पूरी दुनिया मे लगभग 54 crore लोग diabetic है। शुगर (मधुमेह) एक ऐसी बीमारी है जिसमें खून में ग्लूकोज (शर्करा) का स्तर बढ़ जाता है, क्योंकि शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या उसका सही इस्तेमाल नहीं कर पाता डॉ खुर्शीद खान पूर्व चिकित्सा अधिकारी शासकीय सिविल अस्पताल धरमजयगढ़
इसके मुख्य प्रकार
टाइप 1,टाइप 2 और जेस्टेशनल डायबिटीज हैं।

जिसमें बार-बार पेशाब आना, ज़्यादा प्यास लगना, थकान और वज़न घटना जैसे लक्षण दिखते हैं, और इसका प्रबंधन स्वस्थ आहार, व्यायाम और दवाओं से किया जाता है.

शुगर एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है जहाँ खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, क्योंकि इंसुलिन हार्मोन की कमी या इंसुलिन प्रतिरोध (resistance) के कारण ग्लूकोज कोशिकाओं तक नहीं पहुँच पाता.

ग्लूकोज शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, और इंसुलिन इसे कोशिकाओं तक पहुँचाने में मदद करता है.

शुगर के प्रकार
टाइप 1: शरीर बिल्कुल इंसुलिन नहीं बनाता.
टाइप 2: शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता या पर्याप्त नहीं बनाता (यह सबसे आम है).
जेस्टेशनल डायबिटीज: गर्भावस्था के दौरान होती है.

शुगर के लक्षण
-बार-बार पेशाब आना
-बहुत ज़्यादा प्यास लगना और भूख लगना,-थकान महसूस होना
-अचानक वज़न घटना,-धुंधला दिखाई देना
-चोट लगने पर घाव का धीरे-धीरे भरना,हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन

शुगर के कारण
आनुवंशिक (जेनेटिक) कारण
खराब जीवनशैली (कम शारीरिक गतिविधि, मीठा ज़्यादा खाना)
मोटापा
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (टाइप 1 शुगर के लिए)

पहचान कैसे करें (जांच)

-फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज (FBG): खाली पेट 100 mg/dL से कम सामान्य, 100-124 mg/dL प्री-डायबिटीज, 125 mg/dL या अधिक डायबिटीज.

-पोस्टप्रेंडियल (PP): खाने के 2 घंटे बाद 140 mg/dL से कम सामान्य, 140-199 mg/dL प्री-डायबिटीज, 200 mg/dL या अधिक डायबिटीज.

– HbA1c: पिछले 3 महीनों का औसत ब्लड शुगर बताता है (6.5% से ऊपर डायबिटीज).

नियंत्रण और प्रबंधन

-आहार: कार्बोहाइड्रेट, चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स कम करें; फाइबर युक्त भोजन खाएं.
-व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करें (जैसे टहलना, योग).
-वज़न नियंत्रण: स्वस्थ वज़न बनाए रखें.
-दवाएँ और इंसुलिन: डॉक्टर की सलाह के अनुसार.
शुगर एक गंभीर बीमारी है, इसलिए स्व-उपचार (self-treatment) से बचें और हमेशा डॉक्टर से सलाह लें.