Home Blog Page 194

सुखमय जीवन के कामना के साथ शिक्षक को दिया गया विदाई

0

सूरजपुर/01 जनवरी 2025/ शासकीय कन्या माध्यमिक शाला रामानुजनगर के शिक्षक श्री श्यामलाल ठाकुर को सेवानिवृति तिथि पर प्राथमिक, माध्यमिक एवं कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला के शिक्षकों ने संयुक्त रूप से समारोह आयोजित कर भावभीनी विदाई दिया। शिक्षक श्री ठाकुर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि 02 फरवरी 1983 से सहायक शिक्षक के पद पर सेवा प्रारंभ कर आज 42 वर्ष 10 माह 27 दिन शिक्षकीय कार्य करते हुए आप लोगो के मध्य पद से निवृत हो रहा हूं। इस लंबे सेवा काल में मुझे छात्रों, पालकों, ग्रामीणों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भरपूर स्नेह और सहयोग मिला। पूरे सेवाकाल में मै विद्यार्थी ही बना रहा। सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री मनोज कुमार साहू ने श्री ठाकुर सर को रिटायरमेंट पर उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हुए उनके साथ बिताए गए पलों को याद किया, उन्होंने  कहा कि श्री ठाकुर सर अपने जीवन काल में कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक रहे। जब मैं इसी संकुल का संकुल समन्वयक था तभी से ही श्री ठाकुर सर का छात्रों एवं नवाचारी शिक्षा के प्रति लगाव का अनुभव मैने किया है, छात्र ही इनकी संपत्ति रहे। बीपीओ साक्षर भारत श्री रविंद्रनाथ तिवारी ने श्री ठाकुर को शुभकामना देते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों का स्मरण करते हुए सराहना किया। व्याख्याता श्री हरेकृष्ण उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि 43 साल निर्विवाद और गरिमा के साथ सेवा पूर्ण करना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है जो कम लोगों को ही  नसीब होता है। इस अवसर पर ग्राम पंचायत रामानुजनगर की  सरपंच श्रीमती सुशीला सिंह एवं संकुल प्राचार्य श्री कामता प्रसाद प्रजापति ने  श्री ठाकुर सर से आग्रह किया कि जब भी उन्हें समय मिले हमारे  ग्राम पंचायत के स्कूल और संकुल में आए तथा शिक्षकों एवं छात्रों का मार्गदर्शन प्रदान करें। कार्यक्रम उपरांत छात्रों ने खीर, पुड़ी, सेवई, पापड़ सलाद के साथ न्योता भोजन का आनंद लिया। इस अवसर पर शिक्षकों में श्रीमती रेनू साहू, श्रीमती प्रिया पांडे, नरेंद्र पटेल, गुड्डी राही, निशा चौबे, प्रधान पाठक राम सिंह, मंसूर अहमद, ममता पटेल, आनंद साहू, कृष्णचंद्र दुबे समेत कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय  के सभी व्याख्याता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रधान पाठक सुल्तान खान एवं आभार प्रदर्शन  संकुल समन्वयक जयप्रकाश बरेठा ने किया।


ग्रामीण जनों की समस्याओं को सुनने सांसद श्री चिंतामणि महाराज पहुंचे ओड़गी के लुल्ह ग्राम

0

सूरजपुर 01 जनवरी 2024/ जिले के ओड़गी विकासखंड अंतर्गत घने जंगलों के बीच बसे ग्राम लुल्ह पहुंच सांसद श्री चिंतामणि महराज ने ग्रामीणों की समस्या सुनी। ग्रामीणजनों की समस्याओं के निदान हेेतु श्री चिंतामणि महराज 31 दिसंबर की रात्रि को ही बिहारपुर लुल्ह बैजनपाट पहुंच गये थे। जहां उन्होंने रात्रि विश्राम कर 01 जनवरी को क्षेत्रवासियों की समस्याओं को एक एक कर गंभीरतापूर्वक सुना और उपस्थित अधिकारियों को समस्या के निदान के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। ग्राम पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा सुआ नृत्य कर उनका स्वागत किया गया। श्री महाराज ने भी ग्रामीणों संग मिलकर करमा नृत्य किया। अपने लुल्ह ग्राम प्रवास के दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं से रूबरू हुए  एवं उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

