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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बढ़ते छत्तीसगढ़ को देखने के लिए महाकुम्भ में श्रद्धालुओं में उत्साह

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प्रयागराज महाकुंभ में लोगों के आकर्षण का केंद्र बना छत्तीसगढ़ पैवेलियन

छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और इतिहास को जानने के लिए उमड़ रही है लोगों की भीड़

छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट को धारण किया हुआ प्रवेश द्वार लोगों को कर रहा है आकर्षित

प्रयागराज, 14 जनवरी 2025/

छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और यहां का गौरवशाली इतिहास हर किसी को प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और मोदी की गारंटी के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ को जानने के लिए देश में हर कोई बेताब रहता है। इसकी बड़ी झलक प्रयागराज महाकुम्भ के दौरान छत्तीसगढ़ पैवेलियन में देखने को मिल रही है।

प्रयागराज के सेक्टर 6 महाकुम्भ में लक्ष्मी द्वार के पास भारत सरकार के कलाग्राम के सामने छत्तीसगढ़ पैवेलियन स्थित है। इसके प्रवेश द्वार को छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट का रूप दिया गया है जो दूर से ही श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। प्रवेश द्वार पर ही भारत के नियाग्रा कहे जाने वाले बस्तर के चित्रकोट वाटरफाल की तस्वीरप लगी है। पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गयी है और प्रवेश द्वार के दाहिनी तरफ राज्य की चार ईष्ट देवियां मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की फोटो और उनकी जानकारी दी गयी है।

पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही बांयी तरफ छत्तीसगढ़ के जीवंत ग्रामीण परिवेश को दिखाया गया है। यहां पर परंपरागत ग्रामीण जीवन के साथ ही आदिवासी कला, संस्कृति, आभूषण, वस्त्र समेत एक संपूर्ण गांव का चित्रण स्थापित किया गया है।

छत्तीसगढ़ के प्रदर्शनी में प्रवेश करने के पहले बस्तर के ढोकरा शिल्प और राजकीय पशु तथा पक्षी को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं विशेषतर मोर आवास मोर अधिकार योजना, 3100 रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदी योजना की जानकारी दर्शायी गयी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक विरासत के रूप में सिरपुर और जैतखाम की प्रतिकृति को बनाया गया है।

स्थानीय लोग और देश भर से आए श्रद्धालू छत्तीसगढ़ को ज्यादा से ज्यादा करीब से जान पाएं इसके लिए वर्चुअल रियेलिटी हेडसेट और डोम के भीतर 180 डिग्री वीडियो के माध्यम से शासन की योजनाओं और छत्तीसगढ़ राज्य की जानकारी साझा की जा रही है। इन तकनीकों के जरिए छत्तीसगढ़ को जानने के लिए स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह है और लोग लंबी लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की संकल्पना पर काम कर रहे हैं और ये संकल्पना धीरे धीरे मूर्त रूप ले रही है। जिस तरह से छत्तीसगढ़ को जानने और समझने की इच्छा रखने वाले यहां आ रहे हैं उससे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों की सार्थकता झलक रही है। इसे देखकर कहा जा सकता है मानो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मानो एक छोटा सा छत्तीसगढ़ ही बसा हुआ है।


मुख्यमंत्री ने मकर संक्रांति के पावन अवसर पर वर्ष 2025 के शासकीय कैलेंडर का किया विमोचन

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‘सुशासन से समृद्धि की ओर’ थीम पर आधारित है छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष का कैलेंडर

क्यू आर कोड के नए फीचर्स ने कैलेंडर को बनाया खास

मुख्यमंत्री के वीडियो संदेश के साथ ही शासन की उपलब्धियों की भी मिलेगी जानकारी

रायपुर 14 जनवरी 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष 2025 के शासकीय कैलेंडर का विमोचन किया। कैलेंडर के कवर पेज में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की फोटो के साथ ‘सुशासन से समृद्धि की ओर’ के मूलमंत्र को दर्शाया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के वार्षिक कैलेंडर में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ वासियों के जीवन में आए सकारात्मक बदलाव को दिखाया गया है। विमोचन के अवसर पर कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम और लुण्ड्रा विधायक श्री प्रबोध मिंज, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि ‘सुशासन से समृद्धि’ के मूलमंत्र पर आधारित यह कैलेंडर हमारे शासन की प्राथमिकताओं और उपलब्धियों का प्रतीक है। इसमें हमने राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं को समाहित किया है, जो छत्तीसगढ़ को समृद्धि और विकास के नए आयामों तक ले जाएंगी। उन्होंने मकर संक्रांति के पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह साल हमारे प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली का स्वर्णिम वर्ष होगा।

