पिथौरा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने के पावन अवसर पर खण्ड पिथौरा के पिरदा मंडल में श्री विजयादशमी उत्सव एवं पथ संचलन का भव्य आयोजन हुआ। संचलन सरस्वती शिशु मंदिर पिरदा से प्रारंभ होकर ग्राम की प्रमुख गलियों से होते हुए शासकीय नवीन महाविद्यालय पिरदा तक संपन्न हुआ।
ग्रामवासियों ने विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का आत्मीय स्वागत किया।

संचलन उपरांत शासकीय नवीन महाविद्यालय परिसर में बौद्धिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि साखाराम चौधरी जी(गोपाल गौशाला संचालक जोगीदादर), मुख्य वक्ता ठाकुर राम यादव जी (संघ विभाग प्रचारक, राजिम विभाग) एवं खण्ड कार्यवाह प्रेमसागर साहू जी मंचासीन थे।

मुख्य अतिथि साखाराम चौधरी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने 100 वर्षों के गौरवशाली इतिहास में राष्ट्रोत्थान हेतु अकल्पनीय कार्य किए हैं। समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर समाज को एक सूत्र में पिरोने में संघ का योगदान अविस्मरणीय है।”

मुख्य वक्ता ठाकुर राम यादव जी ने अपने विस्तृत उद्बोधन में कहा कि “संघ के संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी ने 1925 में विजयादशमी के पावन दिन कुछ युवाओं के साथ जिस संगठन का बीज बोया, वह आज वटवृक्ष बनकर विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन के रूप में खड़ा है। उनका लक्ष्य केवल संगठन बनाना नहीं था, बल्कि समाज में राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और आत्मगौरव की भावना जगाना था। उन्होंने यह दृढ़ विश्वास व्यक्त किया था कि जब समाज संगठित होगा, तभी राष्ट्र सशक्त और स्वतंत्र होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि “आज संघ का कार्य देश के कोने-कोने में फैल चुका है। लाखों स्वयंसेवक निःस्वार्थ भाव से समाज के प्रत्येक क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं — शिक्षा, सेवा, पर्यावरण, स्वदेशी, ग्राम विकास, गौसेवा और सामाजिक समरसता जैसे विविध क्षेत्रों में संघ की प्रेरणा से अनगिनत संगठन कार्यरत हैं।”

ठाकुर राम यादव जी ने कहा कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने अनुषांगिक संगठनों के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है। संघ के विश्व हिन्दू परिषद, भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय किसान संघ, ग्राम भारती, क्रीड़ा भारती, सेवा भारती, विद्या भारती जैसे संगठनों के माध्यम से भारत के प्रत्येक ग्राम तक सेवा और संगठन का कार्य निरंतर चल रहा है। साथ ही ‘पंच परिवर्तन’ — कुटुंब प्रबोधन, स्व का बोध, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक कर्तव्यबोध — जैसे विषयों के माध्यम से समाज में जागृति लाने का कार्य संघ कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि “संघ केवल शाखा तक सीमित नहीं है, बल्कि शाखा से प्रेरित होकर स्वयंसेवक समाज के हर क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं। राष्ट्र के संकट के समय चाहे उत्तराखंड की बाढ़ हो, गुजरात भूकंप, कोरोना महामारी या पंजाब की आपदा — प्रत्येक परिस्थिति में संघ के स्वयंसेवक सेवा के अग्रणी रहे हैं। संघ का प्रत्येक कार्यकर्ता ‘सेवा ही संगठन का स्वरूप है’ इस भावना को अपने जीवन में उतारता है।”

उन्होंने आगे कहा कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष केवल 100 वर्षों का उत्सव नहीं, बल्कि यह तप, त्याग और समर्पण से भरी यात्रा का प्रतीक है। यह वर्ष आत्मचिंतन, आत्मगौरव और नए संकल्प का अवसर है। जिस राष्ट्रनिर्माण के उद्देश्य से 1925 में संघ की स्थापना हुई थी, उसी भावना को लेकर आज लाखों स्वयंसेवक समाज जीवन के हर क्षेत्र में सक्रिय हैं। शताब्दी वर्ष का सार यही है कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति में राष्ट्रभावना और कर्तव्यनिष्ठा का पुनर्जागरण हो।”

उन्होंने कहा कि “संघ का उद्देश्य किसी विशेष जाति, पंथ या वर्ग के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए है। भारत का उत्थान तभी संभव है जब समाज में समरसता, एकता और आत्मगौरव की भावना प्रबल होगी। हमें भेदभाव से ऊपर उठकर ‘सबका सम्मान – सबका समावेश’ की भावना को जीवन में उतारना होगा। यही संघ का संदेश है और यही शताब्दी वर्ष का वास्तविक अर्थ है।”

अंत में उन्होंने आह्वान किया कि “हम सब इस शताब्दी वर्ष में संकल्प लें कि अपने आचरण, कर्म और जीवन से राष्ट्र को सशक्त, आत्मनिर्भर और गौरवशाली बनाने में योगदान देंगे। यही डॉक्टर हेडगेवार जी का सपना था, और यही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य है।”

इस कार्यक्रम में जिला कार्यकारिणी से शैलेश अग्रवाल एवं पिथौरा खण्ड कार्यकारिणी से टिकेंद्र साहू, कृष्ण कुमार शर्मा, भगवान दास यादव, चंद्रशेखर नायडू एवं पिरदा मण्डल के कार्यकर्त्ता भगवान अग्रवाल,ललित बेहरा,सुरेश नायक,दिलीप पटेल शामिल थे।
पिरदा के साथ ही सहभागी मंडल पथरला, बम्हनी, जगदीशपुर के स्वयंसेवक, नगर के अनेक गणमान्य नागरिक एवं मातृशक्ति की गरिमामयी उपस्थिति रही।

यह जानकारी पिथौरा खण्ड कार्यवाह प्रेमसागर साहू एवं हितेश प्रधान द्वारा प्रदान की गई।