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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय विशाल आमसभा को करेंगे सम्बोधित

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जांजगीर में जनादेश परब 22 दिसम्बर को

छत्तीसगढ़ सरकार के दो वर्ष की उपलब्धियों की प्रदर्शनी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 22 दिसम्बर को जांजगीर में जनादेश परब का आयोजन किया जा रहा है। जनादेश परब में जनता-जनार्दन के समक्ष छत्तीसगढ़ सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों तथा राज्य के एकीकृत विकास के लिए लिए गए फैसलों की जानकारी दी जाएगी। जनकल्याणकारी योजनाओं के पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित भी किया जाएगा।

जनादेश परब के अवसर पर जांजगीर के पुलिस लाईन में आयोजित की जा रही विशाल आमसभा को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा सम्बोधित करेंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय करेंगे। इस मौके पर सुप्रसिद्ध लोक कलाकार एवं पद्मश्री श्री अनुज शर्मा तथा अन्य कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल पर पिछले दो वर्षों विभिन्न विभागों की उपलब्धियों पर आधारित विकास प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल, कृषि विभाग, स्कूल शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, जल संसाधन, मत्स्य पालन और सहकारिता विभाग सहित विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाए जा रहे हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव एवं उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा अति विशिष्ट अतिथि होंगे एवं कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, लोकसभा सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े व विधायक श्री ब्यास कश्यप विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

*राज्य के समग्र विकास पर केंद्रित प्रदर्शनी*

जनादेश परब में सरकार के दो वर्षों की निरंतर सेवा और निरंतर विकास की झलक विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए आकर्षक प्रदर्शनी में देखने को मिलेगी एवं प्रदर्शनी में पीएम सूर्यघर योजना तथा योजनाओं की जानकारी आमजन को दी जाएगी। इसी तरह किसान सम्मान निधि, हितग्राही मूलक योजनाओं एवं आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी दी जाएगी, जिससे किसान सीधे लाभ और प्रक्रियाओं को समझ सकें। डिजिटल और नवाचारी शिक्षा, आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास और पीएम एवं विद्या जैसी योजनाओं के माध्यम से स्मार्ट स्कूल-सशक्त छात्र-उज्ज्वल भविष्य” की अवधारणा गुणवत्तापूर्ण और तकनीक आधारित शिक्षा की झलक देखने को मिलेगी।

इसके अलावा प्रदर्शनी में महिला सशक्तिकरण, महतारी वंदन, सुपोषण अभियान एवं बाल कल्याण योजनाओं, सिंचाई योजनाओं और जल प्रबंधन, मत्स्य उत्पादन, रोजगार और स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की संपूर्ण प्रक्रिया को समझाने हेतु एक मॉडल देखने को मिलेगा। साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा भी स्टॉल लगाया जाएगा, जिसमें योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।


भिलाई विधायक देवेंद्र यादव का जारी रहेगा उपवास

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जब तक शासन और प्रबंधन चर्चा नहीं करेगी तब तक जारी रहेगा अनशन

आज पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने दिया समर्थन

अब तक 10 हजार से जायदा लोगों का जन समर्थन..

भिलाई.आज विधायक देवेंद्र यादव फिर खुली टेंट में रात बिताएंगे ,भिलाई स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों और अधिकारियों के हक की लड़ाई विधायक देवेंद्र यादव लड़ रहे हैं। आज आंदोलन को सभी ट्रेड यूनियन का समर्थन मिला ।।

मां आई समर्थन देने देवेंद्र हुए भावुक

देवेंद्र यादव ने सोशल मीडिया में पोस्ट किया कि

“भिलाई सत्याग्रह दूसरा दिवस ।।
माँ आई आज हौसला बढ़ाने…
मेरे लिए भावनात्मक क्षण था, माँ आई बोली बेटा मैं रात में आई थी तुम्हें देखा सोते हुए फिर चली गई…
माँ  ने कहा भिलाई हमारा परिवार है और इस परिवार के लिए बेटा जो कर सकते हो करो
मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है ।।”

सरकार और सेल प्रबंधन की नीतियों, रिटेंशन स्कीम, निजीकरण, सेक्टर 9 हॉस्पिटल, आवास, न्यूनतम वेतन, बकाया 39 माह का एरियर, बोनस आदि विषयों को लेकर विधायक का आंदोलन जारी है।

