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विधानसभा में गूंजा छत्त्तीसगढ़ के प्रथम सी-मार्ट का मुददा, गरमाया सदन

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भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने उठाया सवाल
मुददे पर कांग्रेस-भाजपा के नेता हुआ आमने सामने, जमकर हुआ सवाल जवाब
भिलाई। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने आज विधानसभा में लोगों के लिए रोजगार का केन्द्र सी-मार्ट का मुददा उठाया।विधायक यादव के सवाल पर सदन में जमकर हंगामा भी हुआ। प्रश्नकाल में विधायक ने छत्तीसगढ़ के प्रथम सी-मार्ट भिलाई को बंद किए जाने को लेकर सवाल किया।जिस पर कांग्रेस और सत्तादल के विधायकों के बीच जमकर बहस हुई। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल के विधायकों ने अपने-अपने तर्क दिए और बहस को बढ़ता हुआ देख मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधायक श्री यादव के सवालों का जवाब दिया।
विधायक देवेन्द्र ने नगर निगम भिलाई के सी-मार्ट के संचालन को लेकर सवाल लगाया गया था।जिसमें उन्होंने निगम भिलाई के अंतर्गत संचालित सी-मार्ट की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या उनका संचालन किया जा रहा है? यदि हां तो उनमें किन उत्पादनों का विक्रय किया जा रहा है यदि बंद है तो उसको पुनः संचालित किया जाएगा या नहीं जानकारी चाही थी। जिस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बताया कि नगर पालिक निगम, भिलाई अंतर्गत स्थित सी-मार्ट संचालन एवं संधारण कार्य का कार्यादेश जारी कर दिया गया है। सितंबर.2023 में मेसर्स विनिल इंटरप्राईजेस को दिया गया था, किन्तु एजेंसी द्वारा निर्धारित संचालन एवं संधारण हेतु किराया/ यूजर चार्ज, मुख्य कार्यालय में जमा नहीं किये जाने की वजह से 27 दिसंबर .2024 को किराया/यूजर चार्जेस जमा करने हेतु नोटिस दिया गया है, परन्तु एजेन्सी के द्वारा निर्धारित किराया/यूजर चार्जेस आज पर्यन्त दिनांक तक जमा नही किया गया है। वर्तमान में एजेंसी द्वारा सी-मार्ट का संचालन न किये जाने के कारण बंद है। सी-मार्ट का संचालन शुरू करने के लिए नियमानुसार कार्यवाही चल रही है।


सौर सुजला योजना बनी के किसानों के लिए वरदान

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वन क्षेत्र बारनवापारा के 1222 किसानों को सोलर पम्प से मिली सिंचाई सुविधा

रायपुर 27 फरवरी 2025/ आजादी के दशकों बाद भी परंपरागत बिजली से वंचित रहे बलौदाबाजार जिले बारनवापारा क्षेत्र के किसानों के लिए छत्तीसगढ़ शासन की सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में क्रेडा विभाग द्वारा अब तक बारनवापारा क्षेत्र में 1222 किसानों के खेतों में सौर सिंचाई पम्प स्थापित किए गए हैं, जिससे अब किसान बिना किसी चिंता के सिंचाई सुविधा का लाभ उठाकर लाभकारी खेती कर रहे हैं।

सौर सुजला योजना के तहत बार नावापारा क्षेत्र में 2 हार्स पावर के 03, तीन हार्स पावर के 615 और 5 हार्स पावर के 604 सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं। यह योजना उन किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, जिनके खेतों तक बिजली नहीं पहुंची थी या जिनके पास सिंचाई के अन्य संसाधन नहीं थे।

ग्राम डेबी के किसान नित्यानंद बताते हैं कि पहले सिंचाई की सुविधा न होने के कारण उनकी सालाना आमदनी मात्र 25 से 30 हजार रुपये थी। लेकिन सोलर पम्प लगने के बाद अब वे धान के साथ सब्जियां जैसे आलू, टमाटर और बरबटी उगाकर तीन से चार गुना अधिक आय प्राप्त कर रहे हैं। इसी तरह, बंशराम चौहान, बसंत कुमार कैवर्त्य, अमरू राम, धनीराम बिंझवार और गौरी बाई दीवान सहित कई अन्य किसानों की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

