आखिर किसके संरक्षण में अंतरराज्यीय तस्करों का हौसला
सूरजपुर जिले में काफी समय से लकड़ी तस्करों का आतंक देखने को मिल रहा है जो बिना परमिशन पेपर के लिपटिस पेड़ो के साथ साथ और भी कई प्रकार के प्रजाति के पौधों का कटाई करके तस्करी कर रहे है!
स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी खुले आम बिना नंबर प्लेट के गाड़ियों में अवैध लकड़ी का तस्करी कर रहे है और कई बार तो स्थानीय लोगों के द्वारा विरोध करने पर उनको धमकी देते हुए भी नजर आते है ,आखिर प्रशासन इनपर इतना मेहरबान क्यों है आखिर क्या है कारण जो इनको संरक्षण दिया जा रहा है !
खुलेआम दौड़ रहे अवैध लकड़ी से लोड ट्रेक्टर जिनके पास न किसी तरह का परमिशन कागज है न ही उनकी गाड़ी में नंबर प्लेट है जिसके बावजूद भी इनपर न यातयात न ही वन विभाग के द्वारा इनपर किसी तरह का रोक भी नहीं लगाया जा रहा है आखिर प्रशासन का इस तरह से आंखे बंद कर लेने का क्या है कारण?
सूत्रों से मिली जानकारी स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि प्रशासन को भी इनके द्वारा दिए गए मलाई खाने की आदत सी हो गई है , वही ये लकड़ी तस्कर भी खुले आम स्थानीय लोगों से कहते हुए नजर आते है कि कही भी शिकायत कर लो हमारा कुछ नहीं होगा सभी को इस मलाई का हिस्सा पहुंच रहा है ! कल रात 14 जुलाई को भी स्थानीय लोगों के द्वारा अवैध लकड़ी से भरी हुई ट्रैक्टर को भी रोका गया था जिसपर वाहन चालक गाड़ी खड़ा कर वहां से फरार हो गया आखिर क्या है मजबूरी जो प्रशासन के कार्यों को अब आम आदमी को करना पड़ रहा है आखिर प्रशासन के इस चुप्पी को हम क्या समझे !
और भरी मात्रा में लोड ट्रेक्टर का सड़कों पर आय दिन परिवहन से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है ,और बिना नंबर प्लेट के गाड़ियों को दुर्घटना के पश्चात पकड़ पाना कहा तक आसान होगा !