बीएसपी कर्मचारियों और भिलाई के रहवासियों की आवाज को केंद्र सरकार की नीतियों का सहारा लेकर दबाने का आरोप है। इसीलिए विधायक ने खुद मोर्चा खोल दिया है। आंदोलन को बीच में छोड़ने का मन नहीं है। मंजिल तक पहुंचाने के लिए दम भरा गया है।

विधायक देवेंद्र यादव के समर्थन में बीएसपी की पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक के महासचिव एवं एनजेसीएस सदस्य वंश बहादुर सिंह भी पहुंचे। उन्होंने कहा-केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों से सेल प्रबंधन का मनोबल बढ़ता जा रहा है। कर्मचारियों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है।

विधायक देवेंद्र यादव ने कर्मचारियों के हक की आवाज को उठाया है। इसलिए इंटक यूनियन पूरा समर्थन करती है। आंदोलन को आगे भी रखने की जरूरत पड़ी तो यूनियन साथ रहेगी।
पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू के उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी ने भी केंद्र सरकार को कोसा। उन्होंने कहा-मोदी सरकार हिटलर को फॉलो करती है। यही वजह है कि नवफांसीवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार झांसेबाजी से वोट हासिल करती है और जनता को उनके हक से वंचित कर रही है।

जिस तरह के हिटलर ने गुड डे कम का नारा दिया था, उसी नारे को अच्छे दिन के रूप में मोदी सरकार लेकर आई थी। आज सेल के कर्मचारी त्रस्त हो चुके हैं। भिलाई की बसाहट को बर्बाद करने का खेल जा रहा है। इसे किसी कीमत पर भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हम सबको अपने हक की लड़ाई खुद लड़नी है। परिवार सहित बाहर आना होगा। भिलाई के सत्याग्रह में लाई हुई भीड़ नहीं है, आई हुई भीड़ है।

पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू जी ने भी भी दिया समर्थन

विधायक देवेंद्र यादव के सत्याग्रह को समर्थन देने पूर्व विधायक अरुण वोरा, महापौर नीरज पाल, पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल, आरएन वर्मा, लालचंद वर्मा, राजेंद्र सिंह परगनिहा, योगेश सोनी, टी. जोगा राव, लक्ष्मीपति राजू, श्याम लाल साहू, जय प्रकाश नायर ,संजय साहू इंटक ठेका श्रमिक
फौजी अरुण सिसोदिया,अतुल श्रीवास्तव लक्ष्मीपति राजू, शीजू एंथनी, गुड्डू खान, भोलू श्रीवास्तव, मनोज पांडे,अली हुसैन सिद्दीकी,साकेत चंद्राकर, एकांश बंछोर,आदित्य सिंह, सुमित पावर, आशीष यादव,, शरद मिश्र ,हरीश सिंह आदि मौजूद रहे। खास बात यह है कि अलग-अलग क्षेत्र से महिलाओं का जत्था भी पहुंच रहा है।


पत्रकारों की लेखनी केवल सूचना का माध्यम ही नहीं, पर्यटन को प्रोत्साहन देने का एक सशक्त साधन भी – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

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छत्तीसगढ़ सरकार पर्यटन के समग्र विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से राजस्थान के अंतर्राज्यीय अध्ययन भ्रमण से लौटे पत्रकारों के दल ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से राजस्थान के अंतर्राज्यीय अध्ययन भ्रमण से लौटने के उपरांत छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के दल ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर पत्रकारों ने 15 से 20 दिसम्बर तक राजस्थान भ्रमण के दौरान वहां की विधायिका, प्रशासनिक कार्यप्रणाली तथा पर्यटन के क्षेत्र में किए गए नवाचारों के अनुभवों को साझा किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए अंतर्राज्यीय अध्ययन भ्रमण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है, ताकि अन्य राज्यों के शासन-प्रशासन, पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास से जुड़े नवाचारी प्रयासों को पत्रकारों के दृष्टिकोण से समझा जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे अध्ययन भ्रमणों से प्राप्त अनुभवों के आधार पर छत्तीसगढ़ में भी नई और प्रभावी पहल शुरू की जा सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे इस यात्रा के अनुभवों को यात्रा-वृत्तांत के रूप में लिपिबद्ध करें, जिससे यह आम पर्यटकों के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शिका का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की लेखनी केवल सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि पर्यटन को प्रोत्साहन देने का एक सशक्त साधन भी है।

