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मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री बृजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव को दी श्रद्धांजलि

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रायपुर 29 दिसंबर 2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के व्हीआईपी रोड स्थित रामस्वरूप निरंजन धर्मशाला में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्वर्गीय श्री बृजेंद्र श्रीवास्तव जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय श्री बृजेंद्र श्रीवास्तव जी ने जो कार्य किये वे चिरस्थाई रहेंगे। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

इस अवसर पर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री सुनील सोनी, विधायक श्री धरमलाल कौशिक,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, स्वर्गीय श्री बृजेंद्र श्रीवास्तव के परिवारजन उपस्थित थे।


उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने सड़क एवं सेतु कार्य की नवीन दर अनुसूची का किया विमोचन।

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लोक निर्माण विभाग ने 2015 से प्रचलित पुराने एसओआर को किया अद्यतन, ठेकेदारों का वित्तीय जोखिम होगा कम

1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा नया एसओआर

सड़कों के संधारण के लिए राज्य में पी.बी.एम.सी./ओ.पी.आर.एम.सी. होगा लागू, विभाग जल्द शुरू करेगा पायलेट प्रोजेक्ट

रायपुर. 29 दिसम्बर 2024. उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने आज सड़क एवं सेतु कार्य की नवीन दर अनुसूची (SOR) का विमोचन किया। राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा 2015 से प्रचलित पुराने एसओआर को अद्यतन किया गया है। नए एसओआर में नई मशीनरी और निर्माण की नई तकनीकों को भी शामिल किया गया है। इनसे गुणवत्तापूर्ण कार्यों के साथ ही ठेकेदारों का वित्तीय जोखिम कम होगा। राज्य में 1 जनवरी 2025 से नया एसओआर लागू होगा। सड़कों के प्रभावी संधारण के लिए छत्तीसगढ़ में भी पी.बी.एम.सी./ओ.पी.आर.एम.सी. (Peformance Based Maintenance Contract/Output and Performance Based Maintenance Contract) लागू किया जाएगा। इसके लिए विभाग द्वारा जल्दी ही पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने नए एसओआर के विमोचन के मौके पर आयोजित प्रेस-कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और उन्हें समय-सीमा में पूर्ण करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। नए एसओआर के लागू होने के बाद इनमें और आसानी होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रचलित एसओआर 1 जनवरी 2015 से लागू है। उस समय इसमें 2014 में प्रचलित श्रमिकों की दर, सामग्री की दर एवं मशीनरी की दर शामिल की गई थी, जिनमें अब दस वर्षों के बाद बहुत अधिक परिवर्तन आ चुका है। नवीन दर अनुसूची वर्तमान में प्रचलित श्रमिकों की दर, सामग्रियों की दर एवं मशीनरी की दर के आधार पर तैयार किया गया है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि वर्ष-2015 में जारी की गई दर अनुसूची उस समय प्रचलित सभी टैक्सेस (Taxes) को समावेशित करते हुये तैयार की गई थी। नए एसओआर में देश में 1 जुलाई 2017 से लागू जी.एस.टी. को समाहित किया गया है। ठेकेदार अपनी निविदा दर जी.एस.टी. सहित देंगे जिससे ठेकेदार को पृथक से जी.एस.टी. का भुगतान नहीं करना होगा, परन्तु कार्य की लागत में जी.एस. टी. का प्रभाव सम्मिलित रहेगा। दरों को जी.एस.टी. के प्रभाव के बिना रखे जाने से समय-समय पर जी.एस.टी. की दरों में होने वाले परिवर्तन के कारण ठेकेदार को कार्य करने में जोखिम नहीं रहता है। जी.एस.टी. का प्रभाव सम्मिलित प्रचलित जी.एस.टी. की दरों को प्राक्कलन में जोड़ा जाएगा। ऐसा करने से ठेकेदारों पर वित्तीय जोखिम नहीं आएगा।

श्री साव ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस में बताया कि विगत 10 वर्षों में कई नवीन तकनीक (New technology), नए मटेरियल एवं आई.आर.सी. द्वारा विभिन्न कार्यों की कार्यविधि में परिवर्तन किया गया है। इन नवीन तकनीकों और मटेरियल्स के उपयोग का प्रावधान भी नवीन एस.ओ.आर. में किया गया है। इनमें सीमेंट एवं केमिकल से स्वाइल स्टेबलाईजेशन, पेव्हमेंट व्हाइट टॉपिंग, रोड साइनेज में एल्युमिनियम कम्पोजिट मटेरियल शीटिंग का उपयोग, प्रीकास्ट आर.सी.सी. ड्रेन, प्रीकास्ट बाक्स कल्वर्ट, फाउंडेशन कार्य में आर.सी.सी. के उच्च ग्रेड एम-40, एम-45, एम-50 का उपयोग, सब-स्ट्रक्चर कार्य में प्री-स्ट्रेसिंग, बम्बू क्रैश बैरियर और नॉइज बैरियर जैसी नई चीजें शामिल हैं।

