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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने दिल्ली की नव नियुक्त मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता को शुभकामनाएं दीं।

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने दिल्ली की नव नियुक्त मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता को शुभकामनाएं दीं।


केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री पाटिल ने छत्तीसगढ़ के जल संचयन कार्यों को सराहा

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जल विजन 2047 के लिए राज्यों के जल मंत्रियों का उदयपुर में द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि नीति जल संरक्षण और सतत विकास पर है केन्द्रित

रायपुर, 19 फरवरी 2025/राजस्थान के उदयपुर में आयोजित राज्य जल मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने छत्तीसगढ़ में जल संचयन के लिए जनभागीदारी से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जल संरचनाओं के निर्माण में पूरे देश में अग्रणी स्थान पर है और जल संरक्षण के क्षेत्र में राज्य के नवाचार मॉडल अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ में अब तक 2,29,000 से अधिक जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया जा चुका है, जिससे जल संसाधनों का संवर्धन हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जाना हमारे लिए गौरव की बात है। छत्तीसगढ़ सरकार की नीति जल संरक्षण और सतत विकास पर केन्द्रित है। राज्य सरकार प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षण और भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु निरंतर कार्य कर रही है।

इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व राज्य के उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव और जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप ने किया। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने राज्य में जल संग्रहण के लिए चलाए जा रहे योजनाओं, जल संरचनाओं के प्रभाव और सामुदायिक सहभागिता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसमें ग्रामीण और शहरी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ की सिंचाई क्षमता में वृद्धि और जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के लिए तय किए गए लक्ष्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जल संचयन के लिए स्थायी संरचनाओं, लघु सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है, जिससे भूजल स्तर में सुधार हुआ है और किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध हो रहा है।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री पाटिल ने छत्तीसगढ़ की सतत जल प्रबंधन नीति और सामुदायिक सहभागिता मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि यह राज्य पूरे देश के लिए बेस्ट प्रैक्टिस मॉडल बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जल संरचनाएं सिर्फ पानी के संरक्षण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि उत्पादन और जल सुरक्षा को भी मजबूत कर रही हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्यों को छत्तीसगढ़ के जल प्रबंधन मॉडल से प्रेरणा लेनी चाहिए और जल संरक्षण को अपनी नीतियों में प्राथमिकता देनी चाहिए। श्री पाटिल ने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को और अधिक मजबूती देने के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेखा गुप्ता को नई दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दीं।

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेखा गुप्ता को नई दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह नई जिम्मेदारी उनके नेतृत्व में दिल्ली के विकास और सुशासन को नई दिशा देगी। मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से भी उन्हें इस महत्वपूर्ण दायित्व के सफल निर्वहन के लिए शुभकामनाएँ दीं।


विशाल भव्य जंयती व मड़ई मेला महोत्सव,संत शिरोमणि रविदास सेवा समिति द्वारा

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संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती का आयोजन 16 फरवरी 2025 को स्थान – गौतम नगर बीडी कॉलोनी उरला जिला दुर्ग छत्तीसगढ़ मे मनाई गई जिसमें प्रमुख अतिथि के रूप में राजेंद्र सिंह समाजसेवी, सुनील रामटेके चेयरमैन पीएसयु sc/st फेडरेशन,डा.उदय दबर्डे ,बालाराम कोलते कमलेश चौरे, गोपाल सिंह, योगेंद्र बबलू चौरे उपस्थित हुए सर्वप्रथम संत गुरु रविदास महाराज और बाबा साहेब अंबेडकर के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये है ।
प्रमुख अतिथियों ने में सभा को संबोधित कर गुरु रविदास की जीवनी पर प्रकाश डाला और उनके बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लिया उन्होंने कहा कि गुरु रविदास ने समाज में पाखंड और अंधविश्वास का पुरजोर विरोध किया और मानव में समानता और सद्भावना की बातों पर जोर दिया उन्होंने ऐसे राज्य की कल्पना की जिसमें सबको अन्न, शिक्षा, समान अधिकार ,मकान और मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हो इसीलिए उन्हें संतों में शिरोमणि का दर्जा प्राप्त है समाज को उनके बताए मार्ग को अनुसरण करना होगा तभी मानव मानव में समानता है

