एंकर – जहां पारा 44 डिग्री पहुंच गया है जिससे इंसान बीमार पड़ रहे,,तो वहीं अब चमगादड़ों की मौत से लोगों में हड़कंप मच गया है,,जानकारी मिलने के बाद पशु चिकित्सक घटना स्थल पहुंचे और जांच शुरू दी,,,
ज़िला मुख्यालय स्थित पुराने ज़िला हॉस्पिटल परिसर में बिल्डिंग के ठिक बगल से लगे आम के पेड़ में सैकड़ों की संख्या में चमगादड़ रहते हैं,,जहां नवतपा के दौरान भीषण गर्मी भी पड़ रही है,,ऐसे में एकाएक चमगादड़ों का ज़मीन पर मरकर गिरने का सिलसिला जारी है,,वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो पेड़ पर लटके लटके ही मर चुके हैं,,गुरुवार शाम को कुछ
स्थानीय लोगों ने देखा कि कुछ चमगादड़ मर चुके थे और वे पेड़ से नीचे गिरे हुए थे,,जहां चमगादड़ों की मौत के बाद स्थानीय लोग दहशत में हैं,,वहीं पशु विभाग को जानकारी भी दे दिए,,
पशु चिकित्सकों ने शव को लिया कब्जे में,,
बडी संख्या में चमगादड़ों की मौत की जानकारी मिलने के बाद, फ़ौरन पुराने जिला अस्पताल पहुंची टीम ने मरे हुए चमगादड़ों को इकट्ठा कर अपने साथ ले गए,,ताकि आसपास के लोगों को पक्षियो के मरने से संक्रमण फैलने का खतरा ना हो,,फिलहाल,,पशुपालन विभाग ने पक्षियों के शवों के सैंपल लेकर पोस्टमार्टम कर शवों को दफना दिया,, पोस्टमार्टम के बाद उप संचालक पशु चिकित्सा डा0 आर एस बघेल ने बताया कि इस भीषण गर्मी में बढ़ते तापमान के चलते हार्ट अटैक की वजह से इन पक्षियों की मौत हुई है,, जिस पेड़ पर यह रहते हैं, वहां का वातावरण बेहद गर्म है,,
नगरपालिका को लिखेंगे पत्र ,,,
जहां जिले का तापमान 44 डिग्री के आसपास पहुंच रहा जिससे पशु पक्षियों के सामने संकट की स्तिथि निर्मित हो गई है,,डाक्टरों के मुताबिक चमगादड़ों की मौत और घटना स्थल पर बाकी जगह की अपेक्षा ज्यादा तापमान है,,वहीं पक्षियों को राहत पहुंचाने उप संचालक पशु चिकित्सा ने नगरपालिका अमले को पत्र लिखकर पेड़ों पर पानी की फुहार मारने की बात लिखी है,,
मध्य भारत में मिलते हैं स्तनधारी जीव,,
वन विभाग जानकारों के अनुसार यह दुर्लभ प्रजाति का स्तनधारी जीव मध्य भारत के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अधिकांश पाया जाता है,,जिसकी मौत भीषण गर्मी की चपेट में आने से हो रही,,विशेषज्ञों के मुताबिक यह जीव 41 डिग्री से अधिक तापमान होने पर मरने लगता है,, जहां वर्तमान स्थिति में सूरजपुर जिले में तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है,,यही कारण है की इनकी मौत हो जा रही,,