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जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्रीः अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज से सह परिवार मिले विधायक देवेंद्र यादव, प्राप्त किए आशीर्वाद

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भिलाई। आज महा शिवरात्रि के पावन अवसर पर भिलाई नगर विधायक श्री देवेंद्र यादव जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज से ऐतिहासिक मुलाकात की। विधायक श्री यादव अपने पूरे परिवार के साथ आज ग्राम सलधा बेमेतरा स्वामी जी के आश्रम पहुंचे और सह परिवार आशीर्वाद प्राप्त किया. विधायक देवेंद्र यादव अपनी माँ, पत्नी, बड़े भैया -भाभी के साथ आज ग्राम सलधा में पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त किये.
महा शिव रात्रि के पावन अवसर पर भव्य पूजा आरती का आयोजन किया गया। जिसमे शामिल हुए और बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना किये. रुद्राभिषेक कर बाबा भोले नाथ की आराधना की.
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज से विधायक परिवार ने विशेष आशीर्वाद प्राप्त किए। सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रीय एकता के विषयों पर चर्चा भी हुई। इस दौरान शंकराचार्य जी ने विधायकों को समाज की भलाई और राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने इस अवसर पर कहा कि राजनीतिक नेतृत्व और आध्यात्मिक मार्गदर्शन का समन्वय समाज के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है। उन्होंने विधायकों से आह्वान किया कि वे अपने क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करें।
विधायकों ने इस मुलाकात को अपने लिए प्रेरणादायक बताया और कहा कि शंकराचार्य जी के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से वे समाज के लिए और अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी मुलाकातें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
इस मुलाकात में शंकराचार्य जी के साथ गहन चर्चा की और उनके आशीर्वाद प्राप्त किए।
यह मुलाकात सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।


तृतीय अनुपूरक में 19762 करोड़ रूपए का बजट पारित

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वित्तीय सुधार की दिशा में काम कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार: वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी

छत्तीसगढ़ को वित्तीय सुधारों के कारण केन्द्र सरकार से मिली सर्वाधिक 6000 करोड़ की प्रोत्साहन राशि

ऋण की अग्रिम अदायगी के लिए 2250 करोड़ का प्रावधान

उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत देने 326.97 करोड़ रूपए

औद्योगिक क्षेत्रों में 76 करोड़ से होंगे अधोसंरचनात्मक कार्य

छत्तीसगढ़ का बजट अब बढ़कर हुआ एक लाख 75 हजार 342 करोड़ रूपए

रायपुर 25 फरवरी 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार का तृतीय अनुपूरक बजट आज विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ। वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने वर्ष 2024-25 के लिए 19762 करोड़ 12 लाख 42 हजार 523 रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। चर्चा पश्चात पारित हुए उक्त अनुपूरक बजट को मिलाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के बजट का आकार कुल 01 लाख 75 हजार 342 करोड़ रूपए का हो गया है। इसमें मुख्य बजट के रूप में पारित 1 लाख 47 हजार 446 करोड़, प्रथम अनुपूरक बजट में 7 हजार 329 करोड़ रूपए, द्वितीय अनुपूरक बजट में 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए और तृतीय अनुपूरक बजट में 19762 करोड़ 12 लाख 42 हजार 523 रूपए शामिल है। 

वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने तृतीय अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी पर भरोसा करती है। सरकार बनने के 12 दिनों बाद ही मोदी जी की गारंटी के अनुरूप सरकार ने 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल के बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने समर्थन मूल्य पर इस वर्ष 149 लाख टन धान की खरीदी की है, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को धान खरीदी समाप्त हुई और एक सप्ताह के भीतर 25 लाख 49 हजार किसानों के बैंक खाते में 12 हजार करोड़ रूपए का भुगतान एकमुश्त किया गया। पूरे देश में इतना बड़ा ट्रांजैक्शन किसान भाइयों के खाते में करने का अपने आप में इतिहास है, यह एक रिकॉर्ड है। 