श्री साव ने बताया कि नवीन दर अनुसूची लागू होने से निर्माण कार्यों के डी.पी.आर./ प्राक्कलन में कार्य लागत का आंकलन वास्तविक होगा एवं कार्यों हेतु प्रशासकीय स्वीकृति की जाने वाली राशि कार्य करते समय पुनरीक्षित स्वीकृति की आवश्यकता कम होगी। कार्यों की गुणवत्ता एवं समय-सीमा में पूर्ण करने में सार्थक परिणाम मिलेगा।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि सड़कों के संधारण के लिए वर्तमान पद्धति में सड़क के वर्षा ऋतु में क्षतिग्रस्त होने की संभावना के अनुसार पूर्वानुमान लगाकर निविदाएं आमंत्रित कर ठेकेदारों का चयन कर संधारण कार्य किया जाता है। कई बार ऐसी स्थिति होती है कि सड़क खराब रहती है, परन्तु संधारण हेतु एजेंसी उपलब्ध नहीं होने के कारण सड़कों के गड्ढे भरने एवं संधारण में विलम्ब होता है। कई बार एजेंसी निर्धारित होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा संधारण कार्य समय पर नहीं करने के कारण भी सड़कें गड्ढायुक्त एवं क्षतिग्रस्त रहती हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा कई राज्यों के लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के संधारण हेतु पी.बी.एम.सी. (Peformance Based Maintenance Contract)/ओ.पी.आर.एम.सी. (Output and Performance Based Maintenance Contract) पद्धति से सड़कों का संधारण कार्य किया जा रहा है। इसके संधारण हेतु सड़कों का चयन कर 5 वर्ष से 7 वर्ष तक लगातार संधारण हेतु एक ही एजेंसी निर्धारित की जाती है एवं सड़क खराब होने पर या आकस्मिक किसी तरह का सुधार/अति क्षति होने पर सुधार कार्य हेतु निर्धारित एजेंसी द्वारा अनुबंधित निर्धारित समय-सीमा में सड़क का सुधार कार्य किया जाता है। सड़क का नियमित संधारण भी ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में किया जाता है। यदि ठेकेदार निर्धारित समय-सीमा में सड़क सतह सुधार का कार्य नहीं करते हैं तो प्रत्येक दिन विलम्ब हेतु पेनाल्टी का भी प्रावधान है। इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग ऑनलाइन भी की जाती है, जिससे सड़क कहां-कहां पर अच्छी या खराब स्थिति में है, यह कंट्रोल रूम में बैठकर ही देखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ में भी इस पद्धति से कार्य करने का निर्णय लोक निर्माण विभाग द्वारा लिया गया है। जल्दी ही पायलेट आधार पर कुछ जिले चयनित कर इसे लागू किया जाएगा। पायलेट प्रोजेक्ट्स के सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने पर पूरे राज्य में सड़कों के संधारण के लिए इसे लागू किया जाएगा।


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने की ‘मन की बात’ में बस्तर ओलंपिक आयोजन की प्रशंसा

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बस्तर ओलंपिक एक ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का हो रहा संगम

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों की ओर से जताया आभार

कहा – बस्तर ओलंपिक का आयोजन यह सिद्ध करता है कि शांति, विकास और सामूहिक प्रयासों से प्रत्येक चुनौती का सामना किया जा सकता है