क्यूआर कोड के नए फीचर्स ने कैलेंडर को बनाया खास

रजत जयंती वर्ष 2025 के कैलेंडर में कुछ नए फीचर्स को समाहित किया गया है जिसने इसे और आकर्षक बना दिया है। कैलेंडर के प्रत्येक माह में एक क्यूआर कोड दिया गया है, जिसमें उस माह के विशेष अवसरों पर आधारित मुख्यमंत्री के वीडियो संदेश को सुना जा सकता है। इसी के साथ ही नए संदेश और शासन की उपलब्धियों की जानकारी निरंतर मिलती रहेगी। कैलेंडर के प्रत्येक माह के लिए उस महीने का क्यू आर कोड ही एक्टिव रहेगा। इसके साथ ही कैलेंडर के प्रत्येक पेज में छत्तीसगढ़ से जुड़े प्रमुख तथ्य के बारे में भी बताया गया है।

कैलेंडर के प्रत्येक माह में दिखेगी शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं की झलक

शासकीय कैलेंडर के जनवरी माह में छत्तीसगढ़ सरकार की श्री रामलला दर्शन योजना के माध्यम से अयोध्या और काशी की निःशुल्क यात्रा कर लौटे श्रद्धालुओं की तस्वीर दिखाई गई है। इस योजना से बड़ी संख्या में प्रदेश के लोगों को प्रभु श्री राम के दर्शन का लाभ मिल रहा है।
इसी तरह फरवरी माह में राजिम कुंभ कल्प के वैभव की तस्वीर को साझा किया गया है। वहीं मार्च माह में 70 लाख माताओं-बहनों की खुशियों को
दर्शाती तस्वीर है, जिनके जीवन में महतारी वंदन योजना से बड़ा बदलाव आया है। कैलेण्डर के अप्रैल माह में वनांचल में रहने वाले लोगों के जीवन में तेंदूपत्ता संग्रहण से आए बदलाव की तस्वीर है। शासन ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए पारिश्रमिक दर को 4 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 हजार 500 रुपए कर दिया है।
मई माह में श्रमिकों के सम्मान में चलाई जा रही वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना की तस्वीर है। इस योजना के माध्यम से श्रमिकों के लिए 5 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जून के महीने में स्कूली बच्चों की तस्वीर साझा की गई है। साथ ही छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू किए जाने और 18 स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई कराए जाने का भी उल्लेख किया गया है।
इसी तरह जुलाई के महीने में किसानों की समृद्धि के लिए संचालित कृषक उन्नति योजना के बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ के किसान की खुशहाली की तस्वीर को प्रदर्शित किया गया है। अगस्त माह में देश की सुरक्षा में तैनात महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ मुख्यमंत्री की तस्वीर दिखाई गई है। सितंबर माह में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से पक्के घर का सपना पूरा हो रहे खुशहाल हितग्राहियों की तस्वीर है। इन दोनों ही योजनाओं से विशेष पिछड़ी जनजातियों और गरीब परिवारों को आवास मुहैया हो रहा है। अक्टूबर माह में बस्तर संभाग की खुशहाली और बदलती हुई तस्वीर को साझा किया गया है। बस्तर ओलंपिक की इस तस्वीर में तीरंदाजी में हाथ आजमाते युवा अपने सुरक्षित भविष्य का सपना गढ़ रहे हैं। इसी तरह नवंबर माह में धान खरीदी महापर्व के गौरव को दिखाया गया है। वही दिसंबर माह में शासन की नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से दूरस्थ आदिवासी बहुल ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के विकास और क्षेत्र में शांति स्थापना के संकल्प को प्रदर्शित किया गया है।


राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना का कृषक ले रहे हैं लाभ

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किसान हरकचन्द साय हल्दी की कर रहे खेती

हल्दी की बनी रहती मांग मार्केट में हमेशा

जशपुरनगर 13 जनवरी 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार में किसानों को धान के साथ
अन्य फसल लेने के लिए उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं से जिले के दूरस्थ अंचल के किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। जिसके तहत् विभाग द्वारा फल क्षेत्र विस्तार से कृषकों को लाभ देने के दिशा में अभिनव पहल किया गया है।
उद्यान विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत् कृषकों को हल्दी उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। योजना से प्रेरित होकर कांसाबेल विकासखण्ड के ग्राम रजौटी के कृषक श्री हरकचन्द साय द्वारा उद्यानिकी विभाग से उचित मार्गदर्शन लेकर 0.500 हे. में हल्दी का उत्पादन किया गया। श्री हरकचन्द साय ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनांतर्गत वर्ष 2023-24 में हल्दी क्षेत्र विस्तार का विभागीय लाभ लिया
कृषक श्री हरकचन्द साय का कहना है कि उद्यान विभाग द्वारा दिये गये उचित मार्गदर्शन अनुसार हल्दी उत्पादन कार्य अच्छे ढंग से किया। समय-समय पर तकनीकी परामर्श प्राप्त करते हुए हल्दी का भरपूर उत्पादन ले रहे हैं।
किसान ने बताया कि उत्पादित हल्दी का विक्रय अपने घर के समीप के बाजारो में किया करते हैं।
इस वर्ष हल्दी का मांग अच्छा होने से अधिक लाभ हुआ।
परिवार की आर्थिक स्थिति अब अच्छा हो गया है उद्यान विभाग से तकनीकी परामर्श लेक और अधिक उत्पादन करने की बात कही।