प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पर्यटन के समग्र विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने विशेष रूप से बस्तर क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से बस्तर धरती पर स्वर्ग के समान है, किंतु नक्सलवाद लंबे समय तक इसके विकास में एक बड़ी बाधा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने की दिशा में राज्य सरकार पूरी दृढ़ता के साथ कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पर्यटन को राज्य की नई उद्योग नीति में शामिल किया गया है। इसके तहत सुदूर वनांचलों में होम-स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि पर्यटक ग्रामीण परिवारों के साथ रहकर उनकी संस्कृति, खान-पान और जीवनशैली को नजदीक से अनुभव कर सकें। इससे पर्यटन को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आय के नए अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि विश्व के 20 प्रमुख पर्यटन स्थलों में छत्तीसगढ़ के धुड़मारास को शामिल किया जाना प्रदेश के लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि इन पर गंभीरता से विचार कर उन्हें अमल में लाया जाएगा।

इस अवसर पर जशपुर से श्री विजय त्रिपाठी ने बताया कि राजस्थान भ्रमण के दौरान वहां की विधानसभा देखने का अवसर मिला, जहां आमजन को विधि निर्माण की प्रक्रिया और विधानसभा की कार्यप्रणाली से अवगत कराने के लिए एक भव्य संग्रहालय का निर्माण किया गया है। इस संग्रहालय के माध्यम से राज्य निर्माण से लेकर वर्तमान तक की विधायी यात्रा और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के योगदान को समझने का अवसर मिलता है।

कोरबा से श्री विजय खेत्रपाल ने कहा कि इस अध्ययन भ्रमण के माध्यम से यह समझने का अवसर मिला कि राजस्थान में सैकड़ों वर्ष पुराने किलों और महलों को आधुनिक जनसुविधाओं से जोड़कर पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित किया गया है। इसके साथ ही रेगिस्तानी क्षेत्रों में जीप सफारी, ऊंट सवारी, पैरा-सेलिंग, डेजर्ट कैंप जैसी गतिविधियों के माध्यम से पर्यटन को आकर्षक रूप दिया गया है, जो छत्तीसगढ़ के लिए एक प्रभावी केस स्टडी हो सकती है।

जगदलपुर के श्री अर्जुन झा ने जयपुर स्थित चोकरधानी के अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां ग्रामीण जीवन, लोकसंस्कृति और खान-पान को एक ही मंच पर प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसी प्रकार बस्तर पंडुम के माध्यम से छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को पर्यटकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है। श्री टिंकेश्वर तिवारी ने भी राजस्थानी खान-पान की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों को पर्यटन स्थलों पर प्रमुखता से बढ़ावा देने पर जोर दिया।

स्टेट न्यूज़ सर्विस के युवा पत्रकार श्री रजत अवस्थी ने राजस्थानी टोपी साफा से मुख्यमंत्री श्री साय का सम्मान करते हुए पत्रकार भ्रमण योजना को प्रारम्भ करने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी श्री आलोक सिंह, जनसंपर्क विभाग के अपर संचालक श्री संजीव तिवारी, संयुक्त संचालक श्री जितेंद्र नागेश सहित पत्रकारगण एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।


छत्तीसगढ़ी सिनेमा हमारी लोकसंस्कृति और अस्मिता का जीवंत दस्तावेज – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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छत्तीसगढ़ी सिनेमा के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार संकल्पित – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय रजत जयंती पर ‘छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सफर’ कार्यक्रम में हुए शामिल : वरिष्ठ कलाकार एवं निर्माता हुए सम्मानित

