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अब प्रदेश में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है – दीपक बैज

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राजधानी सहित पूरे प्रदेश में हत्याओं, लूट, बलात्कार के कारण डर का माहौल

प्रदेश की कानून व्यवस्था अब असहनीय हो चुकी है

रायपुर/03 जनवरी 2025। बस्तर के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कड़ी निंदा करते हुये कहा कि प्रदेश में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था अब असहनीय हो चुकी है। राजधानी से शुरू हुआ हत्याओं का खौफनाक मंजर अब बस्तर तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री की बस्तर में मौजूदगी के दौरान ही जगदलपुर में एक चिकित्सक की पत्नी की हत्या हो गयी। प्रदेश की बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था का शिकार अब लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी हो रहा है। पत्रकार को अपनी निष्पक्ष पत्रकारिता की कीमत जान देकर चुकानी पड़ रही है। पत्रकार का शव साय राज में सेप्टिक टैंक में मिल रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 48 घंटे में राजधानी में पांच हत्या की घटना हुई है, रोज हो रही हत्याओं से पूरे प्रदेश में भय का माहौल, प्रदेश में हत्या और चाकूबाजी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार कुंभकर्णी निद्रा में सोई हुई है। जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है, प्रदेश के सभी जिलों में रोज हत्या हो रही है। राजधानी रायपुर में औसतन रोज तीन हत्या हो रही है। हर शहर में ऐसा कोई दिन नहीं होता, जब भयावह हत्या की एक-दो घटनाएं न होती हो, अपराधी इतने बेखौफ हो गये है कि सरेआम सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर चाकू मार रहे, पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। रोज हो रहे सामूहिक दुष्कर्म की घटनाओं से प्रदेश शर्मसार। पूरे प्रदेश में नागरिकों को भय के माहौल में जीवन जीना पड़ रहा है। साय सरकार के राज में महिलाओं के प्रति अपराधों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गयी है। मासूम बच्चियों के साथ घृणित दुराचार की घटनाएं बढ़ गयी। रोज समाचारों में प्रदेश भर में तीन से चार मासूब अबोध बच्चियों के साथ तथा सामूहिक दुराचार की घटनाओं की खबरें सामने आ रही।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता में कानून व्यवस्था है ही नही। इसलिये अपराधिक घटनाये बढ़ रही है। सरकार अपराधियों पर लगाम कसने के बजाये उनकी संरक्षक बन गयी है। प्रदेश की कानून व्यवस्था दिनोंदिन और बिगड़ते जा रही है और सरकार मूकबधिर बनकर बैठी हुई है अब तो हत्या, अपराध की घटनाये बर्दाशत के बाहर हो गयी है। सरकार निकम्मी और लाचार बन गयी है मुख्यमंत्री से सरकार नही संभल रहा, गृहमंत्री से गृह विभाग नही संभल रहा है।


सिमट रहा बस्तर से माओवादी आतंक, बदल रही बस्तर की पहचान – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर जिला पत्रकार संघ के शपथ ग्रहण समारोह को किया संबोधित

रायपुर 2 जनवरी 2025/ इस वर्ष जब मैं नये साल में अखबार पढ़ रहा था तो समाचारपत्रों के मुख्य पृष्ठ में बस्तर सुर्खियों में था। यह सुर्खियां किसी माओवादी हिंसा को लेकर नहीं थी, यह सुर्खियां बस्तर में पहुंचे विकास के उजाले को लेकर थी। बस्तर से माओवादी आतंक अब सिमट गया है। बस्तर की पहचान अब बदल गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बस्तर जिला पत्रकार संघ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि बस्तर की अपनी चुनौतियां है और इस चुनौती भरे माहौल में पत्रकारिता करना भी चुनौतीपूर्ण कार्य है। बस्तर में आम जनता के उम्मीदों, विचारों और समस्याओं का आइना बनकर शासन-प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करने के आप सभी के प्रयासों को नमन है।