रायपुर 29 दिसंबर 2024/ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात की 117वीं कड़ी में देश को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित बस्तर ओलंपिक-2024 की प्रशंसा की। श्री मोदी ने कहा पहली बार हुए बस्तर ओलंपिक से बस्तर में नई क्रांति जन्म ले रही है। मेरे लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ है। यह ओलंपिक उस क्षेत्र में हो रहा है जो जगह कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है। श्री मोदी ने कहा कि बस्तर ओलंपिक का शुभंकर है वनभैंसा और पहाड़ी मैना – इसमें बस्तर की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखती है। इस बस्तर खेल महाकुंभ का मूलमंत्र है, ‘करसाय ता बस्तर, बरसाय ता बस्तर’ यानी खेलेगा बस्तर, जीतेगा बस्तर।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बस्तर ओलंपिक-2024 की सराहना करते हुए कहा कि पहली ही बार में बस्तर ओलंपिक में बस्तर संभाग के 7 जिलो के एक लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं युवाओं के संकल्प की गौरव गाथा है। एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो और बॉलीवॉल हर खेल में हमारे युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मन की बात में बस्तर ओलंपिक के प्रतिभागियों के उत्साह का भी जिक्र किया। उन्होंने बस्तर की कारी कश्यप का जिक्र करते हुए कहा कि एक छोटे से गांव से आने वाली कारी जी ने तीरंदाजी में रजत पदक जीता है, वे कहती हैं बस्तर ओलंपिक ने हमें खेल का मैदान नहीं जीवन में आगे बढ़ने का अवसर दिया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि सुकमा की पायल कवासी जी की बात भी कम प्रेरणादायक नही है, जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाली पायल जी कहती हैं कि अनुशासन और कड़ी मेहनत से जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बस्तर के दोरनापाल में रहने वाले पुनेम सन्ना की कहानी को नए भारत की प्रेरक कथा बताते हुए कहा कि एक समय नक्सलियों के प्रभाव में आए पुनेम जी आज व्हीलचेयर पर दौड़कर मेडल जीत रहे हैं, उनका साहस और हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है। कोंडागांव के तीरंदाज रंजू सोरी जी को बस्तर यूथ आइकॉन चुना गया है, उनका मानना है बस्तर ओलंपिक दूरदराज के युवाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचने का अवसर दे रहा है। बस्तर ओलंपिक केवल एक खेल आयोजन नहीं यह ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का संगम हो रहा है, जहां हमारे युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बस्तर ओलंपिक के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने आह्वान किया कि ऐसे खेल आयोजन को प्रोत्साहित करें और स्थानीय खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर दें। खेल से न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि यह खेल भावना के विकास के द्वारा समाज को जोड़ने का भी एक सशक्त एवं प्रभावकारी माध्यम है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का प्रदेशवासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार बस्तर में बदलाव और यहां के लोगों के जीवन में खुशहाली लाने दृढ़संकल्पित है। बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख से अधिक लोगों का प्रतिभागी होना ओलंपिक की सफलता को दर्शाता है। बस्तर में अब बंदूक की आवाज नहीं, खेलों का शोर सुनाई देता है, हंसते-खेलते लोगों के चेहरे दिखाई देते हैं। निश्चित ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस प्रोत्साहन और विश्वास से हमारी सरकार को बस्तर की प्रगति के लिए कार्य करने की नई ऊर्जा मिलेगी, साथ ही बस्तरवासियों का मनोबल बढ़ेगा। लोगों के उत्साह ,ऊर्जा और सहभागिता ने इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। यह आयोजन भविष्य में भी खेल और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से क्षेत्र के विकास की संभावनाओं को और मजबूती प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन यह सिद्ध करता है कि शांति, विकास और सामूहिक प्रयासों से प्रत्येक चुनौती का सामना किया जा सकता है।


मंत्रिपरिषद की बैठक 30 दिसम्बर को

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रायपुर 29 दिसंबर 2024/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक 30 दिसम्बर को अपरान्ह 3.30 बजे से मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित होगी।

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने वनांचल में लगाई चौपाल

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ग्रामीणों की समस्याएं सुन मौके पर किया समाधान

दुर्गा मंच और यात्री प्रतीक्षालय की मरम्मत के लिए पांच लाख रुपए देने की घोषणा की

रायपुर. 28 दिसम्बर 2024. उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज लोरमी के वनांचल के गांवों में जन चौपाल लगाकर लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने कई समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया। श्री साव ने अचानकमार में ग्रामीणों की मांग पर दुर्गा मंच और यात्री प्रतीक्षालय की मरम्मत के लिए पांच लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने सर्दी में ठंड से बचाव के लिए ग्रामीणों को शॉल भी वितरित किए।

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव द्वारा अचानकमार के पूर्व माध्यमिक शाला में लगाई गई चौपाल में अचानकमार के साथ ही आश्रित गांवों सारसडोर, दावनखोर और सिवनखार के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। उन्होंने छपरवा और बिंदावल में भी चौपाल लगाकर लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं एवं मांगों की जानकारी ली। श्री साव ने ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान कहा कि मैं आपके परिवार का सदस्य हूं और आपके पास सुख-दुःख बांटने आया हूं। आप लोगों की समस्या मेरी समस्या है, और उन्हें हल करना मेरी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि विगत 25 नवम्बर को जकरबांधा में मैंने अपने हजारों परिवारजनों के बीच अपना जन्मदिन मनाया था। इस दौरान लाभार्थियों को चेक भी वितरित किए थे।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने ग्रामीणों कहा कि विष्णु देव साय सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी की सभी प्रमुख गारंटी पूरी की है। महतारी वंदन योजना के तहत माताओं-बहनों को 10 किस्त में 10 हजार रुपए दे दिए हैं। इस राशि का उपयोग परिवार के कल्याण के लिए करना है। उन्होंने बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए राशि का सदुपयोग करने को कहा, ताकि वे पढ़ लिखकर तरक्की कर सके। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3100 रुपए में खरीद रही है। तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा 5500 रुपए में खरीद रही है। उनके लिए चरण पादुका योजना फिर से शुरू कर रही है।


नवा रायपुर में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला फार्मास्युटिकल पार्क