मनेंद्रगढ़ में बनेगा इतिहास और पुरातत्व में रुचि रखने वालों के लिए आकर्षण का केन्द्र

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हसदेव नदी के किनारे मिला 28 करोड़ साल पुराना समुद्री जीवाश्म

रायपुर 13 जनवरी 2025/ छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिला अब इतिहास, पुरातत्व और प्रकृति प्रेमियों के लिए नया आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। यहां हसदेव नदी के किनारे 28 करोड़ साल पुराना समुद्री जीवाश्म मिला है। प्रदेश सरकार इसे एक मैरीन फॉसिल्स पार्क के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रही है। यह पार्क न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे एशिया का गौरव बनने वाला है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने इस विषय पर गहरी रुचि दिखाते हुए इसे नए सिरे से आगे बढ़ाने का कार्य प्रारंभ किया है। राज्य सरकार ने जीवाश्मों से संबंधित विस्तृत जानकारी एकत्रित करने और मनेंद्रगढ़ को एक प्रमुख वैज्ञानिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि मनेंद्रगढ़ में 28 करोड़ साल पुराना समुद्री जीवाश्म मिलना छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। यह न केवल वैज्ञानिक शोध का केंद्र बनेगा, बल्कि पर्यटन से जुड़े रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। राज्य सरकार अपनी प्राकृतिक धरोहरों को सहेजने और उनका विकास करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

मैरीन फॉसिल्स पार्क के रूप में विकसित होने के बाद यह क्षेत्र एक बायोडायवर्सिटी हेरिटेज साइट के रूप में पर्यटकों और वैज्ञानिकों के लिए खुल जाएगा। यहां आने वाले सैलानी करोड़ों साल पुराने जीवों की उत्पत्ति और उनके विकास की कहानी को देख और समझ सकेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार इस परियोजना को विशेष महत्व दे रही है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया कोलकाता और बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट लखनऊ की टीमों ने इस क्षेत्र का अध्ययन कर इसकी संभावनाओं का जायजा लिया है।

पुरातत्व विभाग के नोडल अधिकारी डॉ विनय कुमार पांडेय ने बताया कि यह एशिया का सबसे बड़ा जीवाश्म है। देश-विदेश से वैज्ञानिक पुरातत्ववेत्ता यहां अध्ययन करने आएंगे। कार्बन डेटिंग से पता चला कि यह 28 करोड़ साल पुराना है। पहले 1954 में इसकी खोज डॉ. एसके घोष ने की। फिर ईएसआई व लखनऊ बीरबल की टीम ने लगातार इस पर सर्वे किया।

वैज्ञानिकों के अनुसार 28 करोड़ वर्ष पूर्व वर्तमान हसदेव नदी के स्थान पर एक ग्लेशियर था। जो बाद में श्टाथिसश् नामक पतली पट्टी के रूप में समुद्र में समा गया जिससे होकर समुद्री जीव-जंतु मनेन्द्रगढ़ की वर्तमान हसदेव नदी में प्रवेश कर गए। वे धीरे-धीरे विलुप्त हो गए लेकिन उनके जीवाश्म आज भी उक्त स्थल पर देखे जा सकते हैं। वर्ष 2015 में बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियो साइंसेज लखनऊ के वैज्ञानिकों ने भी इसकी पुष्टि की थी।
जीवाश्मों के अवशेषों से यह प्रमाण मिलता है कि करोड़ों साल पहले इस क्षेत्र में समुद्र था, जो बाद में प्राकृतिक परिवर्तन के कारण हटा और इन जीवों के अवशेष पत्थरों में दबकर जीवाश्म के रूप में संरक्षित हो गए। यह एक महत्वपूर्ण खोज है जो पृथ्वी के इतिहास और परिवर्तन के बारे में हमें जानकारी प्रदान करती है। यह जीवाश्म क्षेत्र वास्तव में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और वैज्ञानिक धरोहर है, जो पृथ्वी के प्राचीन इतिहास को समझने का महत्वपूर्ण स्रोत है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा 1982 से इस क्षेत्र को नेशनल जियोलॉजिकल मोनुमेंट्स के रूप में संरक्षित किया गया है, जो इसके महत्व को दर्शाता है।


महतारी वंदन योजना से हमारी माताओं और बहनों के चेहरे पर आई मुस्कान हमारे कार्य की सार्थकता – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

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मुख्यमंत्री ने कोंडागांव जिले को दी 2 अरब 88 करोड़ 18 लाख रूपए के 168 विकास कार्यों की सौगात

