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चेक अनादर पर न्यायालय ने 10 लाख रुपये प्रतिकार राशि एवं 2 वर्ष का दंडित का फैसला सुनाया।

इस केस में आवेदक की ओर से अधिवक्ता आर. बी. गुप्ता केस में पैरवी कर रहे थे

दुर्ग। दुर्ग जिला न्यायालय का मामला में एक आरोपी को 10 लाख रुपया प्रतिकार राशि एवं दो वर्ष का दंडित करने का फैसला किया गया। उधारी स्वरूप ली गई रकम के बदले दिया गया 10 लाख रुपए का चेक अनादरित हो गया। इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग श्रीमती प्रज्ञा अग्रवाल की कोर्ट ने आरोपी सीमला गणपत राव को धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के अंतर्गत
दो वर्ष का साधारण कारावास तथा 10 लाख रुपए की प्रतिकर राशि से दंडित किया है। परिवादी उमेश कुमार मिश्रा की ओर से अधिवक्ता आरबी गुप्ता ने पैरवी की थी। तालपुरी बी ब्लॉक भिलाई निवासी आरोपी सीमला गणपत राव की जान पहचान परिवादी उमेश कुमार मिश्रा निवासी नंदनी टाउनशिप भिलाई से थी। सीमला गणपत राव ने जून 2017 में उमेश कुमार मिश्रा से 10 लाख रुपए की रकम उधारी स्वरूप लिया था और वादा किया था कि वह जून 2018 तक रकम वापस कर देगा। 19 जून 2018 को परिवादी द्वारा रकम वापस मांगने पर सीमला गणपत राव ने 19 जून 2018 को 10 लाख रुपए का सेक्टर 10 स्थित भारतीय स्टेट बैंक शाखा मार्केट एरिया का चेक परिवादी को दिया। जब परिवारी ने उक्त चेक को बैंक में जमा किया तो रकम न होने के कारण चेक अनादरित हो गया।

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