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एनआरडीए ने दी 142 एकड़ जमीन

रायपुर, 28 दिसंबर 2024/ छत्तीसगढ़ में सेंट्रल इंडिया का नया फार्मास्युटिकल हब बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। फार्मास्युटिकल पार्क से नए अनुसंधान, विकास और अंतर्राष्ट्रीय निवेश में वृद्धि हेतु नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा सेक्टर 22 ग्राम तूता में छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) को फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना के लिए 141.84 एकड़ भूमि आबंटित की गई है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के साथ ही फार्मास्युटिकल क्षेत्र को भी बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विश्व स्तरीय चिकित्सा सेवाएं आम लोगों को सहजता से सुलभ हो, इस सोच के साथ राज्य में चिकित्सा क्षेत्र में प्रभावी इको सिस्टम तैयार करने की लगातार पहल की जा रही है। छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाना है तो स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ और जनोन्मुख बनाना जरूरी है। फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना इसी की एक कड़ी है। उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक नीति में भी फार्मास्युटिकल क्षेत्र के उद्योगों को कई अनेक सुविधाएं और रियायतें दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश में वृद्धि होने के साथ ही फार्मास्युटिकल क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा एवं स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त होने के साथ ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना से घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा उत्पादों की बढ़ती मांग को हम आसानी से पूराकर पाएँगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के माध्यम से राज्य के 77 लाख 20 हजार परिवारों को 5 लाख रूपए तक का निःशुल्क इलाज मिल रहा है जिसे आने वाले समय में 10 लाख रूपए तक किए जाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत विशेष स्थितियों में इलाज के लिए 25 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने बताया कि फार्मास्युटिकल पार्क में आयुष उत्पादों में विशेषज्ञता वाली फार्मास्युटिकल इकाइयों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पार्क फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स और एक कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) सहित आधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस होगा। अनुसंधान और विकास केंद्र और परीक्षण प्रयोगशाला जैसी आवश्यक सेवाएं भी इसमें शामिल रहेंगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में फार्मास्युटिकल सेक्टर में वृहद उद्यम हेतु परियोजना में स्थायी पूंजी निवेश की मदों पर निवेश होने वाली राशि के 100 प्रतिशत तक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किए जाने का प्रावधान है। फार्मास्युटिकल इकाईयों को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से लेकर 12 वर्ष तक भुगतान किये गए नेट एसजीएसटी अधिकतम स्थायी पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति किए जाने अथवा स्थायी पूंजी निवेश अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। 50 करोड़ से अधिक किन्तु 200 करोड़ रूपए से कम पूंजी निवेश पर अनुदान की अधिकतम राशि 60 करोड़ रूपए, 200 करोड़ से अधिक किन्तु 500 करोड़ रूपए से कम के पूंजी निवेश 150 करोड़ रूपए का अनुदार तथा 500 करोड़ रूपए से अधिक पूंजी निवेश अधिकतम 300 करोड़ रूपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान भी छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है। फार्मास्युटिकल ईकाईयों को 12 वर्ष तक विद्युत शुल्क में छुट, स्टाम्प शुल्क से छुट, पंजीयन शुल्क एवं नवीन विद्युत कनेक्शन पर देय शुल्क में 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति सहित अन्य कई रियायतें दिए जाने का प्रावधान छत्तीसगढ़ सरकार की नवीन औद्योगिक नीति में किया गया है।


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने श्री कुशाभाऊ ठाकरे और श्री सुंदर लाल पटवा की पुण्यतिथि तथा श्री अरुण जेटली की जयंती पर उन्हें किया नमन

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रायपुर 28 दिसंबर 2024/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 28 दिसंबर को स्वर्गीय श्री कुशाभाऊ ठाकरे और श्री सुंदर लाल पटवा की पुण्य तिथि तथा श्री अरुण जेटली की जयंती पर उन्हें नमन किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कुशाभाऊ ठाकरे जी के देश के लिए योगदान को याद करते हुए कहा है कि कुशाभाऊ जी नैतिकता, आदर्श व सिद्धांतों के प्रकाश स्तंभ थे। राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण अटूट था। कुशाभाऊ ठाकरे जी ने समाज के प्रत्येक वर्ग की सुख-समृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से काम किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे जी जैसे निष्काम कर्मयोगी के विचार और जीवनमूल्य हमें सदैव देश सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पद्मविभूषण स्वर्गीय श्री अरूण जेटली की 28 दिसंबर को जयंती पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने कहा कि जेटली जी ने भारत के वित्त, रक्षा, कॉरपोरेट मामले, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों को कुशलता से संभाला और देश के विकास को नई गति दी। उन्होंने देश की आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जेटली जी को वित्तीय मामलों का गूढ़ जानकार माना जाता था। उन्होंने भारत में आर्थिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री अरुण जेटली जी का देश के विकास में दिया गया अमूल्य योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
इसी तरह मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री पद्म विभूषण श्री सुन्दर लाल पटवा की 28 दिसंबर को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने कहा कि पटवा जी अनुशासनप्रिय व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे। सौम्य व्यक्तित्व, कुशल संगठन क्षमता से युक्त, ओजस्वी वक्ता और विभिन्न जनसमस्याओं को उठाने वाले जुझारू नेता के रूप में पटवा जी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने समाज के हर तबके के लिए काम किया और किसान हितैषी कई फैसले लिए। वे सहकारी आंदोलन से जुड़े और अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों को संभाला। उन्होंने सहकारिता आंदोलन को जनोन्मुखी बनाया। उनके कार्यकाल में सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कमजोर वर्गों, शिल्पियों और श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के सफल प्रयोग किये गये। श्री साय ने कहा कि पटवा जी का व्यक्तित्व और कृतित्व हमें सदैव अपने दायित्वों का उत्कृष्टतापूर्वक निर्वहन करने की प्रेरणा देता रहेगा।