बीते मंगलवार को सांसद श्री चिंतामणि महाराज लुल्ह ग्राम पहुंच कर छिंद से बने झोपडी में रात गुजारी। इस दौरान उन्होंने  ग्रामीणों के साथ ही उनके पारंपरिक जलपान थूरू कंदा, महुआ लाटा व देशी रोटी ग्रहण किया। अपने प्रवास में सांसद श्री चिंतामणि महराज ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के शिकायतों को सुना। लोगों द्वारा ग्राम में फर्जी पट्टा बनवाने को लेकर शिकायत की गई। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत कि दुरी 30 किलोमीटर होने के कारण उन्हें कई गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है। उन्हंे राशन के लिए भी यहां के लोगों को लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है। उन्होंने सांसद महराज से लुल्ह में ही राशन दिलाने कि मांग की है जिसपर उन्होंने  इन समस्या के समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया।

ग्रामीणों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए एवं जाति, फौती, नामांतरण, आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड की सुविधा के लिए सांसद श्री महाराज ने जनपद सीईओ व तहसीलदार को कैंप लगाकर ग्राम ख़ोहिर, लुल्ह, भूण्डा, बैजनपाट के ग्रामीणों का समस्या का समाधान करने के लिए निर्देशित किया। इसके अलावा अपने प्रवास के दौरान सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने उपस्थित ग्रामीणों को ठंड से बचने के लिए कंबल वितरण भी किया। इस दौरान सत्यनारायण सिंह राजेश्वर तिवारी प्रकाश दुबे अमन सिंह शत्रुघ्न तिवारी रामपाल जायसवाल शिवा प्रसाद अवध पाठक आनंद पाठक सिंह रामेश्वर वैश्य जग प्रसाद सिंह कालीचरण काशी नित पाठक प्रेमपाल विश्वकर्मा बैकुंठ जायसवाल रामनरेश साहू शाहिद काफी संख्या में ग्रामीण जन व अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।


प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में आवेदक स्वयं कर सकेंगे जानकारी संशोधन

0

सूरजपुर/01 जनवरी 2025/  प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एम.एस.एम.ई. मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसमें 18 प्रकार के परंपरागत व्यवसाय/ट्रेड हेतु ऑनलाइन आवेदन सी.एस.सी. सेंटर के माध्यम से किया जाता रहा है। उक्त योजना के अंतर्गत आवेदकों द्वारा पीएमव्ही पोर्टल में एप्लिकेंट लॉगिन कर अपने आवेदन अद्यतन स्थिति व निजी जानकारी जैसे नाम, पता, बैंक आई.एफ.एस.सी. कोड में परिवर्तन करने की सुविधा है। यदि कोई आवेदक अपने आवेदन में किसी प्रकार का संशोधन करना चाहता है तो वे उक्त पोर्टल पर लॉगिन कर आवश्यकता अनुसार संशोधन कर सकते हैं।


राजस्व विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए कराया जा रहा है रकबा समर्पणबसदेई धान उपार्जन केंद्र का कलेक्टर ने किया निरीक्षण

0

सूरजपुर 01 जनवरी 2025/ तीन अलग अलग मामलों में जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए 1173 बोरी धान  जब्त किया गया है। प्रतापपुर क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रतापपुर के नेतृत्व में नायब तहसीलदार मुकेश दास, नायब तहसीलदार संजय शर्मा व खाद्य निरीक्षक शशी जायसवाल, रेवटी चौकी स्टाफ के संयुक्त टीम द्वारा अवैध परिवहन के दौरान श्याम ट्रेडस द्वारा योद्धा पिकअप से 100 बोरी (अनुमानित वजन 40 क्विंटल) अवैध धान का परिवहन करते हुए शांतिनगर प्रतापपुर में बोरी धान जब्ती की कार्यवाही  करते हुए प्रतापपुर थाना में धान एवं पिकअप सुपुर्द किया गया है। इसके अलावा एक अन्य कार्यवाही में ग्राम चाचीडाड में श्याम गुप्ता के गोदाम से एवं गोदाम के सामने खड़ी ट्रक में  700 बोरी धान लगभग 280 क्विंटल जब्त किया गया। जिसे थाना रेवटी के सुपुर्द में दिया गया।

इसके अलावा संयुक्त टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए ग्राम रेवटी में अनुपम पटेल के यहाँ पुराना धान 373 बोरी, लगभग 149 क्विंटल जब्त की गई एवं गोदाम सील करने की कार्यवाही की गई। इस कार्यवाही में राजस्व खाद्य एवं पुलिस की टीम सक्रिय रही।