पहले किसान नदी-नालों से डीजल पम्प के जरिए सिंचाई करते थे, जिससे उनकी आय का बड़ा हिस्सा ईंधन पर खर्च हो जाता था। लेकिन सौर सुजला योजना के तहत मात्र 24,800 रुपये में सोलर पम्प मिलने से अब उनकी यह समस्या समाप्त हो गई है। छत्तीसगढ़ शासन किसानों को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर सौर पम्प उपलब्ध करा रही है। तीन हार्स पावर के पम्प के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसानों को मात्र 10,000 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को 15,000 रुपये, सामान्य वर्ग के किसानों को 21,000 रुपये का अंशदान देना होता है, जबकि 5 हार्स पावर के पम्प के लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 15,000 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग को 20,000 रुपये तथा सामान्य वर्ग के कृषक को 25,000 रुपये का अंशदान देना होता है। बलौदाबाजार जिले में अब तक 5198 सौर पम्प लगाए जा चुके हैं।

सौर सुजला योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और क्रेडा विभाग के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। सिंचाई के लिए नदी, नाले, कुएं और नलकूप प्राथमिकता पर चिन्हांकित किए जाते हैं। छत्तीसगढ़ शासन की यह योजना किसानों के लिए कम लागत में सिंचाई की बेहतर और स्थायी व्यवस्था है।


विश्व में फैल रही है राजिम कुंभ कल्प की ख्याति

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विदेशी पर्यटकों ने कहा – “इट्स वंडरफुल!”

रायपुर, 27 फरवरी 2025/ छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में आयोजित राजिम कुंभ कल्प अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध होता जा रहा है। इस वर्ष आयोजित राजिम कुंभ कल्प में श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी, जिसमें देशभर के तीर्थयात्रियों के साथ विदेशी पर्यटकों ने भी हिस्सा लिया।

नीदरलैंड से पहली बार आए सिनिस ने कहा, “यहाँ की संस्कृति और लोगों की आत्मीयता ने मुझे गहराई से प्रभावित किया है। यह एक अद्भुत अनुभव है!” वहीं, इटली से आए जुबेतो और पैट्रिसिया ने कहा कि वे भारत की आध्यात्मिक, धार्मिक और अलौकिक संस्कृति को करीब से देखने और समझने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा, “राजिम कुंभ कल्प भारतीय आस्था और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम है, जो हमें मंत्रमुग्ध कर रहा है।”

राजिम कुंभ की भव्यता से अभिभूत विदेशी पर्यटक

नीदरलैंड, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका और इटली से आए पर्यटकों ने 54 एकड़ में फैले विशाल राजिम कुंभ कल्प की भव्यता को देखकर खुशी व्यक्त की। राजीव लोचन मंदिर और त्रिवेणी संगम पर स्थित कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में उत्कीर्ण प्राचीन कलाकृतियों ने उन्हें विशेष रूप से आकर्षित किया। विदेशी पर्यटक महाशिवरात्रि पर निकाली गई नागा साधुओं की शोभायात्रा में भी शामिल हुए और मेला क्षेत्र का पैदल भ्रमण किया। विदेशी पर्यटकों ने राजिम कुंभ कल्प की साज-सज्जा और संत समागम क्षेत्र की भव्यता देखकर कहा – “इट्स वंडरफुल!”

विदेशी सैलानियों ने नागा साधुओं द्वारा निकाली गई शोभायात्रा और अखाड़ों के शौर्य प्रदर्शन को आश्चर्य और रोमांच से देखा। संत समागम क्षेत्र में उन्होंने विभिन्न संतों से आशीर्वाद लिया और नागा साधुओं के तपस्वी जीवन के बारे में जाना। पर्यटकों ने पूरे आयोजन की भव्यता को अपने कैमरों में कैद किया और मेला घूमने आए लोगों के साथ सेल्फी भी ली।

राजिम कुंभ कल्प – आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अंतरराष्ट्रीय मंच