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमने विभिन्न वित्तीय सुधारों के माध्यम से केंद्र सरकार से 6,000 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि प्राप्त की है, जो देश में सर्वाधिक है। वित्तीय संतुलन बनाए रखने, पूंजीगत व्यय बढ़ाने व विकास योजनाओं को तेज करने की दिशा में यह बड़ा कदम है। पिछले सवा साल में छत्तीसगढ़ में गुड गवर्नेंस रहा है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ की जनता ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नेतृत्व वाली सरकार पर भरोसा जताते हुए अपना लगातार समर्थन दिया है।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने आगे कहा कि हम वित्तीय अनुशासन के साथ सुधारवादी बजट लेकर आए हैं। अनुपूरक बजट में वित्तीय अनुशासन व सुधारों के जरिए पुराने घाटों को भरने व ब्याज बचत करते हुए भुगतान-देनदारी निपटाने के लिए बड़ा प्रावधान किया गया है, ताकि विकास में कोई बाधा न आए। हमारा लक्ष्य सुव्यवस्थित वित्तीय प्रबंधन के साथ छत्तीसगढ़ को प्रगति की ऊंचाइयों तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन,छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड और पुलिस हाउसिंग इन तीनों को मिलाकर लगभग 3500 करोड़ का लोन है, जो महंगे ब्याज दरों पर चल रहे हैं, इस अनुपूरक बजट में इन तीनों लोन का हम प्री पेमेंट कर रहे हैं। इससे प्रतिवर्ष 50 करोड़ से अधिक का ब्याज बचेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राजनांदगांव जिले, जांजगीर-चांपा जिले एवं नवा रायपुर अटल नगर में फार्मास्यूटिकल पार्क की स्थापना के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक संस्थान, इंजीनियरिंग पार्क की स्थापना के लिए भी 76 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। रायपुर, नवा रायपुर, बिलासपुर में वर्किंग वूमेन हॉस्टल के निर्माण के लिए 34 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

तृतीय अनुपूरक बजट 2024-25 में पुलिस प्रशिक्षण शालाएं के लिए 3 करोड़, जिला चिकित्सालय के लिए 145 करोड़ रूपए, निवृत्ति वेतन भोगियों को देय 1 हजार 278 करोड़, परिवार पेंशन के लिए 320 करोड़, पुलिस 500 करोड़, राज्य सहकारी विपणन संघ को खाद्यान्न उपार्जन में हुई हानि का प्रतिपूर्ति 600 करोड़, लघु एवं लघुतम सिंचाई योजनाएं 125 करोड़, सेवा एवं मूल्य निवृत्ति पुरस्कार 37 करोड़, एनीकट/स्टापडेम का निर्माण 15 करोड़, नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के लिए 1 हजार 43 करोड़, नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना 195 करोड़, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 86 करोड़, सड़कों के निर्माण कार्य हेतु लिए गए ऋण की अदायगी के लिए 2 हजार 250 करोड़, कृषि पंपो को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु अनुदान 2 हजार 200 करोड़, अन्तोदय अन्न योजनांतर्गत चना का प्रदाय 451 करोड़, उपभोक्ताओं को विद्युत शुल्क में राहत हेतु सब्सिडी 326 करोड़, राज्य सहकारी विपणन संघ को खाद्यान्न उपार्जन में हुए व्ययों की प्रतिपूर्ति 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

बागेश्वर धाम में ऐतिहासिक आयोजन: 251 निर्धन कन्याओं का विवाह बागेश्वर धाम द्वारा संपन्न होगा

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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आयोजन में हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री साय छत्तीसगढ़ की एक-एक जनता के हित के लिए कार्य कर रहे हैं – बाबा बागेश्वर