तत्पश्चात रात्रि में मशहूर लोक गायक सुनील सोनी ने समाबांधा और दर्शक उनके गायन पर झूम उठे जनता ने लोकगीतों का भरपूर आनंद उठाया एवं कार्यक्रम के आयोजक महेश मालापुरे की मुक्त कंठ से प्रशंसा कि कार्यक्रम का संचालन प्रकाश हाठले और आभार प्रदर्शन महेश माल पूरे द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से सेवक बांगरे, अविनाश अड़कने ,योगेश खांडेकर आनंद सोनकर ,जयंत महोबे ,सुरेश बर्वे ,भोजू पटले ,मोनू भोंडेकर अनिल वासनिक, राहुल मेश्राम अजय, रामस्वरूप एवं रविदास समाज सेवा समिति के पदाधिकारी व हजारों के रूप में क्षेत्र की जनता उपस्थित थी । इस दौरान विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया था

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विनितः- संत शिरोमणि रविदास सेवा समिति


राष्ट्रीय विचारों के अग्रदूत माधव सदाशिव गोलवलकर ‘गुरु जी’ की जयंती पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया नमन

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रायपुर, 18 फरवरी 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक, महान विचारक और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक माधव सदाशिव गोलवलकर ‘गुरु जी’ की जयंती (19 फरवरी) पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि गोलवलकर जी ने राष्ट्रवाद, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और समाजिक समरसता के सिद्धांतों को मजबूत आधार प्रदान किया। उनका जीवन भारत की सनातन परंपरा, आध्यात्मिक मूल्यों और राष्ट्रीय चेतना को सशक्त करने के लिए समर्पित था। उनकी विचारधारा ने देश की युवा पीढ़ी को राष्ट्र-सेवा और सामाजिक उत्थान के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गुरुजी का जीवन भारत की संस्कृति, परंपरा और अखंडता को मजबूत करने का एक प्रेरणादायी उदाहरण है। उन्होंने संगठन शक्ति के माध्यम से राष्ट्र के पुनर्निर्माण का जो संकल्प लिया, वह आज भी हमें प्रेरित करता है। उनकी दूरदर्शी सोच और विचारधारा देश को सशक्त बनाने में सदैव प्रासंगिक रहेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोलवलकर जी का योगदान भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक पुनरुत्थान में अविस्मरणीय है। उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र प्रथम की भावना के प्रति समर्पित रहा। उनके आदर्श और मूल्य राष्ट्रवादी सोच, आत्मनिर्भरता और सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करते हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि गोलवलकर जी के विचारों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के उत्थान और सामाजिक एकता को मजबूत करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि उनके आदर्शों को अपनाकर हम आत्मनिर्भर, समरस और सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।


आम जनता के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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सुशासन को सुदृढ़ करने के लिए सीईजीआईएस और टीआरआई के साथ हुआ एमओयू

मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऐतिहासिक समझौते पर हुए हस्ताक्षर : प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और नीति-निर्माण में होगा क्रांतिकारी सुधार

भ्रष्टाचार पर कसेगा शिकंजा, आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा सुगमता से

रायपुर 18 फरवरी 2025/ प्रदेश में शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में सुशासन एवं अभिसरण विभाग ने सेंटर फॉर इफेक्टिव गवर्नेंस ऑफ इंडियन स्टेट्स (CEGIS) और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया (TRI) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी से प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि, योजनाओं की प्रभावी निगरानी एवं क्रियान्वयन को मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि संसाधनों का सही और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से हमने प्रदेश में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ की स्थापना की है। यह 58वां विभाग न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज हुए एमओयू से प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और नीति-निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।