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारिता के उच्च आदर्शों का पालन कर सरकार के अच्छे काम की जानकारी जनता को दें तथा कमियों को भी बताएं। वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि पत्रकारिता के नए आयाम स्थापित करने में बस्तर के पत्रकारों कीे महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर जिला पत्रकार संघ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई और पदाधिकारियों को नये दायित्व के निर्वहन के साथ ही नववर्ष के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में बस्तर जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष श्री मनीष गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा सहित बड़ी संख्या में पत्रकारगण उपस्थित थे।


सुंदर प्राकृतिक परिवेश, समृद्ध जनजातीय संस्कृति और शांत वातावरण अब फिर से बन रही है बस्तर की पहचान: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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जगदलपुर में 356 करोड़ रूपए के विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास

रायपुर, 02 जनवरी 2025/बस्तर की मूल पहचान उसके सुंदर प्राकृतिक परिवेश, समृद्ध जनजातीय संस्कृति और शांत वातावरण से रही है। हमने एक साल में बस्तर की मूल पहचान वापस देने का महती कार्य किया है।आज बस्तर की प्रशंसा केवल भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में हो रही है। संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन ने ग्राम धुड़मारास को विश्व के 20 सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में सम्मिलित किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जगदलपुर के पीजी कॉलेज हॉस्टल मैदान में आयोजित विकास कार्यो के लोकार्पण-शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने इस मौके पर 356 करोड़ 44 लाख रूपए लागत के 288 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन और विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को एक करोड़ 55 लाख रूपए से अधिक की राशि का चेक और सामग्री का वितरण किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर अंचल की तरक्की और उन्नति के लिए राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। बस्तर अंचल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सभी बुनियादी सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बस्तर में हम विश्वास के साथ विकास करना चाहते हैं, जिसमें हमें सफलता मिल रही है। छत्तीसगढ़ की जनता से मोदी की गारंटी के रूप में हमने जो वादा किया था वह हर वादा हम निभा रहे हैं। सरकार बनने के एक साल के भीतर ही मोदी की गारंटी में से अधिकांश को हमने पूरा किया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर के संवेदनशील इलाके के लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए हमारी सरकार द्वारा केंद्र सरकार से किए गए अनुरोध पर इन क्षेत्रों के लिए पृथक से 15 हजार प्रधानमंत्री आवास भी स्वीकृति दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 18 लाख पीएम आवास स्वीकृति की गारंटी दी थी उसे पूरा करते हुए हमारी सरकार की शपथ के दूसरे ही दिन हमने आवासहीन हितग्राहियों को आवास की स्वीकृति दी। स्वीकृत पीएम आवास अब बनते जा रहे हैं और लाभान्वित परिवारों का गृह प्रवेश भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि 07 जनवरी को देश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान छत्तीसगढ़ आ रहे हैं, इस दिन भी प्रदेश में आवासहीन हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने नक्सल प्रभावित और पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए नियद नेल्ला नार योजना की शुरुआत की, जिसमें सुरक्षा कैम्पों के 5 किलोमीटर की परिधि में स्थित गांवों में सरकार की 17 विभागों के 53 कल्याणकारी योजनाओं और 28 सामुदायिक सुविधाओं के तहत मूलभूत सुविधाओं का विकास तेजी से सुनिश्चित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी लागू कर दी है, आज प्रदेश के स्कूलों में 18 स्थानीय भाषा में पढ़ाई हो रही है। बस्तर में बच्चे हल्बी एवं गोंडी बोली में पढ़ाई कर रहे हैं। डॉक्टर बनने की इच्छा रखने वाले हमारे युवाओं की हित में हमने एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में करवाने का निर्णय लिया है। पीएम श्री स्कूल योजना में 341 स्कूलों में आधुनिक शिक्षा के अनुकूल व्यवस्था कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहर और गांवों का विकास अनवरत हो रहा है। पूरे प्रदेश में एक साल के अन्दर शहरी क्षेत्र के विकास के लिए 07 हजार करोड़ रूपए जारी किया जा चुका है।

