भिलाई। भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष अमित मिश्रा ने कहा है कि मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना केवल झूठे वादे और दावे करने वाली कांग्रेस और भूपेश सरकार का एक और फरेब है।
चुनाव के ठीक पहले अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बुलाकर इस योजना को प्रदेश में लागू करने की घोषणा कर भूपेश बघेल ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ की भोली- भाली गरीब जनता के साथ छलावा किया है उन्होंने कहा कि श्रम विभाग में कानूनों का खुले तौर पर उल्लंघन करने और श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के लाभ से वंचित रखने वाली कांग्रेस सरकार आंकड़ों का खेल करने की बजाय यह बताए कि इस योजना से प्रदेश के कितने लोगों को और कब लाभ मिलेगा।
अमित मिश्रा ने आगे कहा कि निर्माण कार्य में लगे ऐसे पंजीकृत श्रमिकों की संख्या बहुत कम है और 10 साल पूरी करने वालों की संख्या तो और भी नगण्य है। यह योजना नितांत अव्यवहारिक है। उन्होंने आगे कहा कि श्रम विभाग में कौशल विकास योजना के तहत करीब 10 करोड़ रुपए से ज्यादा कंपनियों को भुगतान किया गया है। केंद्र की आरपीएल कौशल विकास योजना में जिस राष्ट्रीय कंपनी को मजदूरों के कौशल विकास योजना का कार्य दिया था, उसे मंत्री के नजदीकी एक ही व्यक्ति को पेटी कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया और बड़ी संख्या में मजदूरों का फर्जी कौशल उन्नयन किया गया। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे कांग्रेसियों ने यहां भी फर्जी तरीके से राशि की बंदरबांट की है। इस योजना में ही पंजीयन किया गया।
मजदूरों के कार्यस्थल पर प्रशिक्षण दिया जाना है, जबकि श्रम विभाग द्वारा श्रम कार्यालयों में फर्जी मजदूरों का प्रशिक्षण कराकर भारी राशि का घोटाला किया गया है। उन्होंने कहा कि मंडल की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में वर्तमान सरकार ने अधिकांश योजनाओं का लाभ उसकी प्रक्रिया को जटिल करते हुए बंद कर दिया है।
अमित मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शासनकाल में पूर्व में पंजीकृत लगभग 18 लाख श्रमिकों के पंजीयन में से वर्तमान सरकार ने करीब 9 लाख पात्र निर्माण मजदूरों का पंजीयन रद्द कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में वर्तमान में निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु कुल 35 लाख श्रमिकों ने आवेदन किया था, पर मात्र 93 हजार श्रमिकों का ही पंजीयन किया गया!