छत्‍तीसगढ़ डीजीपी के पद के लिए पवन देव सबसे उपयुक्‍त, एसआरपी कल्लूरी, जीपी सिंह भी हो सकते हैं राइट चॉइस

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क्या सविता खंडेलवाल के प्रकरण और खुदकुशी के मामले से जुड़े विवादित अफसर हिमांशु गुप्ता को सरकार बनाएगी डीजीपी?

क्या एक औरत की अस्मित और जीवन बर्बाद करने वाले को सरकार करेगी उपकृत?

विवादों में रहा है हिमांशु गुप्ता और अरूण देव का कार्यकाल

विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन
जल्द ही छत्तीसगढ़ को नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मिलने वाला है। नक्सली मूवमेंट के कारण छत्तीसगढ़ राज्य सेंसिटिव माना जाता है, ऐसे में सरकार को यह तय करना है कि वो किसी योग्‍य को कुर्सी पर बिठाती है या किसी अयोग्‍य को। किसी भी प्रदेश की प्रगति के लिए बहुत सारे कारण ज़िम्मेदार होते हैं। बेहतर रोज़गार, उन्नत स्वास्थ्य एवं कृषि सेवाएँ, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा, भय और अपराध मुक्त माहौल। छत्तीसगढ राज्य बाक़ी सारे पैमानों पर तो बेहतर कार्य कर रहा है लेकिन पिछले कुछ सालों में पूरा प्रदेश गंभीर रूप से अपराध से ग्रस्त हो चुका है। अपराधियों के हौंसले बहुत बढ़े हुए हैं और पुलिस प्रशासन सुस्त पड़ा हुआ है। ऐसे समय में पुलिस महकमे की ज़िम्मेदारी के लिए नए हाथों का तलाशा जाना अपने आप में एक ज्वलंत चर्चा का विषय हो गया है। वर्तमान पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा को अगस्त में छह माह का एक्सटेंशन देने के बाद उनका कार्यकाल फरवरी 2025 में पूर्ण हो जाएगा। प्रदेश में चरमराती सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए नए पुलिस महानिदेशक का चुनाव सम्पूर्ण प्रदेश के लिए नितांत महत्वपूर्ण मुद्दा है। वैसे भी छत्तीसगढ राज्य का पुलिस महानिदेशक का चयन एक और दृष्टि से बहुत जटिल है क्योंकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वर्ष 2026 में सम्पूर्ण देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया है। छत्तीसगढ भी देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में से एक है जहाँ नक़्सलवाद ने प्रदेश के विकास में पुरज़ोर कुठाराघात किया हुआ है। ऐसे में प्रदेश में नए पुलिस महानिदेशक की आमद बहुत सारे सवालों के जवाब के साथ होगी। अभी तक अगले पुलिस महानिदेशक की क़तार में तीन नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं जो हैं पवन देव, हिमांशु गुप्ता और अरुण देव गौतम। अगर वरिष्ठता की बात करें तो 1992 बैच के पवन देव सबसे आगे हैं। उनके बाद आते हैं अरुण देव गौतम और फिर नंबर आता है 94 बैच के हिमांशु गुप्ता का। वैसे सीनियरिटी में देखा जाए तो पवन देव राज्य के सबसे सीनियर आईपीएस अफसर हैं, उनके अलावा जीपी सिंह और एसआरपी कल्लूरी भी पद पर फिट बैठते हैं। दो नाम और है जिनमें से एक हिमांशु गुप्ता बड़े विवादित आईपीएस रहे हैं जिन पर सविता खंडेलवाल और उनके बेटे को लेकर तौहमत भी लगी थी। अरुण देव गौतम का भी नाम डीजीपी पद के लिए गया है, पर वो काफी इनेक्टिव/पैसिव अधिकारी रहे हैं। जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में अभी एक तेजतर्रार डीजीपी चाहिए जो कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के विजन के अनुरूप राज्य में नक्सलवाद खत्म कर सके। छत्तीसगढ प्रदेश में एक विजनरी, साहसी और बेहतर रणनीतिकार पुलिस महानिदेशक की दरकार है जो ना सिर्फ़ अपराध और अपराधियों पर नकेल कस सकें बल्कि नक्सलवाद को समूल ख़त्म करने में अपने अनुभव और रणनीति का उपयोग कर प्रदेश को भय मुक्त बनाने में सफल हो सकें। आईये जानते हैं डीजीपी की रेस में कौन-कौन हैं दावेदार-