इसके अलावा संयुक्त टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए ग्राम रेवटी में अनुपम पटेल के यहाँ पुराना धान 373 बोरी, लगभग 149 क्विंटल जब्त की गई एवं गोदाम सील करने की कार्यवाही की गई। इस कार्यवाही में राजस्व खाद्य एवं पुलिस की टीम सक्रिय रही।

इसके अलावा धान के मामलों में निरंतर किसानों से रकबा समर्पण का कार्य भी कराया आज रहा है। राजस्व टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए किस्मत पति चंद्र देव बिहार पुर का 61 क्विंटल धान, जगदीश पिता सूरजभान नवाटोला का 159.6 क्विंटल धान रकबा समर्पण कराया गया। गौरतलब है कि जिले में अब तक 40717 किसानों से 2186227.0क्विंटल धान की खरीदी की गई है। जिसमें 803927.0क्विंटल का उठाव किया जा चुका है। जिले में अबतक 10448 किसानों ने 631हेक्टेयर रकबा समर्पण कराया गया है।

इसके साथ ही कलेक्टर श्री एस जयवर्धन द्वारा जिले के धान  उपार्जन   केन्द्रों का निरीक्षण किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत उन्होंने आज बसदेई धान उपार्जन केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लिया एवं धान खरीदी व उठाव हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।


हायर सेकेण्डरी स्कूल जयनगर में बच्चों को बाल अधिकार कानूनों की दी जा रही है जानकारी

0

सूरजपुर/01 जनवरी 2025/  कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री रमेश साहू के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण इकाई विभिन्न हायर सेकेण्डरी एवं हाई स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। स्कूलों के खुलने के साथ ही स्कूलों में बच्चों को उनके अधिकारों, बच्चों से संबंधित कानूनों एवं उनके सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी जा रही है। विकासखण्ड सूरजपुर हायर सेकेण्डरी स्कूल जयनगर में जागरूकता कार्यक्रम किया गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बच्चों को बाल विवाह अब केवल कुरीति ही नहीं बल्कि अपराध है। बाल विवाह करने में एक लाख जुर्माना एवं दो साल के सजा का प्रावधान है। उन्होने बताया कि बाल विवाह बालिका का विकास रुक जाता साथ ही उनके शिक्षा में अवरोध आ जाता है। कम उम्र में बालिका अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर पाती है। इसलिए इस क्षेत्र को बाल विवाह मुक्त कराना है। इस अभियान के लिए सभी बच्चों एवं शिक्षकों, सरपंच, सचिवों एवं अन्य विभाग के सभी को सक्रिय होने की आवश्यकता है।

   सभी बच्चों यौन अपराध से बचने की उपायों की भी जानकारी दी गई। साथ ही पॉक्सो एक्ट के संबंध में सभी को जागरूक किया, सभी बच्चों को गुड टच एवं बेड टच की जानकारी दी। सभी बच्चों को चुटपी तोड़ने हेतु जागरूकता किया गया। यौन शोषण से बचने के लिए नो-नो टेल एफ आई आर जैसे सुक के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त सूरजपुर बनाने में सहयोग का आह्वान किया बच्चों से भिक्षा वृत्ति कराना एक जघन्य अपराध है बच्चों को भिक्षावृत्ति करते देखने पर इसकी सूचना 1098 पर देने का आह्वान  किया गया।

    बच्चों को नशे से बचाने ले लिए किशोर न्याय अधिनियम में प्रावधान दिए गये है। इसमें बच्चों को नशे में संलिप्त करने के लिए बंद प्रावधान दिये गये है। बच्चा नशे से दुर रहेगा तो आने वाला भविष्य की ठीक होगा और यदि अभी बच्चा नशे में संलिप्त हो जाता है तो हमारा भविष्य भी खराब होने वाला है। इसलिए हमे अपने क्षेत्र के बच्चों को नशे से दूर रखना है और बच्चे अपने अभिभावकों को भी नशे से दूर रहने का आग्रह करें।