रायपुर , मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम द्वारा आयोजित “छत्तीसगढ़ रजत जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर” कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा की विकास यात्रा, उपलब्धियों और उज्ज्वल भविष्य पर विस्तार से अपने विचार साझा किए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम के गठन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि छालीवुड की सशक्त नींव रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने निगम के प्रथम अध्यक्ष स्वर्गीय श्री राजेश अवस्थी का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि उनका असामयिक निधन न केवल छत्तीसगढ़ी सिनेमा, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा आज एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने निगम की वर्तमान अध्यक्ष सुश्री मोना सेन को एक अनुभवी, कर्मठ और समर्पित कलाकार बताते हुए विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में छालीवुड का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ी फिल्में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की संस्कृति, कला और पहचान को और अधिक सशक्त रूप में स्थापित करेंगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में फिल्म निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1957 से प्रदेश में फिल्मों के निर्माण का सिलसिला प्रारंभ हुआ। उन्होंने भूलन कांदा उपन्यास पर आधारित फिल्म “भूलन द मेज” को प्राप्त राष्ट्रीय पुरस्कार को पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय बताया।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा की जड़ें लोक संस्कृति, लोककथाओं और सामाजिक सरोकारों से गहराई से जुड़ी हैं, जो इसे विशिष्ट पहचान प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा हमारी लोकसंस्कृति और अस्मिता का जीवंत दस्तावेज है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी फिल्मों के विकास को लेकर पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी क्रम में चित्रोत्पला फिल्म सिटी का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए 150 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश में छालीवुड का भविष्य स्वर्णिम है और फिल्म उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक वर्ष प्रदेश के चहुंमुखी विकास की नई इबारत लिख रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ी फिल्म विकास की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले निर्माताओं और वरिष्ठ कलाकारों श्री मोहन सुंदरानी, श्री सतीश जैन, श्री संतोष जैन, श्री मनोज वर्मा, श्री अनुज शर्मा और श्री प्रेम चंद्राकर को सम्मानित भी किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन ने मुख्यमंत्री श्री साय का अभिनंदन करते हुए निगम के पुनर्गठन के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्म “मोर छइंहा भुइंया” के निर्माता श्री सतीश जैन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस फिल्म ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा को नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री के समग्र और सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।

इस अवसर पर कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायकगण श्री सुनील सोनी, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्री दीपक म्हस्के, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री भरत मटियारा, छत्तीसगढ़ तेलघानी विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री जितेंद्र साहू, संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य सहित बड़ी संख्या में कलाकार, निर्माता एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


StockBuzz Introduces a Structured Platform for Clearer Market Awareness India | 

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As participation in India’s equity markets continues to grow, access to market information has become more widespread than ever. However, the increasing volume and fragmentation of data have created challenges for market participants seeking clarity and consistency in how they follow market developments.

StockBuzz has introduced a centralised platform designed to organise essential market information into a structured and accessible format. By consolidating key data within a single environment, the platform aims to simplify how users track and interpret ongoing market activity.

Rather than prioritising speed or speculative decision-making, StockBuzz focuses on clarity, structure, and readability. Market information is arranged logically to help users stay informed without being overwhelmed by constant updates or multiple data sources.

“Today, the challenge for many market participants is not access to information, but making sense of it,” said the Founder of StockBuzz. “StockBuzz is built to bring order to market data by presenting it in a structured way that supports clearer understanding and more informed engagement.”

Daily market activity generates large volumes of data, including price movements, sector trends, and broader market changes. StockBuzz addresses this by emphasising structured presentation and reducing information clutter, allowing users to stay updated without repeatedly switching between platforms.

By presenting related market information together, StockBuzz also supports a broader view of market activity, helping users observe patterns and overall context rather than isolated movements.

As market participation continues to evolve, platforms that prioritise organisation, clarity, and accessibility are becoming increasingly relevant. StockBuzz reflects this shift by offering a more structured approach to staying connected with the markets.


मुख्यमंत्री श्री साय ने ठाकुर प्यारेलाल सिंह की जयंती पर किया नमन

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रायपुर,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं श्रमिक-किसान आंदोलनों के अग्रदूत ठाकुर प्यारेलाल सिंह की 21 दिसम्बर को जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि ठाकुर प्यारेलाल सिंह जी छत्तीसगढ़ की धरती के ऐसे महान सपूत थे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ श्रमिकों, किसानों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। वे छत्तीसगढ़ में श्रमिक एवं सहकारी आंदोलन के प्रणेता माने जाते हैं। छात्र जीवन से ही वे स्वाधीनता आंदोलनों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे और ब्रिटिश शासन के अन्याय व दमन के विरुद्ध निर्भीक होकर संघर्षरत रहे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ठाकुर प्यारेलाल सिंह का संपूर्ण जीवन साहस, संघर्ष और सेवा के आदर्शों से ओत-प्रोत है। छत्तीसगढ़ के सामाजिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक विकास में उनके अमूल्य योगदान को सदैव सम्मान और कृतज्ञता के साथ स्मरण किया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से ठाकुर प्यारेलाल सिंह जी के विचारों और आदर्शों को आत्मसात कर समाज और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय सहभागी बनने का आह्वान किया।