छत्तीसगढ़ डीजीपी के लिए सबसे उपयुक्त अधिकारी
पवन देव: पवन देव डीजीपी के दावेदारों में सबसे प्रमुख हैं। पवन देव छत्तीसगढ़ में भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल हैं। प्रदेश को 2026 तक नक्सल मुक्त करने का जो वादा है उसमें पवन देव की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। डीजी पुलिस अशोक जुनेजा के बाद बैच वाइज सीनियरिटी में पवनदेव 1992 बैच में सबसे ऊपर हैं। जुनेजा का कार्यकाल पूरा होने से पहले सरकार ने सीनियर आईपीएस अधिकारियों के नाम शॉर्टलिस्ट करके केन्द्रीय गृह मंत्रालय को गोपनीय प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव में डीजीपी की रेस में सबसे पहले पवन देव का नाम चल रहा है। उज्‍जैन में 1995 में (पिंजारवाड़ी) महाकाल मंदिर से लगा हुआ था। इन्‍होंने उज्‍जैन में इस एरिया को बंद करवाया गया था। जो आज तक बंद है। अबूझमाड़ में छापा मारकर नक्‍सली नेक्सेस को नष्‍ट किया। 1998 में कांकेर नक्‍सलियों की केन्‍द्रीय समिति की बैठक पर छापा मारा, जो कि अविभाजित मध्‍यप्रदेश और छत्‍तीसगढ़ का एक एकलौता मामला रहा है। इसी दौरान 5000 नक्‍सलियों का समर्पण भी पोस्टिंग के दौरान हुआ। 2007 में छत्‍तीसगढ़ के निर्माण के बाद छत्‍तीसगढ़ में नक्‍सलियों के कैंप पर छापा मारा गया। यह राज्‍य बनने के बाद नक्‍सलियों के खिलाफ पहली बड़ी कार्यवाही थी। इनके मार्गदर्शन में एसपी राजनांदगांव रहते हुए की गई और इसमें एक महिला नक्‍सली मारी भी गई। 2005 में नक्‍सलियों के खिलाफ सूचना संकलन के लिए (SIB) स्‍पेशल इंटेलिजेंस ब्रस्‍क का गठन किया गया। पुलिस अधीक्षक रेल के पद पर रहते हुए अतिरिक्‍त प्रभार के साथ इस ब्रांच के मुखिया का पदभार भी संभाला। उनका आईपीएस के रूप में कार्यकाल साफ-सुथरा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य को उनके जैसा तेज तर्रार डीजीपी की आवश्यकता है।
आईपीएस पवन देव को वर्ष 2011 में राष्‍ट्रपति पुरस्‍कार प्रदान किया गया। राजनांदगांव नक्‍सली काउंटर में राज्‍य शासन द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इन्‍होंने नक्सलियों के प्रिंट यूनिट (प्रिटिंग प्रेस जिसमें अपना साहित्य छपवाते हैं) बंद करवाया। 2007 में जब पवन देव डीआईजी कांकेर थे तब फिर से नक्‍सली प्रिंट यूनिट पर छापा मारकर सभी साहित्‍य को नष्‍ट किया गया। 2008-2010 DIG (SIB) रहते हुए नक्‍सली इंटेलिजेंस ऑपरेशन किए गए। आधुनिक उपकरण किए गए। आधुनिक उपकरण से लैस कर सारे ऑपरेशन किये गए। आईजी प्रशासन 2011 में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया संपूर्ण भारत में पहली बार आयोजित की गई। अन्‍य तरीकों को भी Adopt किया गया जो अन्‍य राज्‍यों के लिए मॉडल साबित हुआ। वर्ष 2018 में Director प्राजिक्‍यूशन रहते हुए विभाग हेतु ISO सटिर्फिकेट प्राप्‍त किया गया।
आईपीएस पवन देव छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के आईपीएस हैं। वे मूलतः बिहार के रहने वाले हैं। उनका जन्म 16 जुलाई 1968 को हुआ है। उन्होंने बीई मैकेनिकल की डिग्री लेने के बाद यूपीएससी की तैयारी की और आईपीएस बने। आईपीएस की नौकरी करते हुए बिलासपुर यूनिवर्सिटी से उन्होंने एलएलबी की डिग्री भी प्राप्त की।

एसआरपी कल्लूरी: कल्लू्री ने डीजीपी बनने की 30 साल की सेवा की मियाद पूरी कर ली है। कल्लूरी के ऊपर कोई भ्रष्टाचार के आरोप नही हैं। कोई अनैतिक कार्यों का आरोप नही लगा। कल्‍लूरी बलरामपुर में जब एसपी थे तब उन्होंने पूरे नक्सलियों का सफाया कर दिया था। छत्तीसगढ़ की सीमा गढ़वा क्षेत्र से उन्होंने नक्सलियों सफाया किया। पहले कल्लूरी डीआईजी दंतेवाड़ा बस्तर रेंज के आईजी बने तब सबसे ज्यादा नक्सलियों का सफाया इनके कार्यकाल में हुआ।

