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मुख्यमंत्री ने मिशन रोजगार के अन्तर्गत चयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं तथा 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए

युवाओं को सही दिशा प्रदान करते हुए उन्हें राष्ट्र निर्माण

में सहभागी बनाना प्रत्येक कल्याणकारी सरकार की जिम्मेदारी : मुख्यमंत्री

थारू जनजाति की बेटियों का सफल होना चयन की निष्पक्ष व पारदर्शी प्रक्रिया का उदाहरण, प्रदेश की बेटियां चयनित होकर शासन की व्यवस्था का हिस्सा बन रहीं

बेहतर शिक्षा हर बच्चे का अधिकार, विगत 08 वर्षों में प्रदेश सरकार ने
आंगनवाड़ी केन्द्रों, बेसिक शिक्षा विभाग आदि उन्नयन के लिए अनेक कार्य किए

महिला एवं बाल विकास विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग ने 05 हजार
बाल-वाटिकाओं के संचालन हेतु कार्य आगे बढ़ाया, बाल-वाटिकाएं
बच्चों के मानसिक विकास में अहम भूमिका का निर्वहन करेंगी

प्रदेश में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों का पुनरूद्धार
किया गया, बचपन स्वस्थ होगा, तो जवानी और बुढ़ापा स्वतः स्वस्थ हो जाएगा

प्रधानमंत्री जी ने देशवासियां को वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्रदान किया

विकसित भारत के निर्माण का रास्ता आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा गांव की गलियों से होकर जाता

नवजात शिशुओं व कुपोषित माताओं के जीवन स्तर को उठाने
की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ बेहतरीन प्रयास करना होगा

नव चयनित मुख्य सेविकाओं एवं फार्मासिस्टों को शासन की मंशानुरूप स्वस्थ,
सशक्त एवं समृद्ध उ0प्र0 बनाने में अपनी भूमिका का सम्यक् निर्वहन करना होगा

कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता, अवसर मिलने
पर अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग करना चाहिए

प्रदेश में अब तक 26 लाख बेटियों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से जोड़ा जा चुका

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत अब तक 04 लाख बेटियों का विवाह सम्पन्न

प्रदेश में वर्ष 2015 में हुए नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे
की तुलना में वर्ष 2017 के बाद व्यापक सुधार हुआ

महिलाओं में एनीमिया के स्तर में 5.1 प्रतिशत, स्टन्टिंग में 6.6 प्रतिशत,
अल्पवजन प्री-मेच्योर बच्चों में 7.4 प्रतिशत तथा सूखापन में 0.6 प्रतिशत सुधार