     अवैध दत्तक ग्रहण के संबंध में भी जानकारी दी गई बताया गया कि बच्चे को गोद लेने और देने की प्रक्रिया किशोर न्याय अधिनियम में दिया गया है। इसके अतिरिक्त किसी प्रकार से भी गोद लेना और गोद देना दोनो अपराध है। जिसमें दोनों को दो वर्ष का सजा एवं एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है।

कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल, प्रभारी प्रचार्य श्रीमती कृष्णा नायक, संचालक लीना खाख, श्रीमती आराधना कुशवाहा, श्रीमती नीलम मिंज, श्रीमती सुनीता सिंह, श्रीमती अंजू निगम, श्रीमती शिप्रा यादव, श्रीमती ज्योति शर्मा, श्रीमती तरन्नुम परवीन, श्रीमती पद्मश्री  जायसवाल, श्री शिवकुमार साहू, ममता मजूल, श्रीमती सोनम घोष, श्री पवन धीवर उपस्थित थे।


कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन द्वारा किया शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र बसदेई का निरीक्षण

0

सूरजपुर 01 जनवरी 2025/ आज मछली पालन विभाग सूरजपुर अंतर्गत शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र बसदेई का भ्रमण कलेक्टर सूरजपुर श्री एस. जयवर्धन  द्वारा किया गया। इस दौरान प्रक्षेत्र के मत्स्य बीज हैचरी, संवर्धन पोखर, मत्स्य प्रजनक तालाब एवं पानी सप्लाई हेतु गोबरी नदी में बने इंटेकवेल का निरीक्षण करते हुये प्रक्षेत्र में लगे प्लांटेशन का भी अवलोकन कलेक्टर द्वारा किया गया। इस सम्बन्ध में सहायक संचालक मछली पालन द्वारा जानकारी दिया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्पान उत्पादन का लक्ष्य 350 लाख के विपक्ष में 410 लाख एवं स्टैण्डर्ड फाई उत्पादन का लक्ष्य 80 लाख के विपक्ष में 80 लाख उपलब्धि प्राप्त किया गया है।

उन्होंने बताया कि जिले के पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति, मछुआ समूह एवं व्यक्तिगत मछली पालन से जुड़े हुये मत्स्य कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर मत्स्य बीज फिंगरलिंग प्रदाय किया जाता है। इस दौरान कलेक्टर द्वारा प्रक्षेत्र में पानी की उपलब्धता हेतु नदी में बनाये गये स्टापडेम डिसिल्टंग कार्य एवं प्रक्षेत्र पहुंच मार्ग को सुगम बनाने हेतु निर्देशित किया गया। भ्रमण के दौरान मछली पालन विभाग के सहायक संचालक श्री एम.एस. सोनवानी, प्रक्षेत्र प्रभारी श्री सुधाकर बिसेन, श्री मुकेश कुमार राजवाड़े, श्री सतीश तिग्गा एवं अन्य विभागीय स्टाफ भी उपस्थित रहे।


12वीं कक्षा के छात्र ने फांसी लगा कर की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी*

0

*अभिषेक सोनी बलरामपुर* । बलरामपुर जिले के राजपुर स्थित चाँची आई टी आई कॉलेज के छात्रावास में 12वीं के छात्र ने अज्ञात कारणों से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस ने बताया कि ग्राम पिंड्री थाना सारंगढ़ निवासी कृष्णा कुमार महिलाने चांची स्थित आई टी आई कॉलेज में सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ हैं।उनका 17 वर्षीय लड़का पूर्वल महिलाने आई टी आई छात्रावास में रहकर राजपुर स्थित सेंट जेवियर्स स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ाई करता था। 30 दिसंबर की शाम को खाना खाने के बाद सोने गया था। सवेरे काफी देर तक नहीं उठने पर परिजनों ने रोशनदानी से झांक कर देखा कि उसने पंखे से फांसी लगा लिया है और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच पंचनामा पोस्टमार्टम पश्चात शव को परिजनों को सुपुर्द किया।पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है।


ग्रीन जीडीपी के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का मूल्यांकन शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ बना देश का पहला राज्य।