जीपी सिंह: ज्ञात हो कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जीपी सिंह के ख़िलाफ़ आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग आदि मामलों में कार्रवाई की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि उन्हें परेशान करने के लिए झूठे मामलों में फंसाया गया था और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। तत्कालीन भूपेश सरकार ने उन्हें राजनीतिक षड़यंत्र के तहत फंसाया था। उनके खिलाफ किसी भी मामले में कोई भी साक्ष्य नहीं है। कोर्ट ने उन्‍हें किसी भी मामले में आरोपी नहीं माना। जीपी सिंह का सम्‍पूर्ण सेवाकाल बेदाग रहा है। वापिस वर्दी में आते ही जीपी सिंह डीजीपी की रेस में भी शामिल हो गए हैं। 1994 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के अधिकारी जीपी सिंह डीजीपी रेस में शामिल सभी अधिकारियों से वरिष्ठता में कम हैं लेकिन अपनी तेज़ तर्रार, बेबाक और दबंग छवि के कारण वे पद के लिए उपयुक्त माने जा रहे हैं। यक़ीनन जीपी सिंह की बहाली ने डीजीपी चुनाव को अत्यंत रोमांचक बना दिया है। जीपी सिंह एक तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी हैं और पद के लिए उपयुक्त भी हैं। यदि प्रदेश में जीपी सिंह डीजीपी बनते हैं तो सरकार का यह कदम न्‍यायोचित होगा।

डीजीपी पद के लिए अनुपयुक्त अधिकारी
अरुण देव: अरुण देव हमेशा से बैक फुट पर खेलते आए हैं, 1995 में अपनी पहली पोस्टिंग सीएसपी उज्जैन में थी। 1992 बैच के अरुण देव गौतम सितंबर 2027 में सेवानिवृत होंगे। लंबे कार्यकाल को देखते हुए पुलिस मुखिया बनाने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन वह किसी भी काम को हाथ में नही लेते हैं और बचते हैं। रिस्पांसबिलिटी और दायित्व बिलकुल नही लेना चाहते। आज के परिपेक्ष्य में जब अमित शाह ने राज्य से 2026 तक नक्सलवाद के सफाए की घोषणा की है और निश्चित तौर पर अगर इसमें वो असमर्थ रहते हैं तो 2028 की विधानसभा चुनावों में यह एक प्रमुख मुद्दा रहेगा, अरुणदेव गौतम इस पद के लिए फिलहाल अनुपयुक्त नजर आ रहे हैं।

हिमांशु गुप्ता: हिमांशु गुप्ता का नाम चर्चा में आने के बावजूद उनकी नियुक्ति को लेकर कुछ विवाद भी हैं। सविता खंडेलवाल से उनके रिश्ते को लेकर खूब आरोप लगे जिसे लेकर तत्कालीन सरगुजा रेंज पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु गुप्ता ने सविता खंडेलवाल को अम्बिकापुर सखी सेंटर के माध्यम से पागल घोषित करके रायपुर इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस में भेज दिया। डॉक्टर ने स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया। हिमांशु गुप्ता एक डरपोक अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।

पति-पत्नी के विवाद में हिमांशु गुप्ता हुए थे बदनाम!
छत्तीसगढ़ के सबसे विवादित आईपीएस अफसर मुकेश गुप्ता के खास हैं हिमांशु गुप्ता
सरगुजा रेंज के आईजी हिमांशु गुप्ता अचानक चर्चा में आ गए थे। चर्चा भी ऐसी-वैसी नहीं बल्कि उनके चरित्र पर सवाल उठाने वाली थी। मामला धमतरी का था। हिमांशु गुप्ता जब धमतरी एसपी थे तब हिमांशु के खिलाफ एक माह तक सविता खण्डेलवाल ने धरना दिया था। तो गुप्ता ने उसे पागलखाने भिजवा दिया था एवं उनके लड़के को बाल सुधार गृह में भिजवाया था। जबकि वह पागल नही था। सविता खंडेलवाल का कहना था कि वे पिछले कई वर्षों से घरेलू हिंसा का शिकार हैं। उन्होंने धमतरी कलेक्टर, एसपी से लेकर सीएम तक गुहार लगाई है। लेकिन उन्हें कहीं से मदद नहीं मिली। आखिरकार सविता खंडेलवाल ने एक महीना तक अपनी गुहार सरकार से लगाते हुए धरना दिया था। आखिरकार सविता ने सिस्टम से दुखी होकर हिमांशु गुप्ता एवं एक और सीनियर आईपीएस अफसर पर आरोप लगाकर खुदकुशी कर ली थी।


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर कर्मचारी हित में लिया गया निर्णय: कर्मचारियों के मासिक भत्तों में किया गया संशोधन।