रायपुर, 25 फरवरी 2025 – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज बागेश्वर धाम में चल रहे शिवरात्रि महोत्सव और 251 निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए।
बागेश्वर धाम में धार्मिक भक्ति, सामाजिक समर्पण और राष्ट्रीय एकता का अनूठा संगम देखने को मिला।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ संत परंपरा और धर्मनिष्ठा की भूमि है। भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का अधिकांश समय यहीं बिताया था। हमें गर्व है कि बागेश्वर धाम में इस दिव्य आयोजन में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि संस्कार और संस्कृति किसी भी व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।

नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठा रही है। डबल इंजन सरकार के सहयोग से यह संकल्प लिया गया है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह उन्मूलन किया जाएगा। प्रदेश के सुरक्षा बल मजबूती से इस अभियान में लगे हुए हैं, और गृह मंत्री श्री विजय शर्मा के नेतृत्व में यह मिशन सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।

धर्मांतरण पर रोक और घर वापसी अभियान

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के धार्मिक और सांस्कृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए सरकार धर्मांतरण रोकथाम और घर वापसी अभियान को भी प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि धर्मांतरण के विरुद्ध हमारी सरकार कठोर नीति अपनाएगी और समाज को उसकी मूल पहचान से जोड़ेगी।

समाज सेवा का नया अध्याय: 251 निर्धन कन्याओं का विवाह

बागेश्वर धाम द्वारा आयोजित 251 निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह है। इस आयोजन में वैदिक रीति-रिवाज से कन्याओं का विवाह संपन्न होगा, सभी नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी का संपूर्ण सामान प्रदान किया जाएगा।

आध्यात्मिक ऊर्जा और सामाजिक समरसता का संगम

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बागेश्वर धाम का यह आयोजन सनातन धर्म की महिमा को पुनर्स्थापित करने, समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने और गरीब कन्याओं के भविष्य को संवारने का ऐतिहासिक अवसर है।छत्तीसगढ़ सरकार इस आयोजन में भागीदारी कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही है और भविष्य में भी ऐसे सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में योगदान देने के लिए संकल्पित है।

सरल स्वभाव के धनी हैं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय – पूज्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज

कार्यक्रम में बाबा बागेश्वर ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सराहना करते हुए कहा कि इस पावन कार्य को संपूर्णता देने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री स्वयं उपस्थित हैं। वे बहुत ही सरल स्वभाव के हैं और छत्तीसगढ़ की एक-एक जनता के हित के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार आज एक बड़ा अनूठा कार्य कर रही है, जो गौरव का विषय है। राज्य को अगले दो वर्षों के भीतर नक्सल प्रभावित क्षेत्र से पूरी तरह मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं, ताकि छत्तीसगढ़ समृद्ध और शांतिपूर्ण प्रदेश बन सके। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, और जब हम छत्तीसगढ़ जाते हैं, तो एक बात हमेशा कहते है – छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। यह प्रदेश धर्म और संस्कृति की भूमि है, और हम प्रार्थना करते हैं कि यह भूमि हमेशा खुशहाल और धन-धान्य से परिपूर्ण बनी रहे।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि और श्रद्धालुजन उपस्थित थे।


प्रदेश सरकार जेल सुधार के साथ-साथ कैदियों के आध्यात्मिक एवं नैतिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री श्री साय

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प्रदेश की 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल में विशेष आयोजन:आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धि के लिए कैदियों को मिला गंगा जल स्नान का अवसर

रायपुर, 25 फरवरी 2025 – छत्तीसगढ़ सरकार की एक अनूठी पहल के तहत प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को गंगा जल स्नान का अवसर प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस पुनीत कार्य पर कहा कि मां गंगा की कृपा सभी पर बनी रहे, यही हमारी कामना है। यह पहल कैदियों को मानसिक शांति और आत्मचिंतन का अवसर प्रदान करेगी, जिससे वे सकारात्मक बदलाव की ओर अग्रसर हो सकें। प्रदेश सरकार जेल सुधार के साथ-साथ कैदियों के आध्यात्मिक एवं नैतिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रहेंगे।

