भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश (Demographic dividend)
भारत के पास युवा शक्ति पर्याप्त है। 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग में ही भारत में 37 करोड़ युवा है जो अन्य किसी भी देश में नहीं है। प्रतिमास 9 लाख युवा 18 वर्ष आयु पार कर रहे हैं। यद्यपि भारत का जन्म दर (फर्टिलिटि रेट) अभी से 2.0 आ गया है। जो 2.1 रिप्लेसमेंट लेवल से भी कम है। फिर भी भारत के आगामी 20 वर्षों तक भी युवा बने रहने की स्थिति है। यह वास्तव में भारत की सबसे बड़ी धरोहर होनी चाहिए थी, किंतु आज यह सबसे बड़ी चुनौती बन गया है बन गया है। क्योंकि हम अपने युवाओं को रोजगार की प्रतिक्रिया में नहीं ला पा रहे हैं अभी पिछले दिनों ही की चेंबर ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज की एक रिपोर्ट आई है जिसके अनुसार अगर भारत अपनी सारी युवा शक्ति को रोजगार उपलब्ध कराने में सफल हो जाए तो भारत 40 ट्रिलियन डॉलर के अर्थव्यवस्था 2047 तक बन सकता है। इस समय पर विश्व की सर्वोच्च अर्थव्यवस्था अमेरिका भी केवल 24 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है अर्थात अगर भारत अपने जनसांख्यिकी लाभांश को ठीक से रोजगार की प्रक्रिया का प्रयोग करते हुए आर्थिक उन्नति में बदलता है तो हम विश्व के सबसे बड़ी संपन्न देश हो सकते हैं।
वैसे भी स्वदेशी जागरण मंच का स्वालंबी भारत अभियान का पहला उद्देश्य रही है कि भारत पूर्ण रोजगार युक्त हो ,दूसरे उद्देश्य है कि भारत में गरीबी रेखा जो अभी 16 ,17 प्रतिशत है वह शून्य पर चली जाए और तीसरा वर्ष 2030 तक भारत 10 ट्रिब्यूनल डॉलर के अर्थव्यवस्था बन जाए। हां पर्यावरण का संरक्षण करते हुए। क्योंकि यह पर्यावरण हितैषी विकास कि हमारी हमेशा से सोच रही है।

भारत में बेरोजगारी एक विकराल समस्या

युवा भारत सब प्रकार से आगे बढ़ रहा है इसी वर्ष हम लोगों ने कुल आबादी के मामले में चीन को पीछे कर दिया है 140 करोड़ जनसंख्या विश्व जनसंख्या घड़ी के अनुसार भारत की हो गई है चीन से 3035 लाख अधिक है 1 फरवरी 2023 के अनुसार संपूर्ण विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश भारत ही है और उसमें भी प्रसन्नता का विषय यह है कि भारत अभी जनसंख्या लाभ के दौर से आगे 20 वर्ष भी गुजरेगा किंतु यह भी एक कटु सत्य है कि भारत में इस समय बेरोजगारी लगभग 8.0 – 8.2 प्रतिशत से भी अधिक है जो जी 20 देश में सबसे अधिक है। भारत में लगभग 9 लाख युवा प्रतिमा जॉब मार्केट में आ रहे हैं और वह स्नातक या परास्नातक की डिग्री अभी ले रहे हैं, भारत का हायर एजुकेशन में ग्रास एनरोलमेंट प्रतिशत बढ़ा है, यह अब लगभग 30 प्रतिशत के आसपास है। 4 करोड़ से अधिक युवा इस समय पर हायर एजुकेशन में पढ़ाई कर रहा है किंतु बेरोजगारी की मार गांव हो या शहर कम पढ़ा लिखा हो या प्रश्न तक सब आय वर्गों और सब प्रदेशों में है जिन प्रदेशों का औद्योगीकरण का फिर अच्छा हुआ है, जैसे तमिलनाडु महाराष्ट्र गुजरात वहां बेरोजगारी निश्चित रूप से कम है फिर सहयोग से इन्हीं प्रदेशों में डीएफ आर प्रति विवाहित बच्चे कम होने से इनमें युवा जनसंख्या भी काम है। इसीलिए इन प्रदेशों के उद्योगों में बड़ी मात्रा में उत्तर पूर्व और पूर्वोत्तर के युवा आते हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा ,असम, बंगाल आदि प्रदेशों में औद्योगीकरण बहुत कम है, और वहां जनसंख्या अधिक है। इसीलिए वहां से बड़ी मात्रा में युवाओं का दिल्ली से लेकर चेन्नई तक के महानगरों में पलायन होता रहता है ,रोजगार की खोज में अपने घर से बहुत दूर 14, 15 हजार रुपए कमाने वाला युवक किसी प्रकार से अपने परिवार समाज और देश को योगदान देने की स्थिति में ही नहीं रहता। वह किसी तरह से 2 जून की रोटी के अलावा कुछ विशेष सोच सके या अपने घर पर इतना पैसा भेज सके की मां बाप या परिवार के बच्चे ठीक से पढ़ सके ऐसा संभव ही नहीं होता है।
इसलिए इस बार की बजट में रोजगार पर विशेष महत्व दिया गया है। जिन क्षेत्रों से भारत विकसित देश बनेगा वह विभिन्न प्रकार है कृषि क्षेत्र, कौशल विकास, मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, मैन्युफैक्चरिंग एवं सेवाएं इन्फ्रास्ट्रक्चर , शहरी विकास, नवाचार एवं शोध विकास, ऊर्जा संरक्षण, आर्थिक सुधार ।