राजिम कुंभ कल्प की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक चेतना का वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है। विदेशी मेहमानों की उपस्थिति से इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिल रही है, जिससे भविष्य में और अधिक पर्यटक और श्रद्धालु आकर्षित होंगे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से राजिम कुंभ कल्प को एक भव्य, दिव्य और यादगार आयोजन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि सम्पूर्ण भारत की संस्कृति और आस्था की गौरवशाली पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित कर रहा है।


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की ऐतिहासिक पहल: छत्तीसगढ़ की जनता बनी महाकुंभ 2025 की साक्षी

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मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयास को 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ नगरी में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन में रूककर बनाया सार्थक

मनोज कुमार सिंह, सहायक संचालक ( महाकुम्भ से लौटकर)

रायपुर, 27 फरवरी 2025/
“आप सभी को एक बात कहना चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 का आयोजन हो रहा है। मैं चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु वहां जाएं। आप को वहां जाकर रूकने और खाने की चिंता नहीं करनी है। आपके लिए हमारी सरकार ने प्रयागराज के सेक्टर 6 में साढ़े चार एकड़ में छत्तीसगढ़ पैवेलियन बनाया है। वहां पर आपके रूकने और खाने की निःशुल्क व्यवस्था की है।“
यह कथन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने महाकुम्भ 2025 शुरू होने के पहले अपने सार्वजनिक संबोधनों में कई जगह कही थी। मुख्यमंत्री श्री साय राज्य की जनता की आवश्यकताओं और इच्छाओं को समझते हैं, इसीलिए मुख्यमंत्री श्री साय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से बात की और प्रयागराज स्थित कुंभ मेला क्षेत्र में साढ़े चार एकड़ में छत्तीसगढ़ पैवेलियन का निर्माण कराया और छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने खर्च पर 45 दिनों तक राज्य के श्रद्धालुओं के ठहरने और भोजन की निःशुल्क व्यवस्था की।

इन 45 दिनों में छत्तीसगढ़ के लगभग 50 हजार श्रद्धालुओं ने चिंतामुक्त होकर महाकुम्भ 2025 के संगम में आस्था की डुबकी लगाई। 45 दिनों तक चलने वाला आस्था और परंपरा का विश्व का सबसे बड़ा त्यौहार अब समाप्त हो चुका है, लेकिन जाते हुए भी ये छत्तीसगढ़ की जनता को अविस्मरणीय यादें दे गया है जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भी शामिल हैं।

ऐसा नहीं है कि प्रयागराज के मेला क्षेत्र के सेक्टर 6 में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन सिर्फ छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए ही था, बल्कि ये देश विदेश के सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र था। छत्तीसगढ़ पैवेलियन में लगी प्रदर्शनी को देखने के लिए देश विदेश के पर्यटक और श्रद्धालुओं का हुजूम लगा रहता था। एक तरफ जहां अन्य राज्यों के पैवेलियन रात 8 बजे के बाद बंद हो जाया करते थे, छत्तीसगढ़ पैवेलियन का सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 10 बजे तक लोगों का मनोरंजन करता रहता था। छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकारों ने प्रयागराज में महाकुम्भ की धरती पर ऐसा समां बांधा था कि भाषा और संस्कृति के आवरण से दूर देश के हर राज्य के लोग इसे देखने और सुनने को आतुर दिखते थे।