आध्यात्मिक जागरूकता और सामाजिक समावेश की दिशा में बड़ा कदम

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि संस्कार और संस्कृति किसी भी व्यक्ति के जीवन का अभिन्न हिस्सा होते हैं, और जेलों में बंद कैदी भी इससे अछूते नहीं हैं। 144 वर्षों बाद आयोजित हो रहे महाकुंभ के पुण्य लाभ से समाज का हर वर्ग वंचित न रहे, इसलिए राज्य सरकार ने यह विशेष आयोजन किया। इससे कैदियों में आत्मशुद्धि, सकारात्मक सोच और नैतिक जागरूकता का संचार होगा। उन्होंने कहा कि 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 उपजेल में गंगा जल स्नान और सामूहिक प्रार्थना का विशेष आयोजन किया गया, जिससे कैदियों को आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धि का अनुभव मिला।

प्रदेशभर में कैदियों में दिखा उत्साह, सामूहिक प्रार्थना में लिया भाग

इस विशेष आयोजन के दौरान प्रदेशभर की जेलों में कैदियों के लिए गंगा जल की आपूर्ति और स्नान की उपयुक्त व्यवस्था एवं सामूहिक प्रार्थना की व्यवस्था की गई है। जेल अधीक्षकों ने बताया कि कैदियों ने इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लिया और इसे एक सकारात्मक अनुभव बताया। कई कैदियों ने कहा कि इस आयोजन से उन्हें आत्मशुद्धि और मानसिक शांति का अनुभव हुआ।

कैदियों के सुधार और पुनर्वास की दिशा में सरकार की नई पहल

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार कैदियों के सुधार और सामाजिक पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल को इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि जेल केवल दंड का स्थान नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास का केंद्र भी होना चाहिए। कैदियों को नैतिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा।

छत्तीसगढ़ सरकार का सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में सराहनीय प्रयास

राज्य सरकार द्वारा जेलों में आयोजित यह गंगा जल स्नान और आध्यात्मिक कार्यक्रम कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक और सराहनीय पहल है। यह पहल न केवल कैदियों को आत्मशुद्धि और मानसिक शांति प्रदान करेगी, बल्कि उनके पुनर्वास की दिशा में भी एक प्रभावी कदम साबित होगी।


छत्तीसगढ़ को ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ में राष्ट्रीय सम्मान: मुख्यमंत्री श्री साय ने दी बधाई

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रायपुर, 25 फरवरी 2025 – छत्तीसगढ़ ने भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित प्रकृति परीक्षण अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त किया। राज्य ने स्ट्राइक रेट लक्ष्य में देशभर में तीसरा स्थान और कुल प्रकृति परीक्षण मानकों पर नौवां स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि के लिए केन्द्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव ने छत्तीसगढ़ को प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया।यह सम्मान अभियान के राज्य समन्वयक डॉ. संजय शुक्ला ने ग्रहण किया। जहांगीर भाभा थियेटर, मुंबई में आयोजित अभियान के समापन समारोह में छत्तीसगढ़ को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया।

इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आयुष विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य और आयुर्वेद के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की बढ़ती उत्कृष्टता का प्रमाण है, जिससे राज्य में आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आयुष विभाग के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह की पहल न केवल नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाएगी, बल्कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा में लाने में भी सहायक होगी।

उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर से 25 दिसंबर 2024 तक चले इस अभियान के तहत देशभर में 1.29 करोड़ से अधिक नागरिकों का परीक्षण किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ ने 4.45 लाख से अधिक नागरिकों का सफलतापूर्वक परीक्षण कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। इस अभियान में राज्य के 3551 वालंटियर्स ने योगदान दिया।

इसके अतिरिक्त अभियान की महत्ता को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीनस्थ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के 40,000 से अधिक अधिकारियों और जवानों का भी सफलतापूर्वक प्रकृति परीक्षण किया गया, जो आयुष चिकित्सा के प्रति बढ़ती जागरूकता और विश्वास को दर्शाता है।