छत्तीसगढ़ में गाइडलाइन दरों का युक्तियुक्त निर्धारण, पारदर्शिता और सरलता की दिशा में बड़ा कदम

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रायपुर,छत्तीसगढ़ गाइडलाइन दरों का निर्धारण नियम, 2000 के प्रावधानों के तहत केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड, छत्तीसगढ़ द्वारा स्थावर संपत्तियों के बाजार मूल्य निर्धारण से संबंधित गाइडलाइन दर वर्ष 2025–26 को अनुमोदित करते हुए 20 नवंबर 2025 से प्रदेशभर में लागू कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य में संपत्ति मूल्यांकन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, तार्किक और जनसुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।

विगत पांच वर्षों से गाइडलाइन दरों का पुनरीक्षण नहीं होने के कारण प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में कई प्रकार की विसंगतियां उत्पन्न हो गई थीं। वर्ष 2025–26 की नवीन गाइडलाइन में इन विसंगतियों को दूर करते हुए दरों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। पूर्व प्रचलित गाइडलाइन में नगर पालिका क्षेत्रों में कुल 200 कंडिकाएं थीं, जिन्हें घटाकर 102 किया गया है। एक ही वार्ड में अलग-अलग कंडिकाओं और भिन्न दरों के कारण आमजन को संपत्ति के मूल्य को समझने में कठिनाई होती थी, जिसे अब सरल और स्पष्ट बनाया गया है।

वार्ड परिसीमन के बाद कंडिकाओं में आवश्यक संशोधन कर नई परिस्थितियों के अनुरूप दरें निर्धारित की गई हैं। समाचार पत्रों में प्रकाशित दरों के विश्लेषण से स्पष्ट है कि वर्ष 2025–26 की गाइडलाइन में लगभग समान दरों को समायोजित कर एकरूप किया गया है, जिससे औसतन लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि परिलक्षित होती है। उदाहरण के तौर पर महासमुंद जिले में नई गाइडलाइन में पूरे रायपुर मार्ग की दर 32,500 रुपये तथा 20 मीटर अंदर की दर 7,500 रुपये निर्धारित की गई है।

इसी प्रकार यतियतनलाल वार्ड में परिसीमन के कारण दरों को युक्तियुक्त करते हुए 4,800 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये किया गया है। वार्ड क्रमांक 03 में भी एक ही मार्ग पर स्थित कंडिकाओं को समायोजित कर नई कंडिका सृजित की गई है और दरों में औसतन 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। पुष्पा पेट्रोल पंप से पंकज सोनी के मकान तक निर्धारित दरें शंकर नगर वार्ड के सामने की दरों के अनुरूप रखी गई हैं, जिससे सड़क के आमने-सामने स्थित क्षेत्रों में समान दरें लागू हो सकें।

बरोण्डा चौक तथा बरोण्डा चौक से भाजपा कार्यालय तक के क्षेत्रों में भी दरों का युक्तियुक्तकरण करते हुए औसतन 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसी प्रकार अन्य वार्डों में भी समान परिस्थिति और महत्व के क्षेत्रों में दरों को एकरूप करते हुए संतुलित वृद्धि सुनिश्चित की गई है।

राज्य सरकार द्वारा किए गए इस पुनरीक्षण का उद्देश्य वास्तविक प्रचलित बाजार मूल्य को गाइडलाइन दरों में समाहित करना है, ताकि संपत्ति क्रय-विक्रय, स्टांप शुल्क और पंजीयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़े तथा आम नागरिकों को स्पष्ट और न्यायसंगत दरों का लाभ मिल सके। यह पहल छत्तीसगढ़ में सुगम, भरोसेमंद और जनहितैषी संपत्ति मूल्यांकन व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।


भिलाई : गुरु रविदास गुरुघर तोड़े जाने से समाज में आक्रोश, नगर निगम पर दोहरे मापदंड का आरोप

