मोहला 11 जुलाई 2024। जिले में कुपोषण को जड़ से ख़त्म करने और सुपोषित बच्चा बनाने के लिए के ''पोठ्ठ लईका पहल'' कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस संबंध में  मानपुर परियोजना में जमीनी स्तर पर काम कर रहे स्वास्थ्य एवं पोषण सेवा प्रदाताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में एन आर एल एम, बिहान, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास के कार्यकताओं, एएनएम, मितानिनों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम कों संबोधित करते हुए कलेक्टर  श्री एस जयवर्धन ने कहा कि कुपोषण एक गंभीर अभिशाप है।  यह समाज के विकास के लिए बड़ी बाधा है। स्वस्थ्य बच्चा होने से स्वस्थ्य समाज की संरचना को मजबूती मिलेगा। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिले के अंतर्गत कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए ''पोठ्ठ लईका पहल'' चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए अपनी सहभागिता देनी है। प्रशिक्षण में शामिल सभी कर्मचारियों को उन्होंने इस दिशा में सार्थकता के साथ कार्य करने कहा। परियोजना अधिकारी श्रीमती अर्चना के नेतृत्व में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में यूनिसेफ़ के प्रतिनिधि सुश्री रीमा, सुश्री दिव्या, श्री विनोद कुमार केवट, श्री भरत साहू उपस्थित हुए। 
      गतदिवस मोहला जनपद पंचायत सभाकक्ष में कलेक्टर श्री एस जयवर्धन के मार्गदर्शन में कुपोषण मुक्ति अभियान के तहत् ''पोठ्ठ लईका पहल'' अभियान का विकास खंड स्तरीय प्रशिक्षण यूनिसेफ के राज्य प्रतिनिधि सुश्री रीमा एवं सुश्री दिव्या राजपूत एवं सी सैम के जिला कोआर्डिनेटर श्री विनोद केवट द्वारा मोहला ब्लाक के संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्रों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/पर्यवेक्षकों स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानीन प्रेरकों एवं समूह के सदस्यों को अभियान के तहत की जाने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तृत रूप से प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही चयनित कुपोषित बच्चों की देखभाल, खानपान, तिरंगा भोजन का महत्व, टीकाकरण, पालक सम्मेलन, पोषण वाटिका, सामाजिक व्यवहार परिवर्तन आदि के संबंध में बच्चों की माताओं एवं परिवार को जागरूक करने हेतु प्रेरित किया गया। गृह भेट के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों से प्राप्त रेडी टू ईट फूड के सेवन की मॉनिरिंग साथ ही किशोरावस्था से लेकर गर्भावस्था से तक देखभाल एवं खानपान, एनीमिया की रोकथाम हेतु जागरूकता हेतु ग्रामीणों एवं माताओं की प्रेरित करने का अभियान चलाया जायेगा। ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जायेगा। पोठ्ठ लईका अभियान सामुदायिक सहभागिता से ही सफल होगा ये मंत्र सभी को प्रशिक्षण दिया गया।