नागरिकों के लिए निरंतर जारी रहेगा अभियान

आयुष विभाग के संचालक ने बताया कि मोबाइल एप्लीकेशन आधारित इस अभियान को नागरिकों से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में इस अभियान को निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया गया है। अब राज्य के नागरिक निकटतम आयुर्वेद महाविद्यालय, जिला आयुर्वेद चिकित्सालय, आयुष विंग, स्पेशलाइज्ड थैरेपी सेंटर, शासकीय आयुर्वेद औषधालयों एवं निजी आयुर्वेद चिकित्सकों से संपर्क कर अपना प्रकृति परीक्षण करवा सकते हैं।


छत्तीसगढ़ में कामकाजी महिलाओं के लिए 202 करोड़ से बनेंगे 6 हाॅस्टल

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राजधानी में 48 करोड़ में बनेंगे तीन वर्किंग वूमन्स हॉस्टल
केंद्र सरकार की विशेष सहायता से बनेगा हाॅस्टल

रायपुर 25 फरवरी 2025/केन्ंद्र शासन की विशेष सहायता से छत्तीसगढ़ में कामकाजी महिलाओं के लिए 6 हाॅस्टल बनाए जाएंगे। इसके लिए केन्द्र के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 202 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। इनमें राजधानी में तीन के साथ ही नवा रायपुर में सेक्टर-16 में एक और बिलासपुर तथा सिरगिट्टी में सीएसआईडीसी को दो हॉस्टल के लिए राशि दी गई है।
राजधानी रायपुर में कामकाजी महिलाओंके लिए लगभग 48 करोड़ रुपए की लागत से तीन वर्किंग वूमन्स हॉस्टल बनाए जाएंगे। इस हॉस्टल की योजना वर्ष 2024 में केंद्र शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्र सरकार द्वारा 24 फरवरी को इस प्रस्ताव की मंजूरी दे दी गई है।
नगर निगम आयुक्त श्री अविनाश मिश्रा ने बताया कि 250-250 बेड के इस हॉस्टल के बनने से राजधानी में कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित आवासीय सुविधा सस्ती दर पर मिलेगी। तीनों हॉस्टल तीन माले की होगी। इनमें से प्रत्येक हॉस्टल में 250-250 बेड का इंतजाम किया जाएगा। हॉस्टल के कमरे डबल बेडरूम वाले होंगे और उसमें अटैच वासरूम रहेगा। कोशिश रहेगी कि सभी हॉस्टल में मेस की सुविधा रहे, जिससे कामकाजी महिलाओं को नाश्ता व खाने के लिए बाहर न जाना पड़े। ये हॉस्टल रिहायशी इलाकों में ही बनाए जाएंगे,जिससे महिलाओं को आने-जाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। आयुक्त ने कहा है कि प्रक्रियाओं को तेज करते हुए इन हॉस्टल को एक साल के अंदर तैयार करने की कोशिश की जाएगी। तीनों हॉस्टल की निर्माण एजेंसी निगम रहेगा और इसका संचालन व संधारण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर किया जाएगा।
लगभग 10 हजार महिलाएं कर रही काम
रोजगार कार्यालय से अनुसार राजधानी में लगभग 10 हजार महिलाएं बाहर से आकर सरकारी विभागों में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि निजी संस्थानों में यह संख्या बढ़ सकती है।


SATTE 2025: पर्यटन स्थलों को प्रमोट करने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने बनाया विशेष स्टॉल

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दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित हुआ साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो 2025

रायपुर, 24 फरवरी 2025/
दक्षिण एशिया के सबसे बड़े ट्रैवल एक्सपो SATTE ( साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो) 2025 में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है। 19 से 21 फरवरी 2025 तक आयोजित इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों को प्रमोट करने के लिए एक विशेष स्टॉल लगाया गया, जिसने देशभर के टूर ऑपरेटर्स, निवेशकों और पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया।