0

रायपुर, 31 दिसम्बर 2024/ वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। इस पहल के द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के व्यापक मूल्य को मापकर छत्तीसगढ़ के सतत विकास में रेखांकित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विज़न और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप विज़न डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है, जिसमें वन विभाग द्वारा संचालित पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन की अवधारणा सम्मिलित की गई है। यह समग्र दृष्टिकोण राज्य में पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित हो सके। वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का मूल्यांकन न केवल बजटीय योजना को अधिक सुव्यवस्थित बनाएगा, बल्कि भविष्य की रणनीतियों को दिशा प्रदान करेगा, धन आवंटन को अधिक प्रभावी बनाएगा और वानिकी विकास के प्रयासों को सशक्त करेगा। यह प्रक्रिया सतत विकास और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य मे संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम ने स्थानीय समुदायों को और अधिक सशक्त बनाया है। गुरु घासीदास, कांगेर घाटी और इंद्रावती जैसे राष्ट्रीय उद्यानों के साथ, छत्तीसगढ़ में प्रकृति आधारित पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं हैं। स्थानीय निवासियों को जंगल सफारी, नेचर ट्रेल्स और इको-कैंपिंग जैसी सुविधाओं के प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है, जिससे न केवल सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी सशक्त किया गया है। छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र से आच्छादित है। यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत आधार हैं और लाखों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये वन विभिन्न प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करते हैं। वनों से प्राप्त होने वाले अन्य महत्वपूर्ण अमूर्त लाभ अक्सर उपेक्षित रहते हैं और उनका उचित मूल्यांकन नहीं हो पाता। इनमें जलवायु संतुलन बनाए रखने के लिए कार्बन अवशोषण, कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण परागण, पोषक तत्वों का चक्रण, मृदा उर्वरता में सुधार और जैव विविधता संरक्षण जैसी सेवाएं शामिल हैं। वनों का बाढ़ और रोग नियंत्रण, जल प्रवाह का प्रबंधन और वेक्टर जनित रोगों के जोखिम को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

इसके अतिरिक्त, वनों से जल पुनर्भरण और शुद्धिकरण होता है, शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान कर वायु गुणवत्ता में सुधार होता है, और सुंदर प्राकृतिक दृश्य तथा जैव विविधता-समृद्ध क्षेत्रों के माध्यम से मनोरंजन के साथ-साथ भावनात्मक संतुष्टि भी प्रदान होती है। इन वनों का गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व भी है, क्योंकि पवित्र स्थलों और देवगुड़ी जैसे क्षेत्रों के माध्यम से ये आदिवासी विरासत और परंपराओं को संरक्षित रखते हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के वन अनेक नदियों का उद्गम स्थल हैं, जो सतत जल प्रवाह, जलग्रहण क्षेत्र संरक्षण और कृषि तथा आजीविका के लिए आवश्यक जैविक पदार्थ से मृदा को समृद्ध करने में सहायक हैं। इन प्रत्यक्ष लाभों का राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ता है। ये सभी लाभ ग्रामीण उद्योगों और आजीविका को प्रोत्साहित करते हैं और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।


छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार से मिली 250 करोड़ की प्रोत्साहन राशि

0

वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के रिफॉर्म की केंद्र सरकार ने की सराहना

रायपुर 31 दिसम्बर 2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को लागू कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार ने इस डिजिटल सुधार की सराहना करते हुए राज्य को 250 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के रूप में प्रदान की है।

छत्तीसगढ़ राज्य ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के वित्तीय प्रबंधन के लिए “जस्ट इन टाइम” (जेआईटी) मॉडल और एसएनए स्पर्श प्रणाली को अपनाया है। यह प्रणाली वित्तीय प्रवाह को कुशल बनाते हुए निधियों के वितरण, ट्रैकिंग और भुगतान को आसान बनाती है। इसके तहत राज्य सरकार ने केंद्र की निधि को आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क और राज्य की निधि को वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) के माध्यम से समेकित किया है। इस पहल से निधि के सही समय पर उपयोग और वास्तविक समय में व्यय की रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित हुई है।