नगर पंचायत बस्तर में पेयजल आपूर्ति हेतु 50 करोड़ रूपए की घोषणा

उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नगर पंचायत बस्तर में अमृत मिशन योजनांतर्गत घर-घर शुद्ध पेयजल पहुँचाने के लिए 50 करोड़ रूपए देने की घोषणा की। वन एवं सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री श्री मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री साय की डबल इंजन की सरकार है, जिससे विकास की गति तेज हुई है। कार्यक्रम को राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, जगदलपुर विधायक श्री किरण सिंह देव और बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर लोकसभा क्षेत्र कांकेर श्री भोजराज नाग, विधायक द्वय श्री विनायक गोयल एवं श्री चैतराम अटामी सहित क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधी और गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।


जन-आकांक्षाओं और स्थानीय रहवासियों की मांगों के अनुरूप नए नगरीय निकायों का गठन, कस्बों में विकसित होंगी शहरी सुविधाएं

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राज्य में बीते साल अस्तित्व में आए नौ नए नगरीय निकाय, सात नगर पंचायतों का नगर पालिका में उन्नयन

रायपुर. 3 जनवरी 2025. छत्तीसगढ़ में पिछले साल जनवरी से दिसम्बर के बीच नौ नए नगरीय निकायों का गठन किया गया है। राज्य शासन ने इस दौरान सात नगर पंचायतों का नगर पालिका के रूप में उन्नयन भी किया है। स्थानीय रहवासियों की मांगों पर राज्य शासन ने संवेदनशीलतापूर्वक विचार करते हुए जन-आकांक्षाओं को पूरा करने नए नगरीय निकायों के गठन को मंजूरी दी है। इससे उभरते शहरों के रूप में विकसित हो रहे कस्बों में शहरी सुविधाएं जुटाने के कामों को और गति मिलेगी। राज्य में पिछले वर्ष गठित नगरीय निकायों को मिलाकर अब कुल 192 नगरीय निकाय हो गए हैं। इनमें 14 नगर निगम, 54 नगर पालिका और 124 नगर पंचायत शामिल हैं। I

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य की कस्बाई आवादी की मांग और उभरते शहरों के अनुरूप अधोसंरचनात्मक विकास को गति देने बीते कैंलेडर वर्ष 2024 में नौ नए नगर पंचायतों का गठन किया गया है। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव की पहल पर स्थानीय जन-आकांक्षाओं को पूर्ण करने तथा उन्हें मूर्त रूप देने नए नगरीय निकायों के गठन तथा ज्यादा आबादी वाले नगर पंचायतों के नगर पालिकाओं में उन्नयन की त्वरित कार्यवाही की गई है।

जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों की मांग पर वर्ष-2024 में जनवरी से दिसम्बर के बीच राजनांदगांव जिले के लाल बहादुर नगर और घुमका, मुंगेली के जरहागांव, कोरिया के पटना, बेमेतरा के कुसमी, गरियाबंद के देवभोग, सूरजपुर के शिवनंदनपुर, जांजगीर-चांपा के बम्हनीडीह और बालोद जिले के पलारी को नगर पंचायत बनाया गया है। वहीं जन-आकांक्षाओं को देखते हुए गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के गौरेला नगर पंचायत और पेंड्रा नगर पंचायत का नगर पालिका के रूप में उन्नयन किया गया है। इनके साथ ही मुंगेली जिले के लोरमी नगर पंचायत, रायपुर के अभनपुर नगर पंचायत, बिलासपुर के बोदरी नगर पंचायत, बलौदाबाजार-भाटापारा के सिमगा नगर पंचायत और बलरामपुर-रामानुजगंज के रामानुजगंज को भी नगर पालिका के रूप में उन्नयन किया गया है।


छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपराओं और संस्कृति को प्रदर्शित करने का माध्यम बनेगा राजिम कुंभ कल्प : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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मुख्यमंत्री श्री साय ने राजिम कुंभ कल्प की तैयारियों के सम्बन्ध में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर दिए जरूरी निर्देश