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि अपने सपने को साकार करने के लिए प्रत्येक प्रतिभाशाली व ऊर्जावान युवा हर सम्भव प्रयास करता है। वह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने का काम करता है। युवाओं के सपनों को मंच प्रदान करने का दायित्व प्रत्येक लोकप्रिय सरकार का होता है। युवाओं को सही दिशा प्रदान करते हुए उन्हें राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनाना प्रत्येक कल्याणकारी सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। आज 2,438 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्राप्त हो रहा है। इसमें आंगनवाड़ी केन्द्रों में कुपोषित माताओं और नवजात शिशुओं के लिए चल रहे पोषण अभियान की मॉनीटरिंग के लिए 2,425 मुख्य सेविकाएं तथा 13 फार्मासिस्ट सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां मिशन रोजगार के अन्तर्गत चयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं तथा 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति-पत्र प्रदान करने के पश्चात आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के युवाओं को अवसर प्राप्त हुआ है। इनमें आजमगढ़, अमरोहा, शामली, लखनऊ, कानपुर, आगरा, गोरखपुर, वाराणसी तथा प्रयागराज आदि जनपदों के युवा सम्मिलित हैं। इन जनपदों में युवाओं के पास पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन प्रदेश के सुदूर जनपदों में रहने वाली बेटियों तथा जनपद लखीमपुर खीरी में दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों के बीच रहने वाली थारू जनजाति की बेटियों का सफल होना चयन की निष्पक्ष व पारदर्शी प्रक्रिया का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की बेटियां चयनित होकर शासन की व्यवस्था का हिस्सा बन रही हैं। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,244 कार्मिकों की भर्ती की गई। इसमें 12,045 बेटियां सम्मिलित हैं। वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक प्रदेश पुलिस बल में केवल 10 हजार महिला पुलिस कार्मिक थीं। विगत 08 वर्षों में 40 हजार से अधिक महिला पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई है। बेसिक शिक्षा विभाग में 01 लाख 56 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई है। इसमें ज्यादातर बेटियां सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेहतर शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है। विगत 08 वर्षों में प्रदेश सरकार ने आंगनवाड़ी केन्द्रों, बेसिक शिक्षा विभाग आदि उन्नयन के लिए अनेक कार्य किए हैं। जर्जर विद्यालयों में बच्चों के जीवन को खतरा उत्पन्न होता है। प्रदेश के जर्जर विद्यालयां को शिफ्ट करना आवश्यक था। यह छात्र शिक्षक अनुपात को ठीक करने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा था। अनेक राज्यों ने इस अभियान को आगे बढ़ाया। उत्तर प्रदेश से भी इस अभियान को आगे बढ़ाने अपेक्षा थी। जब सरकार ने इस कार्य को आगे बढ़ाया, तो लोगों ने अनेक प्रकार के भ्रम फैलाने शुरू कर दिए। सरकार ने इस बारे कहा कि जो विद्यालय भवन अच्छी स्थिति में होंगे तथा पेयरिंग का पार्ट बनेंगे, वहां बच्चों के लिए बाल-वाटिकाएं चलायी जाएंगी। 03 वर्ष से 06 वर्ष आयु तक के बच्चों को इन बाल-वाटिकाआें में प्री-प्राइमरी शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। इन सभी बच्चों के लिए पोषण मिशन का विशेष अभियान चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी बच्चे का लगभग 90 प्रतिशत मानसिक विकास 01 से 03 वर्ष तक की आयु में होता है। 03 से 06 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए थोड़ा सा प्रयास करने पर उनका 05 से 07 प्रतिशत अतिरिक्त मानसिक विकास किया जा सकता है। शेष मानसिक विकास क्रमिक रूप से होता रहता है। बाल वाटिकाएं बच्चों के मानसिक विकास में अहम भूमिका का निर्वहन कर सकती हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग ने 05 हजार बाल-वाटिकाओं के संचालन हेतु कार्य आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों का पुनरूद्धार किया गया है। नए आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया गया है। जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वयं का भवन नहीं है, उनके बारे में विभाग से प्रस्ताव मांगा गया है। जिससे भवनों का निर्माण कर बच्चों को बेहतरीन माहौल प्रदान किया जा सके। यदि बचपन स्वस्थ होगा, तो जवानी और बुढ़ापा स्वतः स्वस्थ हो जाएगा। देश का भविष्य संवरेगा। प्रदेश के बचपन को बचाने का दायित्व नवचयनित मुख्य सेविकाओं का भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी हमेशा कहते हैं कि आंगनवाड़ी की बहनों का कार्य माँ यशोदा के समान है। माँ यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर 06 वर्ष तक की आयु तक लालन-पालन किया था। नवचयनित मुख्य सेविकाओं का स्थान भी माँ यशोदा की तरह है। यह बड़ी जिम्मेदारी है। बेटा और बेटी में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस बारे में लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना प्रारम्भ की है। अब तक 26 लाख बेटियों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार जरूरतमन्द बेटियों के विवाह के लिए 01 लाख रुपये की धनराशि की व्यवस्था करती है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक 04 लाख बेटियों का विवाह सम्पन्न हो चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत 183 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2015 में हुए नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की तुलना में वर्ष 2017 के बाद व्यापक सुधार हुआ है। वर्ष 2017 के पश्चात पहले 04 वर्षों में ही बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं। महिलाओं में एनीमिया के स्तर में 5.1 प्रतिशत, स्टन्टिंग में 6.6 प्रतिशत, अल्पवजन प्री-मेच्योर बच्चों में 7.4 प्रतिशत तथा सूखापन में 0.6 प्रतिशत सुधार हुआ है। शिशु मृत्यु दर घटकर 38 तथा मातृ मृत्यु दर घटकर 197 हो गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शीघ्र ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्मार्टफोन दिया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की ट्रेनिंग कराई जायेगी। रियल टाइम मॉनिटरिंग करते हुए समय से डाटा अपलोड किया जाएगा। इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर सुधारात्मक परिवर्तन आएगा, जिसकी वाहक नवचयनित मुख्य सेविकाएं बनेंगी। ये टीम लीडर के रूप में मार्गदर्शन कर प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर समय से पोषाहार वितरण तथा समस्त व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेंगी। ये समाज को आगे बढ़ने हेतु प्रेरित तथा शासन की समस्त योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाने का कार्य करेंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति प्रक्रिया सकुशल सम्पन्न करायी गयी है। साथ ही 03 हजार से अधिक आंगनबाड़ी सहायिकाओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के रूप में प्रोन्नत कर उनके मानदेय में बढ़ोत्तरी की गयी है। 22,290 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में परिवर्तित किया गया है। प्रदेश के बचपन को बेहतर बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रमों को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। यदि बचपन स्वस्थ है, तो आगे का जीवन समृद्ध के पथ पर अग्रसर होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2047 में एक ऐसे भारत का लक्ष्य देशवासियों को दिया है, जो विकसित, आत्मनिर्भर तथा समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ते हुए दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने वाला हो। ऐसे भारत के निर्माण का रास्ता आंगनबाड़ी केन्द्र तथा गांव की गलियों से होकर जाता है। नवजात शिशुओं व कुपोषित माताओं के जीवन स्तर को उठाने की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ बेहतरीन प्रयास करना होगा। सभी नव चयनित मुख्य सेविकाओं एवं फार्मासिस्टों को शासन की मंशानुरूप स्वस्थ, सशक्त एवं समृद्ध उत्तर प्रदेश बनाने तथा वर्ष 2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपने भूमिका का सम्यक् निर्वहन करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने नवचयनित अभ्यर्थियों से कहा कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है। अवसर मिलने पर अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग करना चाहिए। यदि आप पूरी प्रतिबद्धता व ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे, तो आपको आगे बढ़ने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे। प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को गारन्टी देनी चाहिए कि वह न तो भेदभाव करेगा न ही किसी के साथ भेदभाव होने देगा। चयन प्रक्रिया में आपसे कोई भेदभाव नहीं किया गया है। आपको भी कर्तव्यों के निर्वहन में किसी भी व्यक्ति से भेदभाव नहीं करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश अपनी प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के कारण दुनिया के सबसे समृद्ध प्रदेशों में गिना जाता है। वर्ष 1947 से वर्ष 1960 तक उत्तर प्रदेश को देश के सबसे अग्रणी प्रदेशों में गिना जाता था। देश की अर्थव्यवस्था में प्रदेश का योगदान 14 प्रतिशत से अधिक माना जाता था। वर्ष 1960 के पश्चात प्रदेश की अर्थव्यवस्था में गिरावट होनी शुरू हुई। वर्ष 1990 के पश्चात इसमें और अधिक तीव्रता से गिरावट देखी गयी। वर्ष 2017 तक प्रदेश का देश के विकास में योगदान 08 प्रतिशत से भी कम हो गया। प्रदेश सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, खाद्यान्न उत्पादन, अवसंरचना, निवेश आदि में पिछड़ता गया। प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था।
इस अवसर पर नव चयनित अभ्यर्थियों ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न कराने के लिए मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की योजनाओं एवं उपलब्धियों पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्रीमती लीना जौहरी, सूचना निदेशक श्री विशाल सिंह, अपर निदेशक, सूचना श्री अरविन्द कुमार मिश्र सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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