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रायपुर 27 दिसंबर 2024/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर कर्मचारियों के हित में नई पहल करते हुए शासन द्वारा कर्मचारियों के मासिक भत्तों में संशोधन किया गया है। इससे कर्मचारियों का कार्य प्रदर्शन बेहतर हो सकेगा। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा संशोधित भत्ते के लिए राजस्व निरीक्षकों, विक्रय अमीन, सहायक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी (ग्राम सेवक), सहायक विकास विस्तार अधिकारी, पशु चिकित्सा के क्षेत्र सहायक,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के हैंड पंप तकनीशियनों के वर्तमान दर 350 रुपए प्रति माह को संशोधित कर 1200 रुपए प्रति माह यात्रा भत्ता दिया जाएगा। इसी तरह जिला और तहसील स्तर के राजस्व विभाग के भृत्य एवं जमादार,वन विभाग और राजस्व विभाग के चेन मैन, न्यायिक एवं वाणिज्यक कर विभाग के प्रोसेस सर्वर तथा ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत पटवारियों के वर्तमान दर 300 रुपए प्रति माह में संशोधन कर 1000 रुपए प्रति माह यात्रा भत्ता दिया जाएगा। यात्रा भत्ता की अन्य शर्तें एवं नियम यथावत रहेंगे।


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा प्रारंभ।

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स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राज्य के निवासियों को नए वर्ष के आगमन पर दी एक नई सौगात

हार्ट सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में 50 वर्षीय महिला की हुई सफल ओपन हार्ट सर्जरी

मरीज के हार्ट में टाइटेनियम से बना मैटेलिक प्रोस्थेटिक वाल्व लगाया गया एवं ट्राइकस्पिड वाल्व को रिपेयर किया गया

शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत निशुल्क हुई हार्ट सर्जरी

रायपुर. 27 दिसंबर 2024/
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के हार्ट सर्जरी विभाग के कुशल डॉक्टरों की टीम ने 50 वर्षीय महिला की सफल ओपन हार्ट सर्जरी कर मरीज को नया जीवन दिया है। हार्ट सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में यह सफल ऑपरेशन किया गया। सर्जरी के बाद महिला की हालत ठीक है तथा वह अभी डॉक्टरों की देखरेख में है। मरीज का वाल्व रिप्लेसमेंट हुआ है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राज्य के निवासियों को नए वर्ष के आगमन पर ओपन हार्ट सर्जरी सुविधा की शुरुआत के लिए अस्पताल प्रबंधन को अपनी तरफ से शुभकामनाएं दी हैं। श्री जायसवाल ने कहा है कि बहुत जल्द ही यहां बाईपास सर्जरी की शुरुआत भी होगी।

महासमुंद निवासी 50 वर्षीय महिला मरीज को लगभग तीन साल से सांस फूलने की शिकायत थी। थोड़ा भी काम करने से हृदय की धड़कन बढ़ जाती थी जिसे हार्ट पल्पिटेशन कहा जाता है। अपनी इन्हीं समस्याओं के साथ महिला अम्बेडकर अस्पताल के एडवांस्ड कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट सर्जरी विभाग में डॉ. कृष्णकांत साहू के पास पहुंची। उन्होंने मरीज की पूरी जांच की। जाँच में पता चला कि हार्ट के वाल्व में सिकुड़न है और एक वाल्व में लीकेज है। हार्ट का वाल्व इतना सिकुड़ गया था कि इनको डॉक्टर ने 3 साल पहले ही ऑपरेशन की सलाह दी थी मगर ओपन हार्ट सर्जरी का नाम सुनकर मरीज तथा उसके परिवार के लोग घबरा गए और उस वक्त उन्होंने ओपन हार्ट सर्जरी करवाने से मना कर दिया फिर उसके बाद समस्या बढ़ती गई और मरीज पुन: एक बार फिर डॉ. कृष्णकांत साहू के पास पहुंची, जहां पर उन्होंने ने महिला को ओपन हार्ट सर्जरी से संबंधित सभी जानकारी दी। उनकी काउंसलिंग की। सर्जरी के पश्चात स्वास्थ्य में होने वाले सुधार के बारे में विस्तार से बताया।

डॉ. कृष्णकांत साहू ने मरीज की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर को केस की गंभीरता तथा ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता के बारे में बताया। स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल के निर्देश पर तत्काल कार्डियक एनेस्थेटिस्ट, परफ्यूजनिस्ट तथा अन्य मानव संसाधन की व्यवस्था की गई । अंततः 26 दिसंबर को मरीज की ओपन हार्ट सर्जरी की गई तथा मरीज के हृदय में कृत्रिम वाल्व का प्रत्यारोपण किया और एक वाल्व को रिपेयर किया। इस ऑपरेशन को मेडिकल भाषा में माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट बाय यूजिंग बाईलीफलेट मैटेलिक प्रोस्थेटिक वाल्व प्लस ट्राईकस्पिड वाल्व रिपेयर अंडर हार्टलंग मशीन कहा जाता है।

डॉ. कृष्णकांत साहू ने मरीज की वर्तमान हालत के संबंध में जानकारी देते हुए बताया की मरीज ने आज सुबह का नास्ता, दोपहर का लंच तथा रात का खाना अपने हाथों से खाया। मरीज की हालत में लगातार सुधार है।

मरीज का ऑपरेशन करने वाली टीम में हार्ट सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू, कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. वरुण, परफ्यूजनिस्ट राहुल और डिगेश्वर तथा नर्सिंग स्टाफ में राजेंद्र, नरेंद्र एवं चोवा राम शामिल रहे।