ई-गवर्नेंस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि ई-गवर्नेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, शिकायत निवारण तंत्र और योजनाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग जैसी सुविधाओं को इस पहल से नया आयाम मिलेगा। इस एमओयू से न केवल सरकारी कर्मचारियों और युवाओं के कौशल विकास और क्षमता उन्नयन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि शासन की योजनाओं को अधिक प्रभावी और सुगम बनाया जाएगा।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि भ्रष्टाचार पर सख्त लगाम लगेगी और आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के प्राप्त होगा।

सीईजीआईएस और टीआरआई के सहयोग से नीति निर्माण को मिलेगी नई दिशा

सीईजीआईएस के फाउंडर श्री कार्तिक मुरलीधरन ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर राज्य की नीतियों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तकनीकी, विश्लेषणात्मक और रणनीतिक सहयोग देंगे। साथ ही, रणनीतिक बजटिंग और वित्तीय प्रबंधन में शासन को सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर की विशेषज्ञता और डेटा-ड्रिवन नीति निर्माण से छत्तीसगढ़ को व्यापक लाभ मिलेगा।

टीआरआई के सहयोग से ग्रामीण विकास को मिलेगा नया आयाम

ग्रामीण क्षेत्रों के सतत विकास के लिए TRI के साथ हुए समझौते के तहत, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और जल संरक्षण को नई दिशा मिलेगी। TRI के एसोसिएट डायरेक्टर श्री श्रीश कल्याणी ने बताया कि हम छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर स्थानीय शासन को सशक्त बनाने, सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने और ग्रामीण विकास को तेज गति देने में सहयोग करेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि-आधारित आजीविका और जलवायु अनुकूलन जैसे क्षेत्रों में व्यापक सुधार लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस महत्वपूर्ण समझौते के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग, सीईजीआईएस और टीआरआई के प्रतिनिधियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सुधारों की नई राह खुलेगी और राज्य की जनता को योजनाओं का त्वरित और प्रभावी लाभ मिलेगा।

इस ऐतिहासिक समझौते के अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि इस एमओयू की छत्तीसगढ़ में सुशासन की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के सचिव श्री राहुल भगत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस, तथा सीईजीआईएस और टीआरआई के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।


राज्य में त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन: नक्सलवाद पर लोकतंत्र की ऐतिहासिक जीत, दशकों बाद बस्तर के गांवों में गूंजेगा लोकतंत्र का स्वर

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जनता ने चुना विकास का मार्ग, हिंसा को दिखाया बाहर का रास्ता – मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर, 17 फरवरी 2025 – छत्तीसगढ़ में त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के प्रथम चरण में लोकतंत्र ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। बस्तर संभाग, जो दशकों तक नक्सलवाद के साए में रहा, अब लोकतंत्र के उजाले की ओर बढ़ रहा है। सुकमा और बीजापुर जिले के अनेक मतदान केंद्रों पर पहली बार अनेक दशकों के बाद ग्रामीण पंचायत चुनाव में मतदान कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर में जनता ने विकास का मार्ग चुना है और हिंसा को बाहर का रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन राज्य और केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति, सतत विकास कार्यों और सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था का परिणाम है। यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतंत्र के प्रति बढ़ते विश्वास और भयमुक्त समाज की दिशा में बढ़ते कदमों का प्रमाण है।

बस्तर में पंचायत चुनावों का नक्सलियों द्वारा कोई विरोध नहीं किया जाना क्षेत्र में 40 से अधिक नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना और सरकार द्वारा ग्रामीणों में विश्वास बहाल करने की रणनीति का परिणाम है। उल्लेखनीय है कि बस्तर में नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती में भी इस बार ग्रामीण मतदान के लिए उत्साहित हैं। यह एक ऐतिहासिक बदलाव है और लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत को दर्शाता है।

राज्य में मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, दंतेवाड़ा और गरियाबंद जिलों में भी मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। बीजापुर के पुसनार, गंगालूर, चेरपाल, रेड्डी, पालनार जैसे क्षेत्रों में ग्रामीणों ने निर्भीक होकर मतदान किया।