राजिम कुंभ कल्प 2025: अध्यात्म और संस्कृति का भव्य आयोजन

12 से 26 फरवरी तक आयोजित होगा राजिम कुंभ कल्प

रायपुर 03 जनवरी 2025/छत्तीसगढ़ के प्रयाग के रूप में प्रसिद्ध राजिम में 12 फरवरी से 26 फरवरी 2025 तक कुंभ कल्प का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष यह अद्भुत धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन 52 एकड़ के नए प्रस्तावित मेला स्थल में संपन्न होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय महानदी भवन स्थित बैठक कक्ष में आज राजिम कुंभ कल्प के तैयारियों के संबंध में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने शाही स्नान, गंगा आरती, संत समागम समेत कुंभ कल्प के प्रमुख आयोजनों और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प 2025 धर्म, आस्था और संस्कृति का अद्भुत समागम होगा और यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपराओं और संस्कृति को प्रदर्शित करने का भी सुंदर माध्यम है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि श्रद्धालुओं को यहां अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त हो और यह आयोजन हमारी गौरवशाली विरासत को देश-दुनिया तक पहुंचाएं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राजिम कुंभ कल्प के आयोजन में शामिल समस्त विभागों और प्रशासनिक अमले को आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने श्रद्धालुओं के आवागमन की व्यवस्था, सुरक्षा संबंधी उपाय और स्वच्छता के लिए विशेष ध्यान देने को कहा। श्री साय ने कहा कि “हम सबकी जिम्मेदारी है कि इस आयोजन को सफल बनाएं और छत्तीसगढ़ की पहचान के रूप में इसे स्थापित करें। उन्होंने 12 फरवरी को आयोजित माघी पुन्नी स्नान, 21 फरवरी जानकी जयंती के अवसर पर संत समागम और 26 फरवरी को होने वाले शाही स्नान की तैयारी पर विशेष ध्यान देने को कहा।
मुख्यमंत्री श्री साय को अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ने राजिम कुंभ कल्प 2025 के आयोजन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने पीपीटी के माध्यम से आयोजन स्थल में विभिन्न गतिविधियों के लिए निर्धारित स्थानों के बारे में बताया। कुंभ कल्प में नागरिक सुविधाओं, साधु संतों के आवागमन, शाही स्नान और गंगा आरती को लेकर विभाग के तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर राजिम कुंभ कल्प का शुभारंभ होगा और 26 फरवरी महाशिवरात्रि को इसका समापन होगा। राजिम कुंभ कल्प पैरी, महानदी और सोंढूर नदी के संगम पर आयोजित होगा। श्रद्धालु इन पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे।
राजिम कुंभ कल्प के संपूर्ण आयोजन के लिए पर्यटन विभाग को नोडल बनाया गया है। 15 दिनों तक चलने वाले इस कुंभ कल्प में पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी साधु संतों का विराट समागम होगा। माघी पुन्नी स्नान, शाही स्नान, जानकी जयंती के अवसर पर संत समागम विशेष रूप से आयोजित होगा। प्रतिदिन सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन, मेला, मड़ई, मीना बाजार और विभागीय प्रदर्शनी भी कुंभ कल्प का विशेष आकर्षण के रूप में शामिल हैं।
बैठक में विधायक श्री रोहित साहू, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, सचिव धर्मस्व श्री अन्बलगन पी., संचालक संस्कृति श्री विवेक आचार्य, आईजी रायपुर श्री अमरेश मिश्रा, कलेक्टर गरियाबंद श्री दीपक अग्रवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।


क्या आप जानते हैं? इंस्टाग्राम पर Reels बनाकर जीत सकते हैं  पुरस्कार!… जानिए कैसे बनाएं Reels और कब तक भेजें!