इस सुधार के तहत स्मार्ट भुगतान एल्गोरिथम का उपयोग किया गया है, जिससे भुगतान ट्रिगर नियमों के आधार पर वास्तविक समय में किया जाता है। इससे सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के परिणाम बेहतर हुए हैं। साथ ही, राज्य में डिजिटल प्लेटफॉर्म और पोर्टल्स का निर्माण कर आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से और पारदर्शी तरीके से पहुंचाया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने डिजिटल इंडिया और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को बढ़ावा देने के लिए अपने तकनीक आधारित सुधारों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक बनाया है। राज्य की अधोसंरचना परियोजनाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को इस प्रोत्साहन राशि से और अधिक मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि तकनीक आधारित सुधार और सुशासन ही छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास का मूलमंत्र है। यह उपलब्धि न केवल प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है, बल्कि जनता के प्रति हमारी सरकार के सुशासन के संकल्प का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने आईटी के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है, इसी के तहत् केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए राशि जारी करने, वितरित करने एवं निधियों की ट्रैकिंग करने तथा बेहतर नकद प्रबंधन के लिए राज्य शासन द्वारा एसएनए स्पर्श के अंतर्गत जेआईटी (जस्ट इन टाईम) मॉडल को अपनाया गया है। इसके माध्यम से केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए नवीन सिस्टम के माध्यम से कार्य किया जा रहा है जिसका उद्देश्य केन्द्र और राज्य की समेकित निधि से राशि को उचित समय पर प्राप्त कर कुशल भुगतान प्रसंस्करण पर ध्यान केन्द्रित करते हुए निधि के उपयोग को अनुकूलित करना एवं व्यय की वास्तविक समय रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करना है। इसमें केन्द्र प्रवर्तित योजना के राज्य की हिस्से की राशि एफएमआईएस (वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली) तथा केन्द्र के हिस्से की राशि आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क के माध्यम से जारी की जाती है, जिससे रियल टाईम फण्ड यूटिलाईजेशन किया जा रहा है।

केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए कुशल निधि प्रवाह प्रणाली के साथ भुगतान सह लेखा नेटवर्क की स्थापना कर सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली की सुविधा प्रदान करने के लिए जस्ट इन टाईम के माध्यम से “सही समय पर” राशि हस्तांतरण की प्रक्रिया अपनायी गई है। इसमें स्मार्ट भुगतान के तहत एल्गोरिदम के माध्यम से ट्रिगर नियमों पर आधारित वास्तविक समय में कुशल भुगतान किया जा रहा है जिससे सार्वजनिक क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन परिणामों को बेहतर बनाने में मदद मिली है।

छत्तीसगढ़ शासन केन्द्र सरकार के डिजिटल इण्डिया पहल को मजबूत करने हेतु प्रतिबद्ध है। बेहतर नकद प्रबंधन एवं सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के लिए जस्ट इन टाईम मॉडल डिजिटल इण्डिया एवं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को सहयोग प्रदान करता है। “तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन तीव्र आर्थिक विकास” वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट वक्तव्य में शामिल स्ट्रैटेजिक स्तंभों में से एक है। केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन प्रणाली अपनाने हेतु किये गये इस रिफॉर्म के लिए भारत सरकार द्वारा भी पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। इस रिफॉर्म के लिए राज्य को भारत सरकार से 250 करोड़ प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लिए प्रदान की है। इसके अतिरिक्त 250 करोड़ प्रोत्साहन राशि प्राप्त होना संभावित है। इस राशि का उपयोग राज्य के अधोसंरचना निर्माण परियोजनाओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने हेतु किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को नववर्ष 2025 की दी बधाई और शुभकामनाएं

0

नव वर्ष सभी लोगों के जीवन में सुख,समृद्धि और खुशहाली लेकर आए: श्री विष्णु देव साय

रायपुर 31 दिसंबर 2024/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को नववर्ष 2025 की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।उन्होंने शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि नव वर्ष 2025 हम सभी के जीवन में तरक्की के नये अवसर लेकर लाये और हम सभी के जीवन में भरपूर सुख-समृद्धि का वास हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नव वर्ष हम सभी के लिए शुभ संकल्प लेने का समय है। पिछले साल हमने प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी को पूरा करने का संकल्प लिया था और प्रत्येक वर्ग को लाभ पहुंचाने में हमें सफलता मिली। नए वर्ष में भी हम प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम इस साल हम सभी छत्तीसगढ़ की स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं, साथ ही इस वर्ष को हमने अटल निर्माण वर्ष के रूप में भी मनाने का निर्णय लिया है। आप सभी की भागीदारी से हमें छत्तीसगढ़ को एक समृद्ध और विकसित राज्य बनाना है।उन्होंने कहा कि नव वर्ष में हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ महतारी को संवारने के लिए और अधिक संकल्पित होकर कार्य करेंगे। उन्होंने हम सभी के शुभसंकल्प और मनोरथ नव वर्ष में पूरे हों, यह आशा व्यक्त करते हुए सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।