छत्तीसगढ़ पैवेलियन का प्रवेश द्वार बस्तर की पहचान गौर मुकुट से सुशोभित था। ये दूर से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता था। भीतर प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा छत्तीसगढ़ की ममतामयी पहचान को परिलक्षित करती थी। इसके साथ ही राज्य की चार ईष्ट देवियों ( मां महामाया, मां दंतेश्वरी, मां बम्लेश्वरी और मां चंद्रहासिनी) की तस्वीरों के आगे लोगों के सिर श्रद्धा से झुक जाते थे। प्रदर्शनी में राज्य सरकार की योजनाओं को जानने के लिए लोग आतुर दिखते थे। प्रदर्शनी में सिरपुर, कुतुबमीनार से ऊंचे जैतखाम, भारत का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वाटरफाल, आधुनिक शहर नया रायपुर के बारे मे जानकर लोग स्तब्ध रह जाते थे।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शनी में टेक्नालाजी का भी इस्तेमाल किया गया था। 360 डिग्री का वीडियो दिखाने वाले इमर्सिव डोम में भीतर जाने के लिए पूरे देश के लोग लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते थे और ऐसा ही कुछ हाल वर्चुअल रियेलिटी के जरिए छत्तीसगढ़ को जानने के लिए भी था। इतना ही नहीं प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति, कला, आभूषण, रहन-सहन, खान-पान, नृत्य, पशु एवं पक्षियों को भी दर्शाया गया था जो लंबे समय तक प्रादेशिक और राष्ट्रीय मीडिया के लिए आकर्षण का विषय बने हुए थे।

अब महाकुम्भ का समापन हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे एकता का महाकुम्भ कहकर संबोधित किया है। छत्तीसगढ़ पैवेलियन अपने आप में इसका एक बड़ा उदाहरण है जहां बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति के लिए निःशुल्क भोजन उपलब्ध था। बिना किसी ऊंच नीच के हर वर्ग, हर जाति और हर धर्म और हर संप्रदाय यहां तक की विदेशी भी आते थे और छत्तीसगढ़ को पास से जानकर आश्चर्य और रोमांच से भर जाते थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को दी महाकुंभ के सफल आयोजन की बधाई

महाकुम्भ के समापन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को महाकुम्भ के सफल आयोजन और छत्तीसगढ़ को साढ़े चार एकड़ जगह उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी पहल और समर्पित प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ के लगभग 50 हजार श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ 2025 का हिस्सा बने। इन श्रद्धालुओं की भागीदारी ने राज्य की तीन करोड़ जनता को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से इस महान आध्यात्मिक आयोजन से जोड़ा।

छत्तीसगढ़ के संत, विद्वान और श्रद्धालु महाकुंभ के पवित्र संगम में स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठानों में शामिल हुए, जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का भव्य प्रदर्शन हुआ। इसके माध्यम से राज्य ने अखिल भारतीय आध्यात्मिक चेतना में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल ने छत्तीसगढ़ को महाकुंभ के वैश्विक मंच पर एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित किया, जिससे राज्य की तीन करोड़ जनता को सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव की अनुभूति हुई। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र यात्रा बना, बल्कि राज्य की आध्यात्मिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का एक सशक्त माध्यम भी साबित हुआ है।


ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मनरेगा की है महत्वपूर्ण भूमिका— मुख्यमंत्री श्री साय

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मुख्यमंत्री श्री साय ने मनरेगा कार्यों को गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध रूप से पूरा करने के दिए निर्देश

मनरेगा को अन्य योजनाओं से जोड़कर ग्रामीण विकास की गति तेज करने पर दिया गया जोर

रायपुर, 27 फरवरी 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की बैठक विधानसभा परिसर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में मनरेगा कार्यों को सर्वोच्च गुणवत्ता और निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए, ताकि अधिकतम ग्रामीण परिवारों को इस योजना का लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से गांवों में धरसा पहुंच मार्ग निर्माण और अमृत सरोवर परियोजनाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए, जिससे ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूती मिले और जल संरक्षण को बढ़ावा मिले।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य केवल रोजगार देना नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों को आत्मनिर्भर बनाना है। मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से लागू किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए, ताकि यह योजना गरीबों के सशक्तिकरण में एक मजबूत आधार बने। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मनरेगा को अन्य योजनाओं से जोड़कर ग्रामीण विकास की गति तेज करने पर जोर दिया जा रहा है।

राज्य में मनरेगा के प्रभावशाली क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा

बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 की प्रगति, लेबर बजट 2025-26, योजना के प्रमुख इंडिकेटर्स और अभिसरण (कॉन्वर्जेंस) मॉडल पर गहन समीक्षा की गई। वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।