एक्सपो के दौरान छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य ने विभिन्न राज्यों से आए पर्यटन विभाग के अधिकारियों और टूर ऑपरेटर्स से मुलाकात की। श्री आचार्य ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से चित्रकोट जलप्रपात, बारनवापारा अभयारण्य, बस्तर की गुफाएं, सिरपुर, मैनपाट सहित राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास और निवेश के अवसरों पर भी प्रकाश डाला।

विवेक आचार्य ने कहा, “छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की पर्यटन नीतियां इसे एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में उभरने में मदद कर रही हैं।” उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पर्यटकों और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने हेतु कई नई योजनाओं पर कार्य कर रही है।

SATTE 2025 में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड का स्टॉल एक्सपो के आकर्षण का केंद्र बना रहा, जहां बड़ी संख्या में टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों, उद्योग विशेषज्ञों और पर्यटन प्रेमियों ने भाग लिया। एक्सपो में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों और संभावनाओं को लेकर उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली, जिससे यह साफ है कि राज्य जल्द ही देश के शीर्ष पर्यटन स्थलों में अपनी मजबूत पहचान बनाएगा।

विभिन्न राज्यों के टूर ऑपरेटरर्स और ट्रेवेल एजेंटस ने SATTE ( साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो) के स्टाल में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के साथ अपना स्पॉट रजिस्ट्रेशन भी कराया ताकि टूरिज्म बोर्ड की नीतियों के तहत उन्हें टूरिज्म बुकिंग का लाभ मिल सके और दूसरे राज्यों के पर्यटक अधिक से अधिक संख्या में छत्तीसगढ़ के आकर्षक पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी कर सकें। इस छोटी सी शुरूवात ने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के लिए भविष्य की सार्थक संभावनाओं के द्वार खोले हैं।

दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के महाप्रबंधक श्री वेदव्रत सिरमौर, उप महाप्रबंधक श्री संदीप ठाकुर एवं विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों, सरकारी अधिकारियों और निवेशकों से मुलाकात कर राज्य के पर्यटन स्थलों, योजनाओं और निवेश के अवसरों पर विस्तार से चर्चा की।


अन्नदाताओं के खाते में हमने एक लाख करोड़ रुपए भेजे : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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कहा-विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका

छत्तीसगढ़ के 25.95 लाख किसानों को मिली पीएम किसान सम्मान निधि की राशि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जारी की पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त

रायपुर, 24 फरवरी 2025/प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के भागलपुर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी की। इसके तहत देश भर के 9.8 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 22,000 करोड़ रुपये अंतरित किए गए। इनमें छत्तीसगढ़ के 25 लाख 95 हजार 832 किसान शामिल हैं। इन किसानों खाते में 599 करोड़ 38 लाख रुपए की सम्मान निधि भेजी गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय भी पीएम किसान सम्मान निधि कार्यक्रम से जुड़े। उन्होंने राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वाले किसानों को बधाई दी और उन्हें सम्मानित भी किया।

