सूरज सिंह परिहार छत्तीसगढ़ कैडर के 2015 बैच के आईपीएस हैं और छत्तीसगढ़ के युवाओ के दिलो में राज करने वाले रियल लाइफ हीरो भी हैं
रोहित पासवान l सूरजपुर : चलिए जानते है सूरज सिंह परिहार जी को छत्तीसगढ़ का रियल लाइफ हीरो क्यों कहा जा रहा हैं l सूरज सिंह परिहार का जन्म मूलतः उत्तरप्रदेश के जौनपुर में हुआ उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 189 हासिल कर मात्र 30 वर्ष की उम्र में आईपीएस बनाने का सपना पूरा किया l जानकारी के अनुसार कोरिया पुलिस अधिक्षक सूरज सिंह परोहर ने आठ बांको के एग्जाम दिए और सभी पास कर लिए इन्होंने ४ महीने बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र में कम किया और उसके बाद वे एसबीआई में चले गये
सूरज सिंह परिहार बचपन से ही अपने दादा से देश और लोगो की सेवा करने वाले महान पुरुषो की कहानियो सुनकर बड़े हुए दादा के दिए हुए संस्कारो से प्रेरित हो कर सूरज सिंह परिहार ने लोगो की मदद करने की सोच के साथ यूपीएससी क्लिअर किया और आईआरएस के लिए सेलेक्ट हुए लेकिन सरकार के नियमो में बदलाव करते हुए दो अटेम्प्ट बढ़ा दिया गया और फिर सूरज आईपीएस बन कर चमक उठे
सूरज गोरेला पेंड्रा मरवाही जिले के प्रथम पुलिस अधिक्षक के रूप में पदस्थ रहे है और उनकी पोस्टिंग नक्सल प्रभावित इलाके दंतेवाडा में भी हुई थी वंहा उन्होंने युवाओ को जागरूक करने के लिए एक शोर्ट फिल्म बनाई जिसका नाम था “नई सुबह का सूरज ” फिल्म को युवाओ द्वरा ढेर सारा सहयोग एवं प्रेम प्राप्त हुआ l सूरज लगातार जनता की सेवा में तात्पर्य हाजिर रहे हैं सूरज ने गोरेला पेंड्रा मरवाही में पुस्तकल्य का निर्माण कराया था जहाँ पे मध्यम वर्ग के छात्र पढने आ सके और अपने सपनो को पूरा कर सके l सूरज को युवाओ के द्वरा रियल लाइफ हीरो भी कहा जाता हैं
इन्स्टाग्राम में इनके 77.2 K (77 हजार 2 सौ ) फॉलोवर हैं और इनके बायो में जो श्लोक लिखा है जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियसी l जिसका अर्थ हैं माता और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी उपर हैं l सूरज सिंह परिहार जी के इस सोच के लिए उनको दिल से नमन् हैं ऐसे सोच रखने वाले ही रियल लाइफ हीरो होते है