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अभिषेक सोनी बलरामपुर: सड़क सुरक्षा माह 2025 (01 जनवरी से 31 जनवरी 2025) के दौरान बलरामपुर पुलिस ने एक विशेष प्रतियोगिता की शुरुआत की है। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत आम नागरिकों को सड़क सुरक्षा जागरूकता के तहत जागरूक करने के लिए ‘Reels बनाओ, इनाम पाओ’ का आयोजन किया गया है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले लोग हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, शराब पीकर वाहन न चलाने, दुपहिया वाहन पर तीन सवारी न करने, मालवाहन पर सवारी न ढोने और तेज रफ्तार से वाहन न चलाने जैसे यातायात सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों पर Reels बना सकते हैं।

प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार, Reels का समय 10 सेकंड से लेकर 60 सेकंड तक होना चाहिए। प्रतिभागी अपनी बनाई गई Reels को बलरामपुर पुलिस के इंस्टाग्राम अकाउंट पर टैग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तिथि 25 जनवरी 2025 तक है। इस प्रतियोगिता के तहत 3 श्रेष्ठ Reels बनाने वाले प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार के साथ प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके अलावा, इन विजेताओं के Reels को तातापानी महोत्सव और राज्य स्तर पर आयोजित मेला/प्रदर्शनी में भी प्रदर्शित किया जाएगा।

प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बलरामपुर पुलिस के इंस्टाग्राम अकाउंट का लिंक नीचे दिया गया है: 

https://www.instagram.com/balrampur.police?igsh=MXFnZHJidHNqc2RlZA==

सभी नागरिकों से अपील की जाती है कि वे इस पहल में भाग लेकर सड़क सुरक्षा को बढ़ावा दें और समाज में सुरक्षा जागरूकता फैलाने में सहयोग करें।


पारंपरिक खेती छोड़ परिमल ने शुरू की गेंदे के फूलों की खेती, बंपर उत्पादन से दुगुनी हुई कमाई,सफल बागवानी करने उद्यानिकी विभाग से मिली मदद

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अंबिकापुर।अम्बिकापुर के चठिरमा निवासी परिमल व्यापारी गेंदे के फूलों की खेती कर रहे हैं। पारंपरिक खेती की तुलना में बागवानी या फूलों की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। उन्नत किसान के रूप में परिमल का जीवन इन फूलों की ही तरह महकने लगा है। परिमल बताते हैं कि वो तीन वर्षों से गेंदे की खेती कर रहें हैं। शुरुआती दो वर्ष में जानकारी के अभाव में उनकी आमदनी कम होती थी, तब उन्होंने उद्यानिकी विभाग से सम्पर्क किया। विभाग के द्वारा उन्हें वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत 1280 पौधे  एवं 6400 रुपए की अनुदान सहायता राशि प्राप्त हुई। इसके बाद विभाग की मदद एवं सलाह से उत्पादन में वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि उन्हें ड्रिप पद्धति से खेती की जानकारी दी गई, समय-समय पर दवा के छिड़काव सहित अन्य उपायों के बारे में भी बताया गया।

बंपर उत्पादन से हुई दुगुनी कमाई

परिमल बताते हैं कि गेंदे की खेती से महज तीन माह में ही  आमदनी मिलनी शुरू हो जाती है। वे एक वर्ष में 2 सीजन में खेती करते हैं, उन्होंने अपने 0.400 एकड़ रकबे में  गेंदा लगाया है। पहले प्रति सीजन मात्र 15 से 20 हजार तक होने वाली कमाई अब विभागीय सहायता के कारण 45 से 50 हजार तक हो जा रही है। तीज-त्यौहारों के समय तो मांग बढ़ने से आमदनी और बढ़ जाती है।

लागत में कमी के साथ पानी की भी होती है बचत

इससे पहले वे पारम्परिक खेती करते थे, जिसमें लागत अधिक था। वहीं पानी की खपत भी अधिक थी, बेमौसम बारिश एवं अन्य आपदाओं के कारण नुकसान का डर बना रहता था। फूलों की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देती है। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर हम उद्यानिकी विभाग से भी सम्पर्क कर लेते हैं।