रायपुर 13 जनवरी 2025/ हमारी सरकार ने एक साल पूरे कर लिये हैं और इस एक साल के दौरान हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दी गई गारंटी के अनुरूप हमने हर वर्ग से जुड़े वायदों को पूरा किया है।हम हर महीने महतारी वंदन योजना की राशि माताओं और बहनों के खाते में भेज देते हैं। पहली तारीख को ही जब हमारी माताओं और बहनों के मोबाइल में मैसेज आता है तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।माताओं-बहनों के चेहरे पर आई यह मुस्कान ही हमारे कार्य की सार्थकता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज कोंडागांव जिला मुख्यालय में आयोजित विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश भर में हम लगभग 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ दे रहे हैं। एक साल में हमारी सरकार ने कोंडागांव जिले के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये और इस पर तेजी से क्रियान्वयन किया है। इसी कड़ी में आज हमने यहां 288 करोड़ रुपए के 168 कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है। इन कार्यों में 208 करोड़ रुपए की राशि के 130 कार्यों का लोकार्पण एवं 80 करोड़ रुपए के 38 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। साथ ही इस मौके पर हम 58 लाख रुपए की राशि के हितग्राहीमूलक कार्यों के चेक और सामग्री भी वितरण कर रहे हैं। इसमें कोंडागांव जिले की 1 लाख 28 हजार माताओं-बहनों को योजना का लाभ मिल रहा है। माताएं-बहनें इस योजना का उपयोग बहुत कुशलता से कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं के बीच लोकप्रिय महतारी वंदन योजना के आने से 5 लाख महिलाओं ने डाकघर में मासिक बचत खाते आरंभ कर दिये हैं। यह केवल डाकघर के आंकड़े हैं। कुछ माताएं-बहनें अपनी राशि बैंक में जमा कर रही हैं। कुछ अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश कर रही हैं। साथ ही अपने सपनों को भी पूरा कर रही हैं। यह महिलाओं की आर्थिक आजादी की योजना है। महिलाओं को आर्थिक ताकत देने से समाज का तेजी से विकास होता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार की कृषि हितैषी नीतियों की वजह से किसान फिर से खेती में लौट आये हैं। इस बार 27 लाख से अधिक किसान भाइयों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। पिछले साल यह आंकड़ा 24 लाख 75 हजार का था। कोंडागांव जिले में अब तक 40 हजार से अधिक किसान भाई अपना धान बेच चुके हैं और अब तक हम 552 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुके हैं। हमने कैबिनेट की पहली ही बैठक में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये। लाखों लोगों का मकान का सपना पूरा हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोंडागांव जिले का विकास हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ कर रहे हैं। दो महीने पहले जब मैं बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में जगदलपुर आय़ा था तो क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने केशकाल घाटी में सड़क के जीर्णोद्धार की माँग रखी। दो महीने के भीतर ही इसका जीर्णोद्धार कराया गया। पहले केशकाल धूलों की घाटी बन गई थी, अब यह पुनः फूलों की घाटी बन गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोंडागांव जिला अपनी शिल्प कला के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। यहां 1300 से अधिक शिल्पकार अपनी अद्वितीय कलाकृतियों का निर्माण करते हैं। इन कलाकृतियों को वैश्विक बाजार से जोड़ने आधुनिक तकनीक आवश्यक हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने इन्हें 3-डी प्रिंटिंग तकनीक से जोड़ने आईआईटी भिलाई के साथ एमओयू किया है। जिला प्रशासन द्वारा यूपीएससी, पीएससी एवं व्यापम जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान की जा रही है। यह बहुत अच्छी पहल है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे कोंडागांव की बिटिया कुमारी हेमबती नाग को जूडो खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया, जो हम सभी के लिए गौरव की बात है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मुख्य कार्यक्रम स्थल में जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित विभागीय प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं के तहत सामग्री, उपकरण एवं चेक वितरित किया। कार्यक्रम के राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत लखपति दीदीयों को पुरस्कृत किया गया और हितग्राहियों को बैंक लिंकेज चेक प्रदान किया। हस्तशिल्प विभाग के स्टॉल में राष्ट्रीय बांस मिशन योजना अंतर्गत शिल्पकारों को बांस शिल्प औजार वितरण किया गया। ग्राम पंचायत बड़े राजपुर को सामुदायिक वनाधिकार पत्रक प्रदाय किया गया।

इस अवसर पर उद्योग प्रभारी मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप, कांकेर सांसद श्री भोजराज नाग, विधायक जगदलपुर श्री किरण देव, केशकाल विधायक श्री नीलकंठ टेकाम सहित जिले के वरिष्ठ जनप्रतिनिधिगण, जिला प्रशासन के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।

प्यार और विश्वास के आगे हार गई नक्सल हिंसा: जहां कभी बन्दूकें गूंजती थी, अब वहां गूंज रही शहनाई।

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मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आत्मसमर्पित नक्सलियों ने की गृहस्थ जीवन की शुरूआत

मुख्यमंत्री श्री साय ने परिणय सूत्र में आबद्ध महेश-हेमला और मड़कम-रव्वा को दिया आशीर्वाद