बस्तर में लोकतंत्र की मजबूत जड़ें, नक्सलवाद के अंत की ओर ऐतिहासिक कदम

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार बस्तर के नागरिकों को विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने के लिए संकल्पित है। बस्तर में सड़कें, पुल, स्कूल, अस्पताल और रोजगार परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे ग्रामीणों का शासन और लोकतंत्र पर विश्वास बढ़ा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कहा कि बस्तर में गनतंत्र के ऊपर गणतंत्र की विजय हो रही है। यह उन सभी ग्रामीणों की जीत है, जिन्होंने भय को त्यागकर लोकतंत्र को अपनाया। यह सुरक्षाबलों के परिश्रम, सरकार की दूरदृष्टि और जनभागीदारी का प्रतिफल है।

लोकतंत्र की इस जीत में प्रत्येक नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी मतदान प्रक्रिया का सफल और शांतिपूर्ण आयोजन यह साबित करता है कि लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था दिनों-दिन मजबूत हो रही है। लोकतंत्र की इस सफलता में हर नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है, और राज्य के मतदाताओं ने यह दिखा दिया कि वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह जागरूक हैं।


वित्तीय वर्ष 2025-26 की बजट तैयारियां: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के विभागों के बजट प्रस्तावों पर विस्तृत विचार-विमर्श

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रायपुर, 17 फरवरी 2025 / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के मुख्य बजट एवं नवीन मद प्रस्ताव पर मंत्री स्तरीय चर्चा के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के विभागों के बजट प्रस्ताव पर व्यापक चर्चा हुई। बैठक में वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी भी उपस्थित थे।

बैठक में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी, मछली पालन, पशुपालन विभाग, ग्रामोद्योग, स्कूल शिक्षा, सामान्य प्रशासन, उच्च शिक्षा विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति, जनशिकायत निवारण, वाणिज्यिक कर (आबकारी), परिवहन, जनसंपर्क, खनिज साधन, विमानन, सुशासन एवं अभिसरण, ऊर्जा विभाग के बजट प्रस्तावों पर चर्चा हुई।

बजट चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, वित्त विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार बंसल, खनिज साधन एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव श्री पी.दयानंद, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री अविनाश चम्पावत, कृषि विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, ग्रामोद्योग सचिव श्री यशवंत कुमार सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


छत्तीसगढ़ में डेयरी विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति, किसानों की बढ़ेगी आय – मुख्यमंत्री श्री साय

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राज्य सरकार पशुपालन को बना रही समृद्ध ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़, किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उठाए जा रहे ठोस कदम

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के मार्गदर्शन में तैयार हुआ पायलट प्रोजेक्ट, डेयरी उद्योग को मिलेगी नई दिशा

रायपुर, 17 जनवरी 2025 – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कहा कि छत्तीसगढ़ में श्वेत क्रांति की तर्ज पर डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने और किसानों व पशुपालकों की आय दोगुनी करने की दिशा में राज्य सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन को लाभकारी व्यवसाय बनाने और प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के सहयोग से एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसके तहत व्यापक स्तर पर कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित बैठक में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि दिसंबर 2024 में राज्य सरकार और NDDB के बीच हुए समझौते के बाद छत्तीसगढ़ में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अधिकांश आबादी कृषि से जुड़ी है और अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन का कार्य भी करती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता में तैयार पायलट प्रोजेक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार लगभग 5 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 6 जिलों को शामिल किया गया है और सफल क्रियान्वयन के बाद इसे पूरे प्रदेश में विस्तारित किया जाएगा।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती, पोषण अभियान को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डेयरी उद्योग के विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इसके साथ ही, प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा, जिससे बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आएगा।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में वृद्धि और सरप्लस दूध के उपयोग को लेकर ठोस कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि दूध उत्पादन से जुड़े किसानों और पशुपालकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए ताकि वे आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी आय को बढ़ा सकें।

