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भूपेश बघेल मुक्त छत्तीसगढ पर जनता ने लगाई मुहर, भय-भ्रष्टाचार-दमन-अत्याचार की बघेल सरकार का हुआ अंत

जगत विजन ने चार साल पहले से चालू की थी भूपेश और उसकी चांडाल चौकड़ी के कारनामों का पर्दाफाश करने की मुहिम, कोयला, शराब और महादेव घोटाले के खुलासे से जागी छत्तीसगढ़ की जनता

क्या अब भूपेश और उसकी चांडाल चौकड़ी जायेगी जेल?

भूपेश बघेल को भारी पड़ा अहंकार, जनता ने दिखाया आईना

भय-भ्रष्टाचार-दमन-अत्याचार के खिलाफ लड़ाई का “अंत नहीं आरंभ है”

विजया पाठक, संपादक, जगत विजन
छत्तीसगढ में आतंक से परेशान राज्य की जनता ने मतदान के पहले ही भूपेश बघेल सरकार को सत्ता से बाहर निकाल फेंकने का निर्णय लिया और अपने इस निर्णय पर अडिग रहते हुए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को वोट किया। राज्य की जनता की इस खामोशी को भूपेश बघेल और उनके गुर्गों ने उनकी मजबूरी समझा। लेकिन 03 दिसंबर को हुई मतगणना में जनता ने यह साबित कर दिया की राज्य का सेवक कौन होगा, कौन राज्य को सही ढंग से चलाएगा इसका फैसला हम करेंगे ना कि भूपेश बघेल की चंडाल चौकड़ी।
जगत विजन के मिशन पर लगाई मुहर
कोई साढ़े तीन साल पहले जुलाई 2020 में अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया के भ्रष्टाचार और दमन को लेकर पहली स्टोरी की थी। उसके बाद भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में मेरे लिए बैन सा लगा दिया। यह समय वो था जब छत्तीसगढ़ भाजपा भी भूपेश बघेल और उसके चांडाल चौकड़ी के मुद्दे नहीं उठा पाती थी। छत्तीसगढ़ में भय-भ्रष्टाचार-दमन-अत्याचार का ऐसा चक्र चला जिसकी कल्पना ही नहीं की जा सकती थी। चौकड़ी में सौम्या चौरसिया, अनिल टुटेजा, विनोद वर्मा, विजय भाटिया, सूर्यकांत तिवारी, ढेबर बंधु, रुचिर गर्ग, आईपीएस अफसर आनंद छाबड़ा, आरिफ शेख, दीपांशु काबरा, प्रशांत अग्रवाल, संजय ध्रुव और अभिषेक माहेश्वरी मिलकर सरकार चला रहे थे। मेरे मिशन बघेल मुक्त छत्तीसगढ को जनता का भरपूर साथ मिला और जनता ने चुनाव के परिणाम में यह साबित कर दिया कि सच किसी से छुप नहीं सकता।
निरंतर बघेल सरकार के कारनामों का किया खुलासा


छत्तीसगढ़ राज्य को इन लागों ने प्राइवेट लिमिटेड बना के चलाया। ब्यूरोक्रेसी इनके इशारों पर चलती थी। खैर, मैंने जगत विजन पत्रिका में भूपेश बघेल सरकार के कारनामों की असंख्य स्टोरी प्रकाशित की, अपने लेखों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की जनता को जागरूक किया। पहले कोयला घोटाला उसके बाद शराब घोटाला और फिर महादेव सट्टा ऐप घोटाला का पर्दाफाश हुआ। आश्चर्य था कि इतना बड़ा गोरखधंधा होते हुए भी किसी भी तरफ से कोई आवाज नहीं उठाई गई, ना किसी राजनैतिक दल या मीडिया के तरफ से कोई आवाज उठाने आया। छापने के बाद जब आग लगी तब केंद्रीय एजेंसियां एवं अन्य एक्टिव हुए और सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी हुई। महादेव सट्टा ऐप का खुलासा करने के बाद भूपेश बघेल सरकार ने 4-5 बार मुझे छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा जबरिया उठाने का प्रयास किया। यहां तक कि लोकतंत्र को सुनिश्चित करने हेतु चुनाव आयोग के तरीकों को भी अपनी लेखनी से उजागर किया।
अंत नहीं आरंभ है
भूपेश बघेल के साथ पार्टनर इन क्राइम और चौकड़ी के काफी लोगों के खिलाफ मेरी मुहिम चलती रहेगी। मेरा मानना है कि राज्य की प्रगति के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति साथ ब्यूरोक्रेसी और अफसर भी पारदर्शी और ईमानदार होने चाहिए। भूपेश राज में आईपीएस अफसर जैसे आनंद छाबरा, आरिफ शेख़, प्रशांत अग्रवाल, संजय ध्रुव एवं अभिषेक माहेश्वरी के खिलाफ मैं अंतिम पग तक लड़ती रहूंगी। आज सरकार भाजपा की बन गई है, पर पिछले पांच साल की छत्तीसगढ़ महतारी को लूटने वाले, अत्याचार करने वालों का पूरा हिसाब करना जरूरी है। मेरी पुख्ता जानकारी अनुसार प्रदेश भाजपा के लगभग सारे बड़े नेताओं के खिलाफ षडयंत्र, टैपिंग, ऑडियो-वीडियो एवम मामले तैयार करने काम भी यही अधिकारी करते थे ताकि उनको ब्लैकमेल किया जा सके। खास तौर पर आनंद छाबरा और आरिफ शेख भूपेश के लिए हमेशा एक्टिव रहते थे जिसकी प्रदेश भाजपा ने चुनाव आयुक्त को अपने खिलाफ चुनावों में षडयंत्र को लेकर चिट्ठी भीं लिखी थी। कोयला, शराब, महादेव सट्टा ऐप और डीएमएफ घोटाला करने वाले सभी के खिलाफ न्याय की लड़ाई चालू रहेगी।
आखिरकार रावण की लंका का हुआ दहन
लेखनी एवं पत्रकारिता के फलस्वरूप भूपेश बघेल सरकार ने मुझे हर संभव मानसिक, शारीरिक और आर्थिक क्षति देने का भरपूर प्रयास किया। मेरे पत्रकारिता के 35 वर्षों के दौरान पहली बार इस तरह के कृत्य किसी ने किए हैं। नीचे गिरने का कोई पैमाना नहीं होता वो मैंने इस दौरान जाना। खैर, अब रावण और उसकी लंका का दहन हो चुका है। अब पहले की छत्तीसगढ एक खुशहाल राज्य बनने की और आगे बढ़ेगा। मुझे उम्मीद है कि भाजपा पार्टी के मार्गदर्शन में जो भी सत्ता के मुखिया बने, वह बेहतर ढंग से राज्य का आगे बढ़ने का काम करेंगे।

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