रायपुर 13 जनवरी 2025/छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के घने जंगलों में माओवादी हिंसा की जगह अब प्रेम और विश्वास की नई इबारत लिखी जा रही है। माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्य धारा से जुड़ने वाले महेश-हेमला और मड़कम-रव्वा ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के समक्ष परिणय सूत्र में आबद्ध होकर वैवाहिक जीवन की नई शुरूआत की है। मुख्यमंत्री ने परिणय सूत्र में आबद्ध दोनों नवदम्पत्तियों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। यह कहानी सुकमा जिले की बदलती तस्वीर है, जहां कभी बन्दूकें गूंजती थी, अब वहां शहनाईयां गूंज रही है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज 13 जनवरी को 206 करोड़ रूपए से अधिक विकास कार्याें की सौगात देने के लिए सुकमा के मिनी स्टेडियम में पहुंचे थे। लगभग सात माह पहले नक्सल हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने वाले मौसम महेश और हेमला, मड़कम पाण्डू और रव्वा भीमे ने जिला प्रशासन सुकमा से आग्रह किया था कि वह मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में परिणय सूत्र में आबद्ध होकर नये जीवन की शुरूआत करना चाहते हैं। जिला प्रशासन ने उन चारों को भरोसा दिलाया था कि मुख्मयंत्री श्री साय का जब भी सुकमा में आगमन होगा, उस दिन मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत उनका विवाह विधिविधान से सम्पन्न कराया जाएगा। आज 13 जनवरी को मुख्यमंत्री के सुकमा प्रवास के दौरान वहां के मिनी स्टेडियम में इन चारों आत्मसमर्पितों का विधि-विधान से विवाह मुख्यमंत्री श्री साय की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ, जिसके साक्षी वहां मौजूद हजारों-हजार लोग बने। सभी ने नवदम्पत्तियों को आशीर्वाद दिया और उनके सुखद वैवाहिक जीवन की कामना की।

ज्ञात रहे कि गगनपल्ली गांव के रहने वाले मौसम महेश और डुब्बामरका की रहने वाली हेमला मुन्नी तथा कन्हाईपाड़ निवासी मड़कम पाण्डू और सल्लातोंग की रव्वा भीमे ये चारों पहले नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे। छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर इन चारों ने जून 2024 में नक्सल हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया था। मौसम महेश लगभग बारह साल तक नक्सल संगठन से जुड़े रहे। मड़कम पाण्डू और हेमला मुन्नी 9 साल तक तथा रव्वा भीमे 6 साल तक नक्सल संगठन और उसकी गतिविधियों से जुड़ी रहीं।

परिणय सूत्र में आबद्ध होने के बाद मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आशीर्वाद प्राप्त करके हुए महेश-हेमला और मड़कम-रव्वा ने बताया कि उन्हें रास्ता भटकने और हिंसा में संलिप्त रहने का बेहद अफसोस है। छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति और नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर वे चारों विकास और शांति की मुख्य धारा में शामिल होने का फैसला लिया। उनका कहना था कि सरकार की जनहितैषी नीतियों से प्रभावित होकर विभिन्न नक्सल संगठनों से जुड़े कई युवा साथी आत्मसमर्पण कर चुके हैं और कई साथी आत्मसमर्पण करने का मन बना चुके हैं।

उनका कहना था कि छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने और समाज में सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर दिया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार, मकान और पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता मिल रही है। यह कहानी न केवल प्रेम की जीत की है, बल्कि छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति की सफलता का प्रतीक है। परिणय सूत्र में आबद्ध होकर इन चारों युवक-युवतियों ने यह साबित कर दिया है कि प्यार, विश्वास और सहानुभूति से नफरत और हिंसा को हराया जा सकता है।


जहां कभी गोलियों की गूंज थी, वहां अब सुनाई देता है विकास का शंखनाद – मुख्यमंत्री श्री साय

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दंतेवाड़ा जिले में होगा जू पार्क का निर्माण: सभी लैंप्स में जैविक खाद किए जाएंगे उपलब्ध

बचेली प्रवास में मुख्यमंत्री ने 160 करोड़ से अधिक राशि के विकास कार्यो का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन

रायपुर 13 जनवरी 2025/ माओवादी खून खराबे और आतंक के पक्षधर हैं, हम विकास और सद्भाव के लिए काम कर रहे हैं। अब बस्तर की तस्वीर तेजी से बदल रही है। जहां कभी गोलियों की गूंज थी, वहां अब विकास का शंखनाद सुनाई देता है। जहां कभी बेकारी और लाचारी थी, वहीं इस जिले के ग्रामीण युवाओं को उच्च शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। हम माओवाद को जड़ से खत्म करके ही दम लेंगे। हमारे शहीद जवानों की शहादत बेकार नहीं जाने देंगे
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल बचेली में आयोजित विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत के सपनों को साकार करने के लिए हम विजन 2047 छत्तीसगढ़ के अंतर्गत विकासशील छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल, बड़े बचेली में हमने 160 करोड़ रूपये के 501 कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है। इनमें 49 करोड़ रूपये के 367 कार्यों का लोकार्पण और 112 करोड़ रूपये के 134 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। साथ ही इस मौके पर हमने 114 करोड़ रूपये के हितग्राही मूलक कार्यों का चेक और सामग्री का वितरण भी कर रहे हैं। आज जिन बड़े विकास कार्यों का लोकार्पण हुआ है, उनमें गीदम ब्लाक के छिन्दनार से बड़ेकरका मार्ग पर 33 करोड़ रूपये का पुल, जिले के सभी विकासखंडों में एक करोड़ रूपये से बने पुल-पुलिया, गीदम, कुआकोंडा, कटेकल्याण मार्ग का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण शामिल है।इसके अलावा मोर मकान-मोर आवास के अंतर्गत सवा सात करोड़ रूपये की लागत से 321 हितग्राहियों के लिए बने पक्के मकानों की चाबी भी हमने सौंपी है। जलावर्धन और जलशोधन संयंत्र स्थापना के लिए किरंदुल में करीब 45 करोड़ और बारसूर में 15 करोड़, दंतेवाड़ा में अंतरराज्यीय बस स्टैंड और दंतेवाड़ा जिले के सभी विकासखंडों में आश्रम भवन निर्माण कार्यों के लिए हमने अभी भूमिपूजन किया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आप सबको पता है कि हमारी सरकार ने सुशासन के एक साल पूरे कर लिये हैं। इस एक साल के दौरान मोदी जी की गारंटी को हमने पूरी गारंटी के साथ पूरा किया है। हमारी सरकार ने पहली बार बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया जिसमें करीब 1 लाख 65 हजार लोगों ने भाग लिया। इस आयोजन की सराहना यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात में भी की। हमारी सरकार गांव-गरीब और किसानों के हित में लगातार काम कर रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को हमारी सरकार 4 हजार रुपए से बढ़ाकर साढ़े 5 हजार रुपए प्रति मानक बोरा दे रही है। इससे वनवासियों के जीवन स्तर में बदलाव दिखने लगा है। नियद नेल्लानार योजना अंतर्गत जिले के चिन्हित सभी 765 किसानों को 48 लाख रूपये का पावर स्प्रेयर, 1 करोड़ 70 लाख रूपये की लागत से पॉवर ट्रिलर जल्द ही वितरण करने की तैयारी कृषि विभाग ने की है। नियद नेल्लानार योजना के तहत 1200 परिवारों को निःशुल्क मोबाइल फोन का वितरण किया जा रहा है। इससे दूरस्थ अंचल के ग्रामीण मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। सुदूर अंचल के क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जन सुविधा एक्सप्रेस अभियान के तहत करीब 4 करोड़ रूपये की लागत से 37 वाहन महिला समूहों और युवा संगठनों के माध्यम से संचालित हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यहां माता-बहनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति है। यह इस बात का प्रमाण है कि इनके खाते में हर महीने एक-एक हजार रूपये सांय-सांय जा रहा है। अभी हाल ही में हमने इस साल के पहले दिन ही माता-बहनों के खाते में रूपये जमा कराया। इससे महिला सशक्तिकरण को बल मिला है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार गांव-गरीब और किसानों के हित में लगातार काम कर रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने अंत्योदय के विकास का जो सपना देखा था। उसे हम सब मिलकर पूरा करने में जुटे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी का सपना है कि कोई भी भारतीय खुले आसमान के नीचे नहीं सोएगा। हर नागरिक का पक्का मकान होगा। इसी कड़ी में हमारी सरकार बनते ही हमने 18 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 3 लाख 88 हजार आवासों की स्वीकृति पुनः प्रदान की है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आवास प्लस का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2024 में बहुत से लोग आवास योजना के लाभान्वित होने से वंचित हुए थे इसके साथ ही वाहन, आय और भूमि संबंधी अन्य संसाधनों होने के साथ ही वे आवास योजना के दायरे से बाहर में थे उनके लिए आवास प्लस योजना के तहत सर्वे कार्य प्रारंभ किया गया हैं। और शीघ्र ही उन्हें सूची में जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि वहीं 2.5 एकड़ सिंचित एवं 5 एकड़ असिंचित भूमि वाले किसान भी आवास योजना के लाभार्थी होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई संसाधन और सड़कों के रखरखाव पर फोकस करते हुए अंतिम छोर के व्यक्ति तक सुशासन पहुंचाने प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि दन्तेवाड़ा जिला खनिज सम्पदा और जैविक कृषि में अग्रणी जिला है। अतः क्षेत्र के सर्वांगीण विकास हेतु राज्य शासन प्रतिबद्ध है। शीघ्र ही जिले में वन्य प्राणी के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से ’’जू पार्क” (चिड़ियाघर ) का निर्माण भी किया जाएगा। इसके अलावा जैविक कृषि को महत्व देने के लिए सभी लेम्पस और राशन दुकानों में जैविक खाद उपलब्ध किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने दान-पुण्य के महापर्व छेरछेरा और मकर संक्रांति की सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में  कहा कि सरकार के एक वर्ष के नेतृत्व में दन्तेवाड़ा जिला प्रगति के पथ पर अग्रसर है । जिले में कई योजनाएं संचालित किए जा रही है जो राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल साबित होगी। आमसभा में सांसद बस्तर श्री महेश कश्यप एवं क्षेत्र के विधायक श्री चैतराम अटामी द्वारा भी जिले के विकास कार्यो पर प्रकाश डाला गया।  इस अवसर पर  डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, एसपी श्री गौरव राय, डीएफओ श्री सागर जाधव तथा जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने मकर संक्रांति और पोंगल पर्व की दी शुभकामनाएं