बैठक में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के चेयरमैन श्री मिनिष शाह ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 58 लाख किलोग्राम दूध का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली का गहन अध्ययन करने के बाद, दुग्ध उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों से दूध की गुणवत्ता जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। बायोगैस और बायो-फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से पशुपालकों की अतिरिक्त आय के स्रोत बढ़ेंगे, जिससे पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा।

छत्तीसगढ़ को डेयरी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों से कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन से छत्तीसगढ़ को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने डेयरी विकास, पशु उत्पादकता संवर्धन, पशु प्रजनन और पशु पोषण को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक योजना के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की।

मुख्यमंत्री का आह्वान – पशुपालन से समृद्धि की ओर बढ़े छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए दृढ़संकल्पित है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, संचालक पशुपालन श्री रिमिजियूस एक्का सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दिव्यांगजनों के सामूहिक विवाह समारोह में नवविवाहित जोड़ों को दिया आशीर्वाद

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रायपुर 16 फरवरी 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के द्वारा आयोजित दिव्यागजन सामूहिक विवाह समारोह में 31 दिव्यांग जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने सभी नवविवाहित जोड़ों के सुखी वैवाहिक जीवन की मंगलकामना करते हुए कहा कि यह आयोजन सामाजिक समरसता और दिव्यांगजनों के उत्थान का उत्कृष्ट उदाहरण है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। यह आयोजन भी देवतुल्य दिव्यांगजनों की सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने परिषद द्वारा विगत अनेक वर्षों से इस आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित करने की सराहना की और इसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाली पहल बताया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दिव्यांगजनों के सामूहिक विवाह आयोजन को समाज में समावेशिता और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दिव्यांगजनों की सेवा केवल एक सामाजिक दायित्व नहीं, बल्कि यह सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल 31 नवविवाहित दिव्यांग जोड़ों के लिए नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह समाज को दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता और सहयोग की प्रेरणा भी देता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जोड़े को 50,000 रुपये की सहायता दी जाती है। यदि पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हैं, तो दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत उन्हें एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।

महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की लगभग 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक इस योजना की 12 किश्तें जारी की जा चुकी हैं, जिससे प्रदेश की माताओं और बहनों को आर्थिक संबल मिला है।

उन्होंने कहा कि बेटियां समाज का आधार स्तंभ हैं। वे न केवल परिवार को जोड़ती हैं, बल्कि संस्कारों की वाहक भी होती हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना ने एक दशक पूरा कर लिया है, जिससे बालिकाओं के सशक्तिकरण में अभूतपूर्व सफलता मिली है।

सामूहिक विवाह: सामाजिक समरसता की मिसाल

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सामूहिक विवाह अब सामाजिक परंपरा का हिस्सा बन गए हैं और इससे समाज में जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने इस आयोजन में कान्य कुब्ज ब्राह्मण समाज, मारवाड़ी युवा मंच, सीनियर सिटीजन वेलफेयर फोरम जैसी विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के योगदान की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देते हैं।

मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और निःशक्तजनों की सेवा करना एक सौभाग्य की बात है। उन्होंने सभी स्वयंसेवी संगठनों को इस तरह के सामाजिक समरसता बढ़ाने वाले आयोजनों के लिए प्रेरित किया और आयोजन समिति को भव्य और प्रेरणादायक कार्यक्रम के लिए बधाई दी।

नवविवाहित जोड़ों को मुख्यमंत्री का आशीर्वाद

मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा, “आपका दांपत्य जीवन सुखमय रहे, आप प्रेम और विश्वास के साथ आगे बढ़ें। मैं सभी नवविवाहित जोड़ों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।”

विशेष आकर्षण: दिव्यांग बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुति

इस अवसर पर ‘कोपलवाणी’ के मूक-बधिर दिव्यांग बच्चों ने छत्तीसगढ़ी गीतों पर सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया। उनकी प्रतिभा ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री श्री साय एवं उपस्थित अतिथियों ने बच्चों की कला की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के कार्यों की सराहना की और कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के पुनर्वास, चिकित्सा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी।

इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विनय पाठक ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और कहा कि जनसहयोग से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में परिषद लगातार कार्य कर रही है।