मनरेगा आयुक्त श्री रजत बंसल ने जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 38.52 लाख पंजीकृत परिवारों में से 24.89 लाख परिवारों को रोजगार प्रदान किया गया है।अमृत सरोवर योजना के तहत 2,902 जलाशयों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 1,095 स्वीकृत हो चुके हैं, 299 पूर्ण हो चुके हैं, और 472 पर कार्य प्रगति पर है।

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस, श्री पी. दयानंद, श्री राहुल भगत, मनरेगा आयुक्त श्री रजत बंसल एवं छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद के सदस्यगण उपस्थित थे।


नगर निगम रायपुर के नव निर्वाचित महापौर एवं पार्षदों का शपथ ग्रहण सम्पन्न

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रायपुर को स्वच्छ, सुव्यवस्थित एवं समृद्ध शहर बनाने की दिशा में दृढ़ संकल्प के साथ करें कार्य – मुख्यमंत्री

रायपुर, 27 फरवरी 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में नगर पालिक निगम, रायपुर के नव निर्वाचित महापौर एवं पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह आज बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम रायपुर में संपन्न हुआ। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने महापौर एवं सभी पार्षदों को वार्डवार शपथ दिलाई।

महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में शपथ ग्रहण किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सभी नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि नवनिर्वाचित महापौर और पार्षदगण अटल विश्वास पत्र में किए गए प्रत्येक वादे को पूरा कर रायपुर को स्वच्छ, सुव्यवस्थित एवं समृद्ध शहर बनाने की दिशा में दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करेंगे।

शपथ ग्रहण उपरांत महापौर मीनल चौबे ने मुख्यमंत्री श्री साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्रीद्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा , मंत्रीगण, पूर्व महापौर एवं विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

समारोह में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री राजेश मूणत, श्री किरण देव, श्री सुनील सोनी, श्री मोतीलाल साहू, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।नगर निगम आयुक्त श्री अबिनाश मिश्रा ने सभी अतिथियों, जनप्रतिनिधियों एवं शहरवासियों का आभार व्यक्त किया।


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने ‘छावा’ हिंदी फिल्म को किया टैक्स फ्री घोषित

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रायपुर, 26 फरवरी 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने ऐतिहासिक वीर गाथा पर आधारित हिंदी फिल्म ‘छावा’ को राज्य में टैक्स फ्री घोषित करने की घोषणा की है। उन्होंने आज राजिम कुंभ के आयोजन उपरांत मीडिया से चर्चा के दौरान यह घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छावा फिल्म को टैक्स फ्री करने का निर्णय छत्तीसगढ़ की जनता को देश के गौरवशाली इतिहास से जोड़ने और युवा पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम एवं शौर्य की भावना जागृत करने के उद्देश्य से लिया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ‘छावा’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि ऐतिहासिक परंपराओं, वीरता और स्वाभिमान की गाथा है, जिसे हर नागरिक को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह फिल्म युवा वर्ग को प्रेरित करेगी और छत्रपति संभाजी महाराज के शौर्य, बलिदान और नेतृत्व को व्यापक रूप से प्रस्तुत करेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय के इस फैसले से राज्य के सिनेमाघरों में फिल्म देखने के इच्छुक दर्शकों को मूल्य में राहत मिलेगी, जिससे अधिक से अधिक लोग इसे देख सकेंगे और भारतीय इतिहास की समृद्ध विरासत से प्रेरणा ले सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि फिल्म छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने मुगलों और अन्य आक्रांताओं के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपने अदम्य साहस, रणनीतिक कौशल और बलिदान की अमर गाथा लिखी। फिल्म उनके अदम्य साहस और बलिदान को जीवंत करती है और राष्ट्रभक्ति की भावना को सुदृढ़ करती है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ऐसी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समाज को प्रेरणा देती हैं और सांस्कृतिक चेतना को जाग्रत करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रभक्ति से जुड़ी फिल्मों को प्रोत्साहित करती रहेगी, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ी रहे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की जनता, विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे इस फिल्म को देखें और भारतीय इतिहास के उन स्वर्णिम पन्नों को समझें, जो आज भी हमारे जीवन को दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भगवान श्री राजीव लोचन की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की