मुख्यमत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि अन्नदाताओं का सम्मान माँ अन्नपूर्णा के सम्मान की तरह है। चौदह महीनों के अंतराल में हमने किसान भाइयों के खाते में करीब एक लाख करोड़ रुपए भेजा है। अन्नदाताओं को अच्छा मूल्य मिलने से उनके जीवन खुशहाली आयी है। किसान आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों की समृद्धि से ही मजबूत ग्रामीण विकास का आधार तैयार हुआ है और शहरी अर्थव्यवस्था भी इससे बेहतर हुई है। अन्नदाताओं के श्रम से मिली शक्ति और उत्साह से ही हम छत्तीसगढ़ को संवार रहे हैं। विकसित छत्तीसगढ़-विकसित भारत बनाने में किसानों की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में अब तक 9712 करोड़ 58 लाख रुपए की सम्मान निधि प्रदेश के किसानों को दी जा चुकी है। वर्ष 2023-24 की तुलना में 2 लाख 75 हजार से अधिक किसान भाइयों को इस योजना का लाभ मिला है। इस योजना का लाभ हमारे 2 लाख 34 हजार वन पट्टा धारी किसानों और 32 हजार 500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है। विशेष पिछड़ी जनजाति के किसान भाइयों को योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए कृषि भूमि की अनिवार्यता को शिथिल किया गया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि किसानों को मोदी जी ने 3100 रुपए प्रति क्विंटल तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की गारंटी दी थी। हमारी सरकार ने यह वायदा निभाया है। साथ ही किसानों को दो साल का बकाया बोनस देने की गारंटी भी दी गई थी। शपथ ग्रहण के एक पखवाड़े के भीतर ही हमने 13 लाख किसानों के खाते में बोनस की 3716 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी थी। पिछली बार हमने 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की। किसानों को दिये गये धान के मूल्य के साथ बोनस राशि शामिल कर लें तो पिछले खरीफ सीजन में किसान भाइयों के खाते में 49 हजार करोड़ रुपए भेजे गए। इस खरीफ सीजन में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की रिकार्ड खरीदी हमने की। इस सीजन में विभिन्न योजनाओं से मिलने वाली राशि मिला लें तो लगभग 52 हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में हमने भेजी है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। इसके लिए उनका जोर उद्यानिकी फसलों, फसल विविधीकरण तथा पशुपालन पर भी है। हम उद्यानिकी तथा फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने विशेष कार्य कर रहे हैं। साथ ही पशुपालन को प्रोत्साहन देते हुए दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एनडीडीबी के साथ हमने एमओयू भी किया है। इससे दुग्ध क्रांति की दिशा में प्रदेश अग्रसर हो गया है। हमारी सरकार लगातार किसानों की आकांक्षाओं को पूरा कर रही है। दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत प्रदेश के 5 लाख 62 हजार भूमिहीन किसानों के खाते में दस-दस हजार रुपए की राशि भी हमने दी है।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य वनोषधि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री रामप्रताप सिंह, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय कुलपति श्री गिरिश चंदेल, कृषि उत्पादन आयुक्त सुश्री शहला निगार, कृषि विभाग के संचालक डॉ सारांश मित्तर सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।


खिलाड़ियों को 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा में मिलेंगे बोनस अंकएनसीसी-एनएसएस को भी लाभ

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माध्यमिक शिक्षा मंडल ने शिक्षा विभाग से 25 मार्च तक मांगी सूची

रायपुर 24 फरवरी 2025 /

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 10 वीं एवं 12 वीं के स्पोर्ट्स स्टूडेंट्स को बोर्ड परीक्षा में 10 से 20 तक बोनस अंक दिए जाएंगे।
एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड, साक्षरता कार्यक्रम के स्वयंसेवक एवं अन्य चयनित गतिविधियों में शामिल छात्रों को भी बोनस अंक का लाभ मिलेगा।

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की सचिव पुष्पा साहू ने इसके लिए शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर खिलाड़ियों की सूची मांगी है। राज्य स्तरीय खेलों में भाग लेने वाले छात्रों को 10 अंक, राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी करने वालों को 15 अंक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को 20 अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे।
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जिला शिक्षा अधिकारियों और शिक्षा विभाग के अफसरों को निर्देशित किया है कि अपने क्षेत्र के स्कूलों से पात्र छात्रों की सूची निर्धारित समय तक माध्यमिक शिक्षा मंडल कार्यालय भेजें, ताकि परीक्षा के दौरान बोनस अंक जोड़ने की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी की जा सके।

छ त्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सत्र 2024-25 की बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को खेल और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर बोनस अंक देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए सभी स्कूलों से पात्र विद्यार्थियों की सूची 25 मार्च 2025 तक मांगी गई है।

इस योजना के तहत केवल भारतीय ओलंपिक संघ, युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय, स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और अन्य मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा प्रमाणित प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्र ही पात्र होंगे। इसके अलावा, एनसीसी के आरडी परेड, वायु सैनिक, नौसेना और थल सेना कैंप में भाग लेने वाले कैडेट्स को भी अंक दिए जाएंगे। इस निर्णय का उद्देश्य छात्रों को खेलों और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना है।