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भिलाई।भिलाई हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में नाले के पास, प्रधानमंत्री आवास योजना के समीप एवं कचरा भट्टी के बाजू स्थित वार्ड क्रमांक 25 की खाली पड़ी सरकारी जमीन पर बने गुरु रविदास गुरुघर को नगर निगम द्वारा अचानक तोड़ दिए जाने से रविदासिया समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है। समाज के लोगों का आरोप है कि यह कार्रवाई बिना किसी पूर्व सूचना या वैकल्पिक व्यवस्था के की गई, जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, बीते 10–12 वर्षों से इसी स्थान पर गुरु रविदास जयंती एवं धार्मिक आयोजन नियमित रूप से आयोजित किए जाते रहे हैं। यह गुरुघर केवल भिलाई ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्यों से आने वाले रविदास अनुयायियों के लिए एक प्रमुख आस्था केंद्र बन चुका था। इसके बावजूद नगर निगम द्वारा अचानक की गई तोड़फोड़ ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
नगर निगम पर भेदभाव का आरोप
रविदासिया समाज ने नगर निगम पर दोहरे मापदंड अपनाने का गंभीर आरोप लगाया है। समाज का कहना है कि इसी क्षेत्र की अन्य खाली सरकारी जमीनों पर बने बौद्ध विहार, हनुमान मंदिर, राम मंदिर, बजरंगबली मंदिर तथा दक्षिण भारतीय संप्रदाय के बड़े देवस्थानों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में केवल गुरु रविदास गुरुघर को ही हटाया जाना भेदभावपूर्ण और पक्षपातपूर्ण प्रतीत होता है।
समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि यदि सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करनी है, तो वह सभी धर्मों और समुदायों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए। किसी एक समुदाय की धार्मिक संरचना को चुनकर तोड़ना संविधान की समानता की भावना के विरुद्ध है।

जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी के बावजूद कार्रवाई
रविदासिया समाज ने यह भी सवाल उठाया है कि जब इसी स्थल पर बीते वर्षों में स्थानीय विधायक रिकेश सेन सहित कई जनप्रतिनिधि गुरु रविदास जयंती कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं, तब बिना किसी पूर्व सूचना गुरुघर को ध्वस्त करना समझ से परे है। पूर्व में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता अमित जोगी सहित अन्य राजनीतिक व सामाजिक नेताओं की मौजूदगी भी इस गुरुघर की सामाजिक मान्यता को दर्शाती है।
जांच और कार्रवाई की मांग
घटना से आक्रोशित समाज के लोगों ने राज्य सरकार, जिला प्रशासन एवं नगर निगम से तत्काल स्पष्टीकरण की मांग की है। साथ ही, पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
समाज ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही संतोषजनक जवाब और न्याय नहीं मिला, तो वे आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होंगे। अब बड़ा सवाल यह है कि यह कार्रवाई प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम थी या किसी दबाव में लिया गया पक्षपातपूर्ण निर्णय—जिसका जवाब प्रशासन को देना ही होगा।


छोटी सी उम्र में साहिबजादों ने वीरता और गौरव की जो मिसाल पेश की, वह युगों तक प्रेरणा देती रहेगी – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

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बलिदान और कर्तव्य के गौरवशाली इतिहास से नई पीढ़ी को परिचित कराना हमारा नैतिक दायित्व – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री साय वीर बाल रैली में हुए शामिल, हरी झंडी दिखाकर किया रैली का शुभारंभ

साहसिक गतिविधियों और भव्य झांकियों के साथ 5 हजार से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं ने निकाली ऐतिहासिक रैली

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित वीर बाल रैली में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव से रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस भव्य रैली में लगभग 5,000 से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं, स्काउट-गाइड एवं एनसीसी कैडेट्स ने सहभागिता की। रैली में सिख परंपरा की वीरता को दर्शाती गतका जैसी साहसिक गतिविधियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों एवं प्रेरणादायी झांकियों ने उपस्थित जनसमूह को गहरे भावनात्मक स्तर पर जोड़ा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में हम दशम गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों — बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी — के अद्वितीय बलिदान को नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि केवल 9 वर्ष और 7 वर्ष की अल्पायु में साहिबजादों ने जिस अदम्य साहस, आस्था और बलिदान का परिचय दिया, वह मानव इतिहास में अनुकरणीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी छोटी उम्र में भी साहिबजादे किसी दबाव के आगे नहीं झुके, अपनी आस्था से विचलित नहीं हुए और धर्म एवं सत्य की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। यह बलिदान केवल सिख समाज ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है। श्री साय ने कहा कि सिख धर्म की यह गौरवशाली परंपरा हम सभी के लिए गर्व का विषय है। नई पीढ़ी को साहिबजादों के बलिदान और मूल्यों से परिचित कराना हमारा नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 से वीर बाल दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की पहल अत्यंत सराहनीय है। इससे बच्चों और युवाओं में शौर्य, साहस और राष्ट्रप्रेम की भावना प्रबल हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम साहिबजादों के जीवन को देखते हैं, तो हमें दशम गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा दिए गए संस्कारों और शिक्षाओं पर गर्व होता है। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना कर अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष का मार्ग दिखाया। उनकी प्रेरक पंक्तियाँ “सवा लाख से एक लड़ाऊँ, चिड़ियन ते मैं बाज लड़ाऊँ, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहलाऊँ।” आज भी हर भारतीय के भीतर साहस और संघर्ष की चेतना जागृत करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पंक्तियाँ हमें सिखाती हैं कि साधन नहीं, साहस और संकल्प ही विजय का मार्ग प्रशस्त करते हैं। भारत की धरती धन्य है, जिसने ऐसे महान गुरुओं और साहिबजादों को जन्म दिया। उन्होंने इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग एवं शिक्षा विभाग को बधाई और शुभकामनाएँ दीं।

