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जामुल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष की बैठक का जोरदार विरोध,बैठक रही बेनतीजा: वैष्णव

दुर्ग जिले के जामुल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष के चयन हेतु आयोजित बैठक भारी विवाद और घोटाले के आरोपों के बीच ध्वस्त हो गई। बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने पूरे चुनावी प्रक्रिया को पक्षपातपूर्ण बैठक चलाया गया षड्यंत्र करार देते हुए कार्यकर्ताओं ने कड़े शब्दों में विरोध दर्ज किया। बैठक की शुरुआत तो औपचारिक स्वागत से हुई, लेकिन जैसे ही अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया शुरू हुई, माहौल गरमा गया। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर, वर्तमान जिला अध्यक्ष राकेश ठाकुर, छाया विधायक निर्मल कोसरे और प्रभारी नीता लोधी ने मिलकर पहले से तय अध्यक्ष को  थोपने की कोशिश की। मेहनत करने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर पैसे और सिफारिश के आधार पर चुनाव करवाने की कोशिश से कार्यकर्ताओं में आक्रोश फूट पड़ा।स्थिति इतनी बिगड़ी कि आधे से ज्यादा कार्यकर्ता बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल गए। वहीं युवराज वैष्णव के समर्थन में जुटे नपा उपाध्यक्ष, पूर्व पालिका अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, 7 पार्षद, दोनों मंडल अध्यक्ष, 6 सेक्टर अध्यक्ष और युवाओं की पूरी टीम ने खुलेआम कहा कि कांग्रेस संगठन को बेचने और गिरवी रखने की साज़िश की जा रही है।चुनाव प्रक्रिया के दौरान कार्यकर्ताओं ने कमलेश साहू और संजय देशलहरे पर भी गंभीर आरोप लगाए कि ये दोनों पैसे का लेन-देन कर कार्यकर्ताओं को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाज़ी की और बैठक को “धांधली और घोटाले की बैठक” बताते हुए हंगामा किया। स्थिति इतनी बिगड़ी कि झड़प और धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई। इसके बावजूद प्रभारी नीता लोधी और जिला अध्यक्ष ने बैठक को  समाप्त कर तीनों नाम प्रदेश को भेजने की घोषणा कर दी। इस निर्णय पर कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि यह कांग्रेस संगठन के साथ विश्वासघात है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जामुल नगरपालिका चुनाव से पहले कांग्रेस को जानबूझकर कमजोर करने और संगठन को खोखला करने की योजना बनाई जा रही है। कुछ लोगों का कहना है कि युवराज वैष्णव – जमीनी नेता, युवाओं के आइकॉन, सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हैं, अधिकांश पार्षदों और कार्यकर्ताओं का स्पष्ट समर्थन। श्री वैष्णव का कहना है कि संजय देशलहरे उपनेता प्रतिपक्ष हैं  लेकिन राजनीतिक और सामाजिक पकड़ बेहद कमजोर,है। एवं कमलेश साहू को कांग्रेस ने जामुल नगर पालिका पार्षद का टिकट वार्ड 13 से दिया था जो  चुनाव हार चुके  संगठनात्मक  तोड़ पर शून्य, कार्यकर्ताओं में  नाराज़गी। के कारण ही पार्षद का चुनाव हारना पड़ा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दो-टूक कहना है कि अगर मेहनतकश और जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर  सिफारिश पर नेताओं को थोपा गया, तो जामुल ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में कांग्रेस को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।*

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