य न्यायाधिपति द्वारा स्वतः संज्ञान में लेते हुए विषय की गंभीरता को देखते हुए आज ही प्रकरण WPPIL 88/2023 दर्ज कर सुनवाई की गई तथा माननीय उच्चतम न्यायालय तथा माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा इस विषय पर दिये गये पूर्व के आदेशों का उल्लेख करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया है ।

माननीय मुख्य न्यायाधिपति ने माना कि बिलासपुर शहर में ध्वनि प्रदूषण की वर्तमान स्थिति, जो कि समाचारों की कतरनों से स्पष्ट है जिम्मेदार राज्य अधिकारियों की ओर से एक अपमानजनक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है, जो ध्वनि प्रदूषण के खतरे को रोकने में कोई भी प्रयास करने में विफल रहे हैं । सर्वाेच्च न्यायालय के साथ साथ इस न्यायालय द्वारा विभिन्न आदेश निर्देश पारित करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है

युगल पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार को इस मामले में उत्सवों के अवसरों के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों/डीजे द्वारा उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण के खतरे को खत्म करने के लिए किए गए प्रयासों के संबंध में एक विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।

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