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रायपुर, 26 फरवरी 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भगवान श्री राजीव लोचन मंदिर में आज पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री श्री साय ने त्रिवेणी संगम में स्थित भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव का जलाभिषेक कर छत्तीसगढ़ की उन्नति और प्रगति की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ कल्प केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक चेतना का अद्भुत संगम है।

महानदी मैया की महाआरती में हुए शामिल

राजिम कुंभ कल्प के अंतर्गत आयोजित महानदी मैया की भव्य महाआरती में मुख्यमंत्री श्री साय मंत्रोच्चार और शंखध्वनि के मध्य विधि-विधान से शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने महानदी मैया से प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

इस अवसर पर खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वन एवं जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप, राजिम विधायक श्री रोहित साहू, बसना विधायक श्री संपत अग्रवाल तथा अन्य गणमान्य नागरिक, संत महात्मा और बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।


टूरिस्ट स्पॉट पर दिव्यांगों के लिए बनेगा रैंप रूट, बुकिंग पर छूट भी

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दिव्यांगों के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की पहल

रायपुर 26 फरवरी 2025/ टूरिस्ट स्पॉट पर दिव्यांगजन आसानी से घूम सके, इसके लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने विशेष पहल शुरू की है। है। “यात्रा आपकी सुविधा हमारी” नाम से शुरू इस पहल के तहत छत्तीसगढ़ के सभी टूरिस्ट स्पॉट पर अब स्पेशल रैंप रूट बनाया जा रहा है। इस रैंप रूट के जरिए दिव्यांग आसानी आसानी से संबंधित टूरिस्ट स्पॉट पर जा सकेंगे और आसानी से घूम सकेंगे। यही नहीं सभी टूरिस्ट स्पॉट में पर्यटन मंडल के रिसॉर्ट में व्हीलचेयर की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि वे आसानी से आप पास के क्षेत्र में घूम सकें। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अधिकारियों के अनुसार मैनपाट में स्पेशल स्पेशल रैंप रैंप रू रूट बनाया गया है। इस पर आसानी से दिव्यांग चल सकते हैं। इसी तरह दूसरे पर्यटन स्थलों में भी रैंप रूट बनाया जा रहा है।

दिव्यांगों के लिए ये खास पहल की गई है, ताकि पर्यटन पर्यटन स्थलों को देखने वालों में उनकी संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो सके।
ऑनलाइन के साथ हेल्पलाइन से भी बुकिंग की सुविधा
दिव्यांगजन अपनी फैमिली या दोस्तों के साथ छत्तीसगढ़ के खूबसूरत स्थलों को देख सके। इसके लिए दोनों तरह की सुविधा दी जा रही है। दिव्यांग चाहें तो ऑनलाइन बुकिंग भी करा सकते हैं या फिर पर्यटन मंडल के हेल्प लाइन नंबर पर फोन करने पर बुकिंग की सुविधा दी जा रही है।

दिव्यांगों को 30 प्रतिशत तक डिस्काउंट

पर्यटन मंडल ने दिव्यांगों के लिए स्पेशल डिस्काउंट भी शुरू किया है। बुकिंग के दौरान दिव्यांगता प्रमाणपत्र दिखाने पर 30 परसेंट की डिस्काउंट दिया जाएगा। ये डिस्काउंट केवल पर्यटन मंडल द्वारा संचालित रिसॉर्ट में ही दिया जाएगा। इनमें बिलासपुर, मैनपाट, बस्तर, कोरबा, सिरपुर जैसे खास जगह शामिल हैं। बुकिंग के दौरान मिलने वाली सुविधा सिर्फ दिव्यांग को एक ही कमरे के लिए दी जाएगी।

