राहुल कमाल की घोषणाएं करते हैं, पिछला हिसाब मांग रहा है छत्तीसगढ़

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा आज छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान की गई घोषणाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि घोषणा करने में राहुल गांधी आजकल कमाल का काम करते हैं। बयान बहादुर, घोषणा बहादुर बन गए हैं। सिर्फ घोषणा भर तो करना है। उस घोषणा पर करना तो कुछ है नहीं तो घोषणा करने में क्या दिक्कत है।

“ये है नहले पर दहला। राहुल गांधी जो बार-बार कहते हैं कि जातीय जनगणना से डरते हैं मोदी ,तो क्या रविशंकर प्रसाद के सवाल का जवाब देंगें राहुल-प्रियंका और भूपेश जो बार-बार छत्तीसगढ़ में आकर जातीय जनगणना का राग अलाप रहे हैं । क्या कांग्रेस किसी ओबीसी को देश का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी ? क्या कांग्रेस मध्यप्रदेश में किसी ओबीसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी ?”

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी पहले यह जवाब दें कि राजस्थान में उन्होंने क्या कहा था? सरकार बनेगी तो पहली कैबिनेट में यह फैसला होगा, वह फैसला होगा। क्या हुआ? कर्नाटक के प्रचार में क्या बिजली और क्या बाकी सब, जो बातें कही थीं, बेरोजगारों के लिए रोजगार योजना पहली कैबिनेट में होगी। क्या हुआ?

पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी घोषणा करने के पहले बताएं कि छत्तीसगढ़ में पुरानी घोषणा का क्या हुआ? कुछ भी बोलते हैं। आपने कहा था 200 फूड पार्क खुलेंगे। खुले क्या? छत्तीसगढ़ में पूंजी निवेश बंद हो गया है। क्योंकि यहां कांग्रेस की सरकार नहीं, भूपेश बघेल की अगुवाई में लूट की सरकार है। ऐसे में भी राहुल गांधी कह रहे हैं कि केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा देंगे तो पहले यह बताएं पब्लिक सर्विस कमीशन में घोटाला क्यों हुआ है? पीएससी अध्यक्ष के बेटे बहू, कांग्रेस नेताओं के परिवार के लोग, अफसरों के परिवार के लोग सलेक्ट और काबिल युवा रिजेक्ट! अब तेंदूपत्ता की घोषणा पर क्या कहा जाए? 4000 की प्रोत्साहन राशि देने कहा है। जबकि भाजपा की सरकार 4000 से 6000 बोनस दिया करती थी। पूरे तेंदूपत्ता की खरीदी से आदिवासियों को फायदा होता था। इन्होंने कुछ नहीं किया। क्यों नहीं हुआ? मुझे बताया गया है कि एक आदिवासी माता तेंदूपत्ते लेकर जा रही थीं, उनका अपहरण हुआ है। यह आपकी जो स्थिति है, नई-नई घोषणाओं की बात करते हैं। पुरानी घोषणाओं का छत्तीसगढ़ हिसाब मांग रहा है। वह तो दीजिए। राहुल गांधी आदिवासियों की बात करते हैं। देश की पहली योग्य महिला आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी भाजपा ने बनाई। आप दलित के सशक्तिकरण की बात करते हैं तो हमने योग्य गरीबों में दलित नेता रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति बनाया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि राहुल जी आप तो कम से कम जाति जनगणना की बात न करें। इस खेल में आप नए-नए हैं। मैं बिहार से आता हूं। नीतीश कुमार ने काफी होमवर्क किया। राहुल गांधी कोई होमवर्क तो करते नहीं हैं। मैं लोकसभा में यह बात बोल चुका हूं कि राहुल गांधी होमवर्क नहीं करते। उन्हें जो भी कोई चिट चैट पकड़ा देते हैं, वे पकड़ लेते हैं। कभी वीर सावरकर के नाम पर, कभी किसी के नाम पर, कभी राफेल की चिट पकड़ा दी गई। आजकल जातिगत जनगणना की चिट राहुल को पकड़ा दी गई है। मेरा एक सवाल है। जातिगत जनगणना आपके परिवार पर लागू होगी कि नहीं, हिम्मत है तो राहुल जवाब दें। अब तो राहुल के परिवार में ही कॉम्पटीशन बढ़ रहा है। सोनिया जी, उसके बाद आप आए। आजकल आपकी बहन जी हैं।राहुल जी आपके अंदर, आपकी क्षमता क्या है, देश जानता है। आज जहां हैं, वहां इसलिए हैं कि आप राजीव गांधी के बेटे हैं। इंदिरा गांधी के पोते हैं। नेहरू जी के परपोते हैं। यह जो परिवार का सिलसिला है, जाति जनगणना होगी तो क्या क्या लागू होगा?

पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमें गर्व है कि आज पिछड़े समाज से हमारे भाजपा के 85 एमपी हैं। सबसे अधिक संख्या में विधायक बीजेपी में पिछड़े समाज से हैं। सबसे बड़ी संख्या में हमारे पंचायत के प्रतिनिधि, सरपंच, मुखिया पिछड़े समाज से हैं। अनेकों मुख्यमंत्री पिछड़े समाज से हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, जो दुनिया के नेता हैं, वह भी इसी समाज से हैं। हम तो करके दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी, भाजपा की ओर से मैं सवाल कर रहा हूं कि जाति जनगणना होगी तो इसका नतीजा आपके परिवार पर लागू होगा या नहीं? जैसे खड़गे जी हैं, अध्यक्ष तो आपने बना दिया लेकिन खड़गे साहब की कितनी सुनवाई होती है? यह आपका निजी विषय है लेकिन अगर नीतीश कुमार के मॉडल की बात आप करते हैं तो वहां अन्याय किया गया है। यह आपका मॉडल है तो हमारा जबरदस्त विरोध है। जैसे धर्मांतरण हो रहा है, इसका सीधा परिणाम इस प्रदेश के आदिवासियों को भुगतना पड़ेगा।