- इन कर्मचारियों का मानदेय 14 वर्ष में 14/- नहीं बढ़ा मानदेय।
छत्तीसगढ़ राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण )कर्मचारी कल्याण संघ प्रदेश उपाध्यक्ष श्री रजनीकांत बंजारे संगठन मंत्री श्री घनश्याम पटेल एवं रायपुर संभाग अध्यक्ष श्री अश्वनी कुमार थवाईत व प्रांतीय महासचिव अशोक कुमार ने बताया कि सन् – 2018 में ही माननीय पंचायत मंत्री श्री अजय चंद्राकर जी के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारी विकासखंड समन्वय एवं संकुल समनवयकों की मानदेय बढ़ोतरी संबंधी फाइल अप्रुअल किया जा चुका था* -किंतु उनके विभागीय उच्च अधिकारियों के द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया तथा आगे की कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे इन कर्मचारियों की मानदेय में वृद्धि नहीं हो पाई। फिर आचार संहिता लग गया और फाईल आगे मुवमेन्ट हो ही नहीं पाया।
इसके बाद कांग्रेस की सरकार आ गई लेकिन कांग्रेस सरकार के शासनकाल में भी स्वच्छ भारत मिशन के जमीनी स्तर के कर्मचारी विकासखंड समन्वयक एवं संकुल समन्वयकों ने तत्कालीन माननीय पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव जी से वेतन विसंगति के संबंध ने पांच-पांच बार मुलाकात कर अपनी समस्याओं को अवगत कराया गया किंतु आश्वासन की सिवाय कुछ नहीं दिया जाता था वहां भी फाइल कछुआ की चाल चली ।
इन कर्मचारियों की एक ही मांग है :- शासन की गाइडलाइन NRLM के समकक्ष हो इनका मानदेय।
NRLM में कार्यरत कर्मचारियों की मानदेय एसबीएम की कर्मचारियों से लगभग से चार गुना अधिक है। इसी गाइडलाइन के आधार पर राज्य स्तर पर राज्यसमन्वयकों की मानदेय दो से तीन बार बढ़ाई गई है तथा जिला स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों जिला समन्वयक एवं जिला सलाहकार की मानदेय दोगुना किया गया है। सिर्फ और सिर्फ जनपद स्तर पर कार्यरत विकासखंड सयन्वयक एवं संकुल समन्वयकों की मानदेय में वृद्धि नहीं की गई। उन्हें हर बार शोषण का शिकार होना पड़ा है
मंत्रालय के अधिकारियों ने कभी फाइल को खोलकर देखते तक नहीं थे तब स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारियों के द्वारा ही मंत्रालय जाकर फाइल को इस टेबल से उस टेबल कार्रवाई के लिए फाइल को ढूंढ कर एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस तक पहुंचाया करते थे । माननीय पंचायत मंत्री एवं उनके उच्च अधिकारियों के द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जाता था और पूरे 5 साल आश्वासन देने की सिवाय कुछ नहीं किया , फिर काम न होते देख इन कर्मचारियों ने माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी से मिलने के लिए समय मांगा किंतु मुख्यमंत्री जी ने कभी समय नहीं दिया । बड़ी मुश्किल से पांचवें वर्ष में समय दिया जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया किंतु मुख्यमंत्री महोदय एवं उनके उच्च अधिकारियों को कोई प्रभाव नहीं पड़ा और फाइल में क्युरी लिखकर बार- बार वापस लौटा दिया जाता था मिशन संचालक के पास। लेकिन कभी इनकी मानदेय में वृद्धि नहीं की गई ।फाइल इस टेबल से उस टेबल 5 वर्ष तक उनके कार्यकाल में घूमते रहा अंत में फाईल वित्त विभाग में जाने के बाद भी उनके अधिकारियों के द्वारा फाइल अप्रूवल नहीं किया और इस तरह कांग्रेस सरकार की 5 वर्ष निकल गई किंतु स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारियों की मानदेय में वृद्धि नहीं की गई जिन कर्मचारियों की बदौलत कांग्रेस की सरकार ने राष्ट्रीय स्तर स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त किए थे ।
इसके बाद पुनः भाजपा की सरकार आ गई किंतु मंत्रालय में उनके उच्च अधिकारियों के कार्यशाली में कोई परिवर्तन नहीं हुआ और मानदेय बढ़ोतरी वाली फाइल में बार-बार कुछ न कुछ क्युरी लिखकर फाईल वापस करने का सिलसिला जारी रहा । मंत्रालय में बैठे सरकार के उच्च अधिकारियों के इस घोर शोषणनीति के कारण परेशान होकर पूरे छत्तीसगढ़ में जनपद स्तर पर कार्यरत विकासखंड समन्वयक एवं संकुल समन्वयकों सामूहिक त्यागपत्र दे दिया है।