जमीन दिलाने के नाम पर 25 लाख की ठगी और जबरन दुष्कर्म, आरोपी अमित सोनी गिरफ्तार

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अंबिकापुर। सरगुजा पुलिस ने दुष्कर्म और ठगी के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी अमित सोनी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने एक महिला को जमीन दिलाने के नाम पर न केवल शारीरिक शोषण किया, बल्कि उससे करीब 25 लाख रुपये की ठगी भी की। 

जानकारी के अनुसार 19 सितंबर 2024 को पीड़िता ने थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला ने बताया कि उसकी मुलाकात खैरबार रोड, घुटरापारा निवासी अमित सोनी से हुई थी, जो उसे जमीन दिलाने के नाम पर घुमाता था। बाद में अमित ने महिला को रूम में ले जाकर जबरन दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। इसके बाद आरोपी ने महिला को झांसा देते हुए उसे थाने जाने से रोका और उसे पत्नी बनाने की बात कहकर शोषण करता रहा। 

आरोपी ने महिला से न केवल शारीरिक संबंध बनाए, बल्कि उसे आर्थिक रूप से भी धोखा दिया। उसने महिला की स्वामित्व वाली जमीन को बेचकर पैसा खुद रखा, साथ ही महिला के परिवार से लोन कराकर रकम भी अपने पास रख ली। कुल मिलाकर आरोपी ने महिला से 25 लाख रुपये की ठगी की।  पुलिस ने प्राथमिकी के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की और मुखबीर की सूचना पर उसे बिलासपुर में पकड़ा। आरोपी ने पूछताछ के दौरान अपने अपराध को स्वीकार किया और महिला के नाम पर एक स्कूटी भी बरामद कराई।  पुलिस ने आरोपी अमित सोनी (32 वर्ष) के खिलाफ दुष्कर्म, ठगी, धमकी और अन्य धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया। 


राज्यपाल श्री डेका को मुख्यमंत्री श्री साय ने दी नए वर्ष की शुभकामनाएं

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रायपुर, 02 जनवरी 2025/राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भेंट कर नववर्ष की शुभकामनाएं दी और राज्य हित से जुड़े विषयों पर चर्चा की। श्री डेका ने भी उन्हें नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्यपाल को जशपुर जिले के स्थानीय उत्पाद भेंट किए। ‌ राज्यपाल श्री डेका और मुख्यमंत्री श्री साय ने एक दूसरे को राजकीय गमछा पहनाकर स्वागत किया । इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह भी उपस्थित थे।


50 बरस में बिजली के खम्बे पहुंची और 77 बरस में पहुंची कोरिया के सुदूर गांवों में बिजली की रोशनी

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कोरिया 31 दिसंबर 2024/ छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के सुदूर गांवों में बिजली पहुंचने की यह कहानी केवल तकनीकी विकास की नहीं है, बल्कि धैर्य, संघर्ष और आशा की जीत का प्रतीक है। यह एक ऐसा अवसर है जो इन गांवों के लोगों की जिंदगी में एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया है।

अंधकार से उजाले तक का सफर
1947 में देश को आजादी मिलने के बाद विकास की गंगा देश के हर कोने में बहने लगी। लेकिन कोरिया जिले के तर्रा, बसेर और मेन्द्रा जैसे गांवों को इस गंगा का इंतजार करते-करते 77 वर्ष लग गए। 1997-98 में जब इन गांवों में बिजली के खंभे लगाए गए, तब ग्रामीणों ने सोचा कि अब उनका जीवन भी रोशन होगा। लेकिन वर्षों तक तारों में करंट नहीं दौड़ा। इस दौरान गांव के लोग सौर ऊर्जा या फिर मिट्टी के तेल के दीयों के सहारे जिंदगी गुजारते रहे।

मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना: एक नई शुरुआत
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के तहत इन गांवों को रोशन करने का बीड़ा उठाया। ग्राम तर्रा में 55 लाख रुपए की लागत से 12 किमी 11 केवी और 9 किमी एलटी लाइन बिछाई गई। 3 ट्रांसफार्मर लगाए गए और 88 घरों को बिजली कनेक्शन मिला। ग्राम बसेर में 1.08 करोड़ रुपए की लागत से 8 किमी 11 केवी और 6 किमी एलटी लाइन का विस्तार हुआ। 7 ट्रांसफार्मर लगाए गए और 230 घरों में बिजली पहुंची। ग्राम मेन्द्रा में 54 लाख रुपए की लागत से 9 किमी 11 केवी और 6 किमी एलटी लाइन बिछाई गई। 2 ट्रांसफार्मर लगाए गए और 64 घरों में बिजली की सप्लाई शुरू हुई।

ग्रामीणों के लिए बदलाव की नई किरण
गांवों में बिजली पहुंचने के बाद न केवल रातें रोशन हुईं, बल्कि जीवन की दिशा भी बदली। ग्राम बसेर की छात्रा सुखमतिया ने कहा, “अब मैं देर रात तक पढ़ाई कर सकती हूं। बिजली ने मेरी पढ़ाई को आसान बना दिया है।” सुखमतिया की मां शांति बाई ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “गर्मी में अब पंखा खरीदेंगे। जीवन पहले से आसान और आरामदायक हो जाएगा।” बिजली से गांवों में छोटे व्यवसाय शुरू करने की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। बिजली आने से घरों में रोशनी ही नहीं, रोजगार और आय के साधन भी आएंगे।

अब अगला लक्ष्य 4जी टॉवर
जिले के कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने बताया, “सही योजनाओं के कारण ही इन गांवों में बिजली पहुंच पाई है।” उन्होंने कहा कि, “हमने मार्गों का गहन सर्वेक्षण कराया, सड़कें बनाई गईं और वन विभाग से मदद मांगकर बिजली के खंभे लगाए गए और गांवों में बिजली पहुंचाई गई। शुरुआत में चीजें कठिन थीं क्योंकि यह घने जंगल और सुदूर क्षेत्र था।” एप्रोच रोड भी नहीं था, लेकिन लोगों की इच्छाशक्ति और समाज के विभिन्न तबकों के सहयोग की वजह से सम्भव हुआ है। श्रीमती त्रिपाठी ने कहा कि अगला लक्ष्य उन्हें 4जी बीएसएनएल मोबाइल नेटवर्क दिलाना है।” उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के तहत इन गांवों को रोशन करने का काम अपने हाथ में लिया है। कलेक्टर ने कहा जिन गांवों, पारा-मोहल्ले में बिजली नहीं पहुंची है, वहां भी शीघ्र पहुंचाने कार्य चल रही है। निश्चित ही इन ग्रामीणों के घरों में बिजली कनेक्शन होने से अंधेरे से मुक्ति मिली है।

संघर्ष और आशा की कहानी
ग्राम पंचायत बसेर के सरपंच नाहर सिंह ने बताया कि 1997-98 में जब खंभे लगाए गए थे, तब ग्रामीणों ने कई सपने देखे थे। लेकिन बिजली न होने के कारण उन सपनों पर अंधकार छा गया। हालांकि इन गांवों में सोलर पैनल के माध्यम से बिजली पहुंचने से कुछ हद तक राहत मिली थी। सरपंच ने बताया कि लगातार प्रशासन से मांग और प्रयास के बाद आखिरकार 2024 में इन गांवों में बिजली पहुंची। बिजली का गांवों में पहुंचना केवल रोशनी का आगमन नहीं है, बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक उन्नति के नए द्वार खोलने का संकेत है। आजादी के 77 वर्षों बाद बिजली का पहुंचना विकास की एक नई लहर है। यह गांवों के लिए एक नई शुरुआत है, जो उनकी जिंदगी में उजाले के साथ-साथ नई संभावनाओं को भी लेकर आई है।