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रायपुर 13 जनवरी 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति और पोंगल पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर सभी लोगों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में मकर संक्रांति, पोंगल और लोहड़ी पर्व जैसे कई अलग अलग नाम से मनाया जाता हैं। दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला पोंगल समृद्धि का प्रतीक है। यह त्योहार प्रकृति और फसल के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक माध्यम है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा है कि मकर संक्रांति का त्यौहार ऋतु परिवर्तन का संदेश लेकर आता है। मुख्यमंत्री ने शुभकामना देते हुए कहा कि यह ऋतु परिवर्तन का पर्व सभी लोगों के जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आए।


माओवादी कैंसर को समाप्त करना है तो इसकी जड़ पर प्रहार करना जरूरी – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

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मुख्यमंत्री ने किया सुकमा जिले में 205 करोड़ रुपए के 137 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास

रायपुर 13 जनवरी 2025/ माओवाद एक कैंसर की तरह है। कैंसर को समाप्त करना है तो इसकी जड़ पर प्रहार करना जरूरी होता है। माओवादी बस्तर के कुछ इलाकों में जोंक की तरह चिपक गये थे और यहां के स्थानीय लोगों को डरा-धमका कर शोषण कर रहे थे। ये स्थल उनके सबसे सुरक्षित पनाहगाह थे। हमने माओवादियों की माँद में घुसकर उन पर हमले का निर्णय लिया। हमारे सुरक्षाबलों के जवानों के अदम्य साहस से हमने इन माओवादियों का मुकाबला किया और उनको धूल चटाई। बीते एक साल में विभिन्न मुठभेड़ों में हमारे सुरक्षाबलों ने 230 से अधिक माओवादियों को मार गिराया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सुकमा जिले के मिनी स्टेडियम में विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जिस पावन भूमि पर भगवान श्रीराम के पुण्य चरणों का स्पर्श हुआ। उस भूमि का मैं सादर अभिनंदन करता हूँ।माओवादी हिंसा ने बस्तर संभाग के साथ ही सुकमा जिले को भी हिंसा की आग में झोंक दिया था। इससे सुकमा जिले का विकास बुरी तरह प्रभावित हुआ था।एक साल में हमारी सरकार ने सुकमा जिले के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये और इस पर तेजी से क्रियान्वयन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी कड़ी में आज हमने यहां 205 करोड़ रुपए के 137 कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है।इन कार्यों में 39 करोड़ रुपए की राशि के 82 कार्यों का लोकार्पण एवं 166 करोड़ रुपए के 55 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। इन कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण कार्य सुकमा नगरपालिका में 83 करोड़ रुपए की लागत से जल प्रदाय योजना का भूमिपूजन है। इसके साथ ही 14 करोड़ रुपए की राशि से केरलापाल से पोंगाभेज्जी मार्ग के निर्माण का भूमिपूजन भी हमने किया। उन्होंने कहा कि सुकमा में खेल अधोसंरचना बेहतर हो, इसके लिए 11 करोड़ रुपए की लागत से हम स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाने जा रहे हैं। इसका भी हमने आज भूमिपूजन किया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुनियोजित रणनीति के तहत हमने माओवाद प्रभावित इलाकों में कैंपों का विस्तार किया और सुरक्षा का नेटवर्क विस्तृत किया।अब माओवादी बहुत सीमित इलाके में सिमट गये हैं और बौखलाहट में हैं। इसके चलते वे कायराना हरकत कर रहे हैं। माओवादियों द्वारा हमारे जवानों के काफिले पर आईईडी ब्लास्ट की घटना में जो जवान शहीद हुए, वे बस्तर के माटीपुत्र ही थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सुकमा की इस धरती पर हम सब पुनः संकल्प लेते हैं कि माओवाद को जड़ से नष्ट करेंगे। हमारे शहीद जवानों की शहादत का बदला लेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम कैंपों के माध्यम से लोगों को सुरक्षा दिलाने के साथ ही विकास के लिए भी काम कर रहे हैं। इसके लिए हमने कैंप के पांच किमी की परिधि में आने वाले गांवों के विकास के लिए नियद नेल्ला नार योजना आरंभ की जिसके माध्यम से सभी बुनियादी सुविधाएं इन ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जा रही है।
जो माओवादी अपने लिए सबसे अच्छे हथियार, संचार के नये उपकरण का इस्तेमाल करते हैं उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों को इतने दहशत में रखा कि यहां के लोग टेलीविजन से भी दूर रहे।
माओवादी कमांडर का गांव पूवर्ती विकास के मामले में कई बरस पिछड़ा हुआ था। लोगों ने बिजली नहीं देखी थी, टेलीविजन नहीं देखा। अब पूवर्ती गांव सोलर लाइट से रौशन है। आजादी के 78 साल बाद पहली बार दूरदर्शन लोगों ने देखा। यह लोगों के लिए चमत्कार की तरह था। ग्राम सालातोंग में 78 साल बाद बिजली आई है। बिजली के आने से यहां विकास का उजाला भी तेजी से फैला है। अब यहां के बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई कर पाएंगे। विकास की मुख्य धारा में शामिल हो पाएंगे। लोगों को आवागमन के लिए राहत हो, इसके लिए यहां पर हक्कुम मेल चलाई जा रही है। इन बसों के चलते लोगों का जीवन आसान हो गया है। स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचना आसान हो गया है।इस योजना के माध्यम से पहली बार लोगों के आधार कार्ड बने, आयुष्मान कार्ड बने और किसान क्रेडिट कार्ड भी बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना के माध्यम से हम सुकमा जिले की 52 हजार 220 माताओं को हर महीने एक हजार रुपए की राशि अंतरित कर रहे हैं। हमारी सरकार ने 6000 से अधिक हितग्राहियों के लिए प्रधानमंत्री आवास की किश्त जारी कर दी है। हमारी सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण दर 4 हजार रुपए से बढ़ाकर साढ़े 5 हजार रुपए कर दी है और 63 हजार से अधिक हितग्राहियों को अब तक 77 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान कर चुके हैं। बस्तर ओलंपिक में बस्तर संभाग के 1 लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें सुकमा जिले से भी बड़ी संख्या में खिलाड़ी शामिल हुए। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी मन की बात कार्यक्रम में इसकी प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भ्रष्टाचार के सभी मामलों में हमारी सरकार कठोरता से कार्रवाई करेगी। किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा। इस अवसर पर “मावा सुकमा – बदलता सुकमा” कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सुकमा में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और नक्सल पुनर्वास योजना के तहत आत्मसमर्पित दो पूर्व नक्सलियों के अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत पर दोनों जोड़ों को सुखद वैवाहिक जीवन हेतु आशीर्वाद दिया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय की मौजूदगी में दो एमओयू भी किए गए जिसमें पहला एमओयू जिला प्रशासन ने लाइवलीहुड कालेज में कौशल विकास हेतु आईटीसी प्रथम संस्था के साथ किया, जबकि दूसरा एमओयू जिला पंचायत द्वारा वेस्ट मैनजमेंट के लिए बस्तर जिले के एमआरएफ वेस्ट मैनेजमेंट के साथ किया गया। सुकमा की महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की मार्केटिंग हेतु आकांक्षा ब्रांड के नाम से नामकरण किया गया।

