ग्राम पंचायत रक्से : सरपंच के हास्यास्पद बयान से सर्व रविदास समाज मे आक्रोश
कवर्धा जिले के विकासखण्ड सहसपुर लोहारा अंतर्गत ग्राम पंचायत रक्से में हाल ही में हुए अतिक्रमण प्रकरण पर सरपंच श्रीमती पुष्पा ठाकुर का मीडिया में दिया गया बयान को रविदास समाज के पदाधिकारी बालाराम कोलते ने बेहद हास्यास्पद और भ्रामक प्रतीत होता बताया है। दरअसल, सरपंच महोदया द्वारा जारी बयान उनके स्वयं के कार्यकाल की विफलताओं पर पर्दा डालने का एक असफल प्रयास भर है।
ग्राम पंचायत के एक दलित परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृत हुआ था। यह सर्वविदित है कि प्रधानमंत्री आवास स्वीकृति से पूर्व सभी बिंदुओं की जाँच एवं सत्यापन प्रशासन द्वारा किया जाता है। प्रश्न यह है कि जब पीएम आवास स्वीकृत हुआ तब सरपंच महोदया को तथाकथित “अतिक्रमण” क्यों नहीं दिखा? आज अचानक इस विषय को सामाजिक नहीं बल्कि “अतिक्रमण का मामला” बताना कहीं न कहीं सरपंच के बयानबाजी की पोल खोलता है।
छत्तीसगढ़ सर्व रविदास समाज का आरोप है कि ग्राम पंचायत की बागडोर वास्तविक रूप से सरपंच के पति और गाँव के कुछ दबंग तत्वों के हाथों में है, और यही कारण है कि निष्पक्ष प्रशासनिक कार्यवाही की जगह व्यक्तिगत द्वेष और दबाव की राजनीति यहाँ देखने को मिल रही है।
इधर पीड़ित परिवार के समर्थन में रविदास समाज ने न केवल एक दिवसीय धरना आयोजित किया बल्कि स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला तो उग्र आंदोलन की राह अख्तियार की जाएगी।
इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सर्व रविदास समाज के सदस्य बालाराम कोलते ने बयान जारी कर कहा है कि यह मामला मात्र अतिक्रमण का नहीं बल्कि दलित परिवार के साथ हो रहे अन्याय और शोषण का उदाहरण है। यदि प्रशासन व पंचायत ने जल्द ही निष्पक्ष कार्यवाही नहीं की तो समाज चुप बैठने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।
इस पूरे प्रकरण में सरपंच द्वारा दिए गए बयान महज ध्यान भटकाने वाले और जिम्मेदारी से बचने के प्रयास हैं। लेकिन अब ग्रामीण समाज और पीड़ित परिवार दोनों ही जागरूक हो चुके हैं और न्याय की मांग को लेकर किसी भी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं हैं। श्री कोलते इस प्रकरण को उच्च स्तरीय जांच की मांग की