कैबिनेट मंत्री श्री खुशवंत साहेब ने कहा कि साहिबजादों का बलिदान हमें निर्भीकता, सत्यनिष्ठा और राष्ट्रप्रथम की भावना का मार्ग दिखाता है। उनका जीवन हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।

छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा ने साहिबजादों की शहादत के ऐतिहासिक प्रसंगों से उपस्थित जनसमूह को अवगत कराया।

इस अवसर पर रायपुर उत्तर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, क्रेडा अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सवन्नी, सीजीएमएससी अध्यक्ष श्री दीपक म्हस्के, छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा सहित सिख समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधि, समाजसेवी एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


धान की बेहतर कीमत ने बढ़ाया किसान युगल का हौसला

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साढ़े सात एकड़ की खेती से संवर रहा परिवार का भविष्य

रायपुर, छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और समर्थन मूल्य पर सुदृढ़ धान खरीदी व्यवस्था ने प्रदेश के किसानों के जीवन में आर्थिक स्थिरता और आत्मविश्वास का नया संचार किया है। शासन द्वारा 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी तथा समय पर भुगतान से किसानों का खेती के प्रति भरोसा और उत्साह दोनों बढ़ा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ग्राम फेकारी के प्रगतिशील किसान श्री युगल किशोर साहू हैं, जिनकी मेहनत और शासन की नीतियों के समन्वय से परिवार का भविष्य उज्ज्वल हो रहा है।
दुर्ग जिले के ग्राम फेकारी निवासी किसान श्री युगल किशोर साहू ने बताया कि वे लगभग साढ़े सात एकड़ भूमि में धान की खेती करते हैं। इस वर्ष शासन द्वारा की गई बेहतर व्यवस्थाओं के चलते उन्होंने अपनी फसल समर्थन मूल्य पर बेची, जिससे उन्हें संतोषजनक और सुरक्षित आय प्राप्त हुई। उनके चेहरे पर दिखती मुस्कान खेती से मिली आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भरता की कहानी स्वयं बयां करती है।
श्री साहू ने बताया कि खेती से प्राप्त आय का उपयोग वे परिवार के सामाजिक और घरेलू दायित्वों को पूरा करने में कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस आय से वे नए घर का निर्माण कार्य पूर्ण कर रहे हैं। साथ ही बच्चों के विवाह, छट्ठी जैसे पारिवारिक आयोजनों का खर्च भी अब बिना किसी आर्थिक दबाव के आसानी से वहन कर पा रहे हैं।
खेती में नवाचार और विविधीकरण की सोच को अपनाते हुए श्री युगल किशोर साहू केवल धान तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने बताया कि धान के साथ-साथ वे चना, मटर और लाखड़ी (तिवड़ा) जैसी दलहन फसलों की खेती भी कर रहे हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी मिल रही है और खेती का जोखिम भी कम हुआ है।
किसान श्री युगल किशोर साहू ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पहले की तुलना में अब धान की कहीं बेहतर कीमत मिल रही है। 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी से किसानों को सीधा और बड़ा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि शासन की इन नीतियों से किसान अब पहले से कहीं अधिक आर्थिक रूप से सक्षम, आत्मनिर्भर और संतुष्ट महसूस कर रहे हैं।