सुकमा प्रवास के दौरान समग्र शिक्षा आकार (दिव्यांग) के राहुल पदामी ने मुख्यमंत्री को पेंटिंग भेंट की। मुख्यमंत्री ने दिव्यांग रघुनाथ नाग और सोडी बीड़े को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। नीट कोचिंग से एमएमबीएस के पढ़ाई के लिए चयनित सिल्की नेताम और गुलशन मुड़ियामी तथा बस्तर ओलंपिक में संभागीय प्रतियोगिता में भाला फेंक में पहला स्थान पाने वाली सुकमा की खिलाड़ी पायल कवासी को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में नक्सल पुनर्वास नीति के अंतर्गत नक्सल पीड़ित परिवार के आश्रित पंडा सुनीता, श्रीमती पोडियाम सन्नी को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।

कार्यक्रम को वन मंत्री श्री केदार ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने का प्रयास कर रही है। सुकमा जिला के गठन के बाद से लगातार विकास के कार्य हो रहे हैं। कार्यक्रम को बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर राज्य महिला आयोग सदस्य सुश्री दीपिका सोरी, गणमान्य जनप्रतिनिधि श्री धनीराम बारसे, आयुक्त बस्तर श्री डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक बस्तर श्री सुंदरराज पी सहित जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।


उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने घायल जवानों काअस्पताल पहुँचकर कुशलक्षेम जाना, शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की

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रायपुर, 13 जनवरी, 2024-बीजापुर जिले के जांगला गांव में हुए आईईडी ब्लास्ट में घायल हुए आरक्षक श्री गजेन्द्र शाह मंडावी और आरक्षक श्री रामसू मज्जी का हालचाल जानने के लिए उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल पहुंचकर उनसे मुलाकात की। उन्होंने घायल जवानों से संवाद कर उनका हौंसला बढ़ाया और उनकी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने जवानों की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि हमारे जवान विषम परिस्थितियों में भी नक्सलियों से मुकाबला कर रहे हैं और उनकी यह वीरता प्रदेश के हर नागरिक के लिए प्रेरणा है। उन्होंने चिकित्सकों से भी घायल जवानों के इलाज में किसी प्रकार की कमी न रखने का निर्देश दिया।