सुविधा केवल इन रिसॉर्ट में

  • कुरदल हिल ईको-रिसॉर्ट बिलासपुर।
  • छेरछेरा रिसॉर्ट कबीर चबूतरा। बैगा टूरिस्ट रिसॉर्ट कबीरधाम। सोन बाहरा टूरिस्ट रिसॉर्ट आमाडोब। हरेली ईको रिसॉर्ट बारनवापारा। • दानदामी लग्जरी रिसॉर्ट कॉटेज चित्रकोट। • होटल जोहार छत्तीसगढ़ रायपुर। सैला टूरिस्ट रिसॉर्ट मैनपाट। जोहार होटल, सिरपुर। • दानकुल एथनिक रिसॉर्ट कोंडागांव। सतरंगा बोट क्लब एंड रिसॉर्ट कोरबा। सतरेंगा एथनिक रिसॉर्ट जशपुर

बस्तर की जनजातीय कला-संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित करने “बस्तर पंडुम” का होगा भव्य आयोजन

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मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बस्तर के कमिश्नर-आईजी और कलेक्टर-एसपी को तैयारी करने दिए निर्देश

रायपुर 26 फरवरी 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर बस्तर की समृद्ध जनजातीय कला एवं संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित करने बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मार्च में होगा। इस संबंध में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने मंगलवार शाम को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बस्तर के कमिश्नर-आईजी सहित सातों जिले के कलेक्टर एवं एसपी को आवश्यक तैयारी एवं व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। इस दौरान प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति एवं आदिम जाति विकास विभाग श्री सोनमणि बोरा, सचिव संस्कृति विभाग श्री अनबलगन पी सहित राज्य शासन के वरिष्ठ उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में सचिव संस्कृति श्री अनबलगन पी ने बताया कि बस्तर के जनजातीय समुदाय के लोगों विशेषकर युवाओं के मध्य समरसता और एकता स्थापित करने की इस अनूठी पहल से बस्तर की जनता में विश्वास,शान्ति और विकास को बढ़ावा मिलेगा। बस्तर पंडुम का आयोजन ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर किया जाएगा। जिसमें जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य सहित जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन, जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन, जनजातीय कला एवं गोदना का प्रदर्शन तथा जनजातीय व्यंजन एवं पेय पदार्थों का प्रदर्शन विधाओं को शामिल किया गया है। साथ ही केवल संभाग स्तर आयोजन में जनजातीय रीति-रिवाज एवं तीज-त्यौहार पर आधारित प्रदर्शनी को समाहित किया गया है। ब्लॉक स्तर के बस्तर पंडुम में सभी कलाकारों एवं प्रतिभागियों को ओपन एंट्री दी जाएगी। इसके बाद चयनित दल एवं प्रतिभागी जिला स्तर और जिला स्तर से चयनित दल एवं प्रतिभागी संभाग स्तर के बस्तर पंडुम में अपनी सहभागिता निभाएंगे। बस्तर पंडुम के प्रत्येक स्तर को बस्तर में उत्सव की तरह मनाया जायेगा जिसमें समाज प्रमुखों, वरिष्ठ नागरिकों, जनप्रतिनिधियों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जायेगा। जिला एवं संभाग स्तर पर बड़े स्तर के कलाकारों को आमंत्रित कर कार्यक्रम प्रस्तुति का अवसर प्रदान किया जाएगा। साथ ही मेहमान कलाकारों के रूप में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के दलों को आमंत्रित किया जाएगा। बस्तर पंडुम के प्रत्येक स्तर पर विजेता दलों एवं प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र सहित फोटो फ्रेम भेंटकर सम्मानित किया जायेगा। इस आयोजन के प्रत्येक स्तर पर निःशुल्क भोजन एवं आवागमन हेतु वाहन की व्यवस्था सहित ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष में कमिश्नर बस्तर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री हरिस एस एवं एसपी श्री शलभ सिन्हा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बस्तर: अद्वितीय जनजातीय कला एवं संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध
दंडकारण्य के घने जंगल में बसा बस्तर अपने अद्वितीय जनजातीय कला एवं संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है, यहां की जनजातीय समाज घने जंगल, पहाड़ी एवं दुर्गम स्थानों में निवासरत है, जिनकी एक विशेष बोली-भाषा, खान-पान, रहन-सहन सहित कला-संस्कृति तथा तीज-त्यौहार हैं। बस्तर की नैसर्गिक सुंदरता भी अप्रतिम है जो देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।