जशपुर अंचल में लोकप्रिय हो रही है स्ट्राबेरी की खेतीप्रति एकड़ 3 से 4 लाख तक कमाई60 किसान कर रहे हैं खेती

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रायपुर 24 फरवरी 2025/ छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में स्ट्राबेरी की खेती लोकप्रिय होे रही है। अपने लजीज स्वाद और मेडिसिनल वेल्यू के कारण यह बड़े स्वाद के खाया जाता है। राज्य के जशपुर, अंबिकापुर, बलरामपुर क्षेत्र में कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं। स्ट्राबेरी की अभी स्थानीय स्तर पर ही खपत हो रही है। इसकी खेती से मिलने वाले लाभ के कारण लगातार किसान आकर्षित हो रहे हैं। एक एकड़ खेत में इसकी खेती 3 से 4 लाख की आमदनी ली जा सकती है।
जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की की शुरूआत की थी, अब 33 किसान 42 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। जशपुर में विंटर डान प्रजाति की स्ट्राबेरी के पौधे लगाए गए हैं। इन किसानों को उद्यानिकी विभाग की योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत तकनीकी मार्गदर्शन और अन्य सहायता मिल रही है। किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में होने वाली स्ट्राबेरी की गुणवत्ता अच्छी है और साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने के कारण व्यापारियों को ताजे फल मिल रहे हैं। जिसके कारण उन्हें अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। नाबार्ड के एफएसपीएफ योजना के तहत रीड्स संस्था द्वारा बगीचा विकासखंड के ग्राम सन्ना, अकरीकाना, लोरो, कोपा, लरंगा और मैना गांव का चयन स्ट्रॉबेरी की खेती करवाई थी। साल 2023 में उत्पादन भी बेहतर हुआ था और उच्च क्वालिटी के स्ट्रॉबेरी निकले थे। इसे देखते हुए साल 2024 में उद्यान विभाग द्वारा किसानों को किसानों को स्ट्रॉबेरी के उत्पादन से जोड़ा गया और किसानों को विभाग द्वारा सहयोग भी दिया गया है। किसान रीड्स संस्था की देखरेख में लगभग 60 किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं।
धान के मुकाबले 8 से 9 गुना फायदा
स्ट्राबेरी की खेती धान के मुकाबले कई गुना फायदे का सौदा है। जहां धान की खेती के लिए मिट्टी का उपजाऊपन के साथ साथ ज्यादा पानी और तापमान की जरूरत होती है वहीं स्ट्राबेरी के लिए सामान्य भूमि और सामान्य सिंचाई में भी यह लगाया जा सकता है। धान की खेती में जहां देख-रेख की ज्यादा जरूरत पड़ती है वहीं स्ट्राबेरी के लिए देख-रेख की कम जरूरत पड़ी है, सिर्फ इसके लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है। जहां धान से एक एकड़ में करीब 50 हजार की आमदनी ली जा सकती है वहीं स्ट्राबेरी की खेती में 3 से 4 लाख की आमदनी हो सकती है। इस प्रकार धान से 8-9 गुना आमदनी मिलती है। स्ट्राबेरी की खेती छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में ली जा सकती है। इसके लिए राज्य के अंबिकापुर, कोरिया, बलरामपुर, सूरजपुर जशपुर का क्षेत्र उपयुक्त है।
जमीन का उपजाऊ होना आवश्यक नहीं
जशपुर के किसान श्री धनेश्वर राम ने बताया कि पहले उनके पास कुछ जमीन थी जो अधिक उपजाऊ नहीं थी वह बंजर जैसी थी। मुश्किल से कुछ मात्रा में धान की फसल हो पाती थी। जब उन्हें विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन मिलने पर फलंों की खेती प्रारंभ की। नाबार्